
इंदौर को केवल “स्वच्छता की राजधानी” ही नहीं बल्कि “स्ट्रीट फूड की राजधानी” भी कहा जाए, तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। यहां के खाने का स्वाद न सिर्फ स्थानीय लोगों को, बल्कि देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को भी अपनी ओर खींचता है। इंदौर का सराफा बाजार रात को एक ऐसा रूप लेता है जिसे देखना और चखना दोनों अनिवार्य हो जाता है।
रात 8 बजे के बाद शुरू होती है स्वाद की दुनिया
दिन में सराफा बाज़ार सोने-चांदी की दुकानों से गुलज़ार रहता है, लेकिन जैसे ही रात होती है, दुकानें बंद होती हैं और वहां का माहौल बदल जाता है। 8 बजे के बाद यहां का हर कोना खाने की खुशबुओं से महकने लगता है और सड़कें लोगों से भर जाती हैं। यह बाज़ार लगभग रात 1-2 बजे तक खुला रहता है, और खाने-पीने के शौकीनों का मेला सा लग जाता है।
सराफा के 10 सबसे प्रसिद्ध व्यंजन
गराडू – सर्दियों में गरमा-गरम तली हुई अरबी के टुकड़े मसालेदार चटनी के साथ परोसे जाते हैं।
मालपुआ और रबड़ी – मिठास से भरपूर, गर्मागर्म मालपुए के ऊपर ठंडी रबड़ी का स्वाद मुंह में घुल जाता है।
जलैबी-जलेबा – इंदौर की खास मीठी जलैबी, और उसका बड़ा भाई ‘जलेबा’ – जिसे 250 ग्राम तक तौला जाता है।
पानी पूरी शॉट्स – चखने के अनोखे अंदाज़ के लिए जाने जाते हैं।

भुट्टे का कीस – कद्दूकस किए हुए मकई को दूध और मसालों के साथ पकाकर बनाया गया यह व्यंजन इंदौर की पहचान है।
चाट और आलू टिक्की – स्थानीय मसालों के साथ बना हुआ चटपटा स्वाद।
खोपरा पट्टी और कचोरी – मसालेदार आलू या खोपरायुक्त भरावन के साथ गरमागरम कचोरी।
साबूदाना खिचड़ी – व्रत का भोजन जो सबका पसंदीदा बन गया है।
अनुराग श्रीखंड व मिठाइयाँ – मीठे का समापन श्रीखंड या इंदौर की प्रसिद्ध मिठाई से करें।
जोशी दही बड़ा – यह सिर्फ दही बड़ा नहीं, एक पूरा शो होता है। हवा में फेंककर परोसा जाता है, मसालों की परत के साथ।

फूड के साथ शो भी है खासियत
सराफा में खाना सिर्फ स्वाद का मामला नहीं, बल्कि देखने का अनुभव भी है। जैसे:
- जोशी जी का दही बड़ा फेंककर देना,
- सिंकते हुए गराडू की खुशबू,
- तेज़ी से फेंटते हुए श्रीखंड,
हर एक ठेले पर एक नई कहानी है।
पर्यटकों के लिए क्यों है सराफा स्पेशल?
रात का सुरक्षित माहौल – यहां रात को भी रोशनी, पुलिस गश्त और भीड़ रहती है, जिससे पर्यटक सुरक्षित महसूस करते हैं।
जेब के अनुकूल दाम – ₹20 से ₹100 में पेट भर जाएगा और स्वाद भी भरपूर मिलेगा।
स्थानीय संस्कृति की झलक – इंदौर की बोली, व्यवहार और स्वाद – सब एक ही जगह।
सोशल मीडिया फ्रेंडली लोकेशन
सराफा के रंग-बिरंगे व्यंजन, गर्मागरम तवा, और हाथों में जलेबा – इंस्टाग्राम और यूट्यूब व्लॉग्स के लिए परफेक्ट लोकेशन है।
यहां हर रात, हजारों वीडियो और तस्वीरें क्लिक होती हैं जो इंटरनेट पर वायरल हो जाती हैं।
क्या रखें ध्यान में?
- भीड़ अधिक होती है, पर्स और मोबाइल का ध्यान रखें।
- पेट खाली लेकर जाएं – खाने के आइटम इतने होते हैं कि सब चखना जरूरी हो जाता है।
- थोड़ी देर लाइन में लगना पड़ सकता है, पर स्वाद के लिए ये इंतज़ार सही है।
अगर आप इंदौर आएं और सराफा बाज़ार का स्वाद ना चखें, तो आपकी यात्रा अधूरी मानी जाएगी। यह स्थान सिर्फ फूड लवर्स के लिए नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए है जो भारतीय संस्कृति, विविधता और स्वाद को जीना चाहता है।
रात की दुनिया में सराफा एक चमकता हुआ सितारा है – जहाँ खाने का स्वाद, लोगों की मुस्कान और बाज़ार की रौनक तीनों एक साथ मिलते हैं।
क्या आप सराफा जाने की योजना बना रहे हैं?
तो अपनी अगली ट्रिप में इसे ज़रूर शामिल करें और स्वाद की इस जादुई दुनिया में खो जाएं।
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