
Best Indore News: इंदौर के श्रद्धा और आस्था का प्रमुख केंद्र खजराना गणेश मंदिर इन दिनों एक नई तैयारी के चलते सुर्खियों में है। यहां भगवान गणेश जी को जल्द ही एक नया स्वर्ण मुकुट पहनाया जाएगा। मंदिर प्रशासन द्वारा यह फैसला उस समय लिया गया जब गणेशजी के पुराने मुकुट में दरार (क्रैक) देखी गई। इस महत्वपूर्ण निर्णय ने भक्तों के बीच उत्साह और श्रद्धा को और अधिक गहरा कर दिया है।
क्यों बदला जा रहा है मुकुट?
इंदौर: खजराना गणेश मंदिर में भगवान गणेशजी के श्रृंगार में इस्तेमाल किया जाने वाला स्वर्ण मुकुट अब पुराने हो चुके है। नियमित पूजा और विशेष अवसरों पर होने वाले अलंकरण के कारण मुकुट में महीन दरारें आ गई हैं। इस बात की जानकारी मिलते ही मंदिर समिति ने इस पर गहन विचार-विमर्श किया और नया मुकुट बनाने का निर्णय लिया गया।
पहले तैयार होगा चांदी का मॉडल मुकुट
नए मुकुट को तैयार करने से पहले, मंदिर प्रशासन एक 3 से 3.5 किलो चांदी का मॉडल मुकुट तैयार करेगा। इसे गणेशजी पर पहनाकर देखा जाएगा कि आकार, डिज़ाइन और भार संतुलित है या नहीं। यदि यह मुकुट पूरी तरह अनुकूल और संतोषजनक पाया गया, तभी असली स्वर्ण मुकुट बनाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
कितना होगा वजन और डिज़ाइन?
नए स्वर्ण मुकुट का वजन लगभग 6 से 7 किलो प्रस्तावित है। इसके अलावा गणेश जी के साथ विराजमान रिद्धि और सिद्धि तथा शुभ और लाभ की प्रतिमाओं के लिए भी अलग-अलग मुकुट तैयार किए जाएंगे। रिद्धि-सिद्धि के मुकुट लगभग 1–1.5 किलो और शुभ-लाभ के मुकुट लगभग 500 ग्राम के होंगे।
मुकुट के डिज़ाइन को बेहद भव्य और धार्मिक भावना से प्रेरित रखा गया है। इसमें ॐ, स्वास्तिक, कमल पुष्प, बेलपत्र आकृति, शंख जैसे पवित्र प्रतीकों को उकेरा जाएगा, जिससे मुकुट न केवल सौंदर्य की दृष्टि से मनोहारी हो, बल्कि उसमें आध्यात्मिक ऊर्जा का भी संचार हो।
कौन देखेगा प्रक्रिया की निगरानी?
इस कार्य की पारदर्शिता सुनिश्चित करने हेतु मंदिर ट्रस्ट द्वारा एक 10-सदस्यीय निगरानी समिति बनाई गई है। इस समिति में पुजारियों, शिल्पकारों, नगर निगम के प्रतिनिधियों, खजाना विभाग तथा स्थानीय गणमान्य नागरिकों को शामिल किया गया है। यह समिति मुकुट निर्माण की हर प्रक्रिया पर नज़र रखेगी और गुणवत्ता सुनिश्चित करेगी।
कब तक बनकर तैयार होगा मुकुट?
मंदिर प्रशासन का लक्ष्य है कि यह नया मुकुट आगामी गणेश चतुर्थी से पहले बनकर तैयार हो जाए। हालांकि, यदि किसी कारणवश यह समयसीमा पूरी नहीं हो पाई, तो गणेश चतुर्थी पर भगवान को पुराना मुकुट पहनाया जाएगा और ‘तिल चतुर्थी’ (जनवरी) के अवसर पर नया मुकुट धारण कराया जाएगा।
चांदी का मॉडल मुकुट तैयार होने में लगभग 1 महीना, और उसके बाद स्वर्ण मुकुट के निर्माण में लगभग 20–25 दिन का समय लगेगा। इस प्रक्रिया को पारंपरिक तौर-तरीकों और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पूर्ण किया जाएगा।
सोने की व्यवस्था कैसे होगी?
मंदिर ट्रस्ट के पास पहले से ही 6 से 6.5 किलो सोना विभिन्न रूपों में उपलब्ध है, जिसमें पुराने मुकुट, चैन, छत्र आदि शामिल हैं। यदि आवश्यकता पड़ी, तो भक्तों से स्वर्ण दान भी लिया जा सकता है। कई श्रद्धालु पहले ही इस धार्मिक कार्य में योगदान देने की इच्छा जता चुके हैं।
श्रद्धालुओं में उत्साह
इस समाचार के सामने आने के बाद से ही शहर सहित प्रदेशभर के श्रद्धालुओं में भारी उत्साह देखा जा रहा है। सभी की भावनाएं गणेशजी के नए मुकुट से जुड़ी हैं और भक्तगण इसकी भव्यता देखने को आतुर हैं। माना जा रहा है कि यह मुकुट खजराना गणेश जी के इतिहास में अब तक का सबसे भव्य अलंकरण होगा।
खजराना गणेश मंदिर केवल एक पूजा स्थल नहीं, बल्कि इंदौर की आत्मा है। यहां हर दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। गणेशजी के इस नए स्वर्ण मुकुट से न केवल मंदिर की शोभा बढ़ेगी, बल्कि आस्था भी और अधिक प्रबल होगी।
यह पहल मंदिर की धार्मिक गरिमा, संस्कृति संरक्षण और भव्यता को दर्शाती है। उम्मीद है कि इस मुकुट के साथ खजराना गणेशजी और भी अधिक भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करेंगे और सभी को सुख, समृद्धि और शुभता का आशीर्वाद देंगे।
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