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इंदौर में कार रेंटल फ्रॉड का पर्दाफाश: Zoom App से कार किराए पर लेकर बेचते थे

Indore News: Car rental fraud exposed in Indore:


Best Indore News: मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर से एक चौंकाने वाला कार रेंटल फ्रॉड सामने आया है, जिसमें दो आरोपियों ने Zoom App जैसे कार रेंटल प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग करते हुए कारों को किराए पर बुक किया और फिर उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में सस्ते दामों में बेच दिया। परदेशीपुरा पुलिस ने इस मामले में दोनों मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और आगे की जांच जारी है।

फरियादी की सतर्कता से हुआ खुलासा

इंदौर में कार रेंटल फ्रॉड का पर्दाफाश: Zoom App से कार किराए पर लेकर बेचते थे स जालसाजी का भंडाफोड़ तब हुआ जब भवन सक्सेना नामक एक नागरिक ने अपनी कार के रेंटल पीरियड को बार-बार बढ़ाने की संदिग्ध मांग पर संदेह जताया। उन्होंने जब Zoom App से अपनी कार को बुक कराने वाले व्यक्ति से संपर्क किया, तो जवाब संतोषजनक नहीं मिला। उन्हें शक हुआ कि कहीं उनकी कार का गलत इस्तेमाल तो नहीं हो रहा है। उन्होंने तत्परता दिखाते हुए तुरंत परदेशीपुरा थाने में शिकायत दर्ज कराई।

पुलिस की तफ्तीश में निकली चौंकाने वाली जानकारी

शिकायत मिलते ही पुलिस ने डिजिटल ट्रेसिंग और गाड़ी की लोकेशन ट्रैकिंग शुरू की। जांच में सामने आया कि जिन लोगों ने कार किराए पर ली थी, वे महज उपयोग के लिए नहीं बल्कि उसे ग्रामीण क्षेत्रों में बेचने के मकसद से बुक कर रहे थे। आरोपी अब तक लगभग 10 से अधिक कारें इस तरह बेच चुके थे।

Zoom App से गाड़ियों की बुकिंग और फिर ग़ायब

पुलिस जांच में यह भी स्पष्ट हुआ कि आरोपी Zoom जैसी प्रतिष्ठित रेंटल कंपनियों के ऐप्स से फर्जी डॉक्युमेंट्स के सहारे गाड़ियों को बुक करते थे। वे कार लेकर बड़े शहरों से दूर, छोटे कस्बों और गांवों में चले जाते, जहां वाहन के असली मालिक की जांच करने वाला कोई नहीं होता। यहां वे कम दामों पर अनजान ग्रामीणों को ये गाड़ियाँ बेच देते थे।

कार बेचने की तरकीब

आरोपियों ने ग्रामीण इलाकों में अपनी पहुंच बना रखी थी और वहां पहले से कुछ ‘बिचौलियों’ से संपर्क कर रखा था। वे वहां की भोली-भाली जनता को ये कहकर गाड़ियाँ बेचते थे कि यह बैंक से नीलामी में मिली है या मालिक विदेश जा रहा है। इस तरह वे एक नई गाड़ी को भी कम कीमत पर बेच देते थे और जल्द पैसा कमा लेते थे।

दो आरोपी गिरफ्तार, गिरोह में और लोगों की तलाश

पुलिस ने फिलहाल दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जिनके नाम गोपनीय रखे गए हैं। पुलिस की शुरुआती जांच में इस रैकेट में और भी लोगों के शामिल होने की संभावना है, विशेषकर वे लोग जो ग्रामीण इलाकों में कारें खरीदते और बेचते हैं। पुलिस का कहना है कि जल्दी ही इस फ्रॉड रैकेट के मास्टरमाइंड को भी पकड़ा जाएगा।

क्या बोले पुलिस अधिकारी?

परदेशीपुरा थाना प्रभारी ने कहा –

“यह एक सुनियोजित ठगी का मामला है। आरोपियों ने तकनीक का इस्तेमाल करके कारों को किराए पर लिया और फिर उन्हें बेचने की योजना बनाई। फरियादी की सतर्कता और समय पर रिपोर्टिंग से हम इस फ्रॉड का जल्दी खुलासा कर सके।”

Zoom App जैसी सेवाओं के लिए चेतावनी

इस घटना के बाद ऑनलाइन रेंटल प्लेटफॉर्म्स को भी सजग रहने की सलाह दी गई है। पुलिस ने कंपनियों से अपील की है कि वे बुकिंग के लिए यूज़ किए जा रहे दस्तावेजों की दोबारा जांच करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि को तुरंत रिपोर्ट करें।

आम जनता के लिए सबक

यह मामला आम नागरिकों के लिए भी एक चेतावनी है कि जब भी आप अपनी कार रेंट पर दें या किसी भी प्रकार की संपत्ति को किराए पर दें, तो सभी दस्तावेजों और उपयोग की निगरानी करें। साथ ही, डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते समय आवश्यक सतर्कता बरतना बेहद जरूरी है।


इंदौर पुलिस की तेज़ कार्यवाही ने एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा किया है। इस घटना से यह स्पष्ट है कि टेक्नोलॉजी का दुरुपयोग करके भी फ्रॉड संभव है, लेकिन समय पर सतर्कता और सही कदम उठाकर इससे बचा जा सकता है। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए नागरिकों, प्लेटफॉर्म्स और प्रशासन – सभी को मिलकर काम करना होगा।

इंदौर की अधिक जानकारी, हर क्षेत्र के सर्वश्रेष्ठ विकल्प और स्थानीय अपडेट्स के लिए हमारी वेबसाइट Best Indore पर जरूर विजिट करें।

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