
राजस्व बढ़ाने के लिए इंदौर विकास प्राधिकरण की बड़ी पहल: 261 करोड़ के लक्ष्य के साथ बेचे जाएंगे फ्लैट, प्लॉट और दुकानें
इंदौर – मध्यप्रदेश का आर्थिक और शहरी केंद्र बन चुका इंदौर अब एक और बड़े बदलाव की ओर अग्रसर है। इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) ने अपने खाली पड़ी संपत्तियों का बेहतर उपयोग करते हुए आगामी महीनों में 261 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित करने का लक्ष्य तय किया है। इसके तहत शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में स्थित फ्लैट, प्लॉट और दुकानें बिक्री के लिए टेंडर प्रक्रिया द्वारा उपलब्ध कराई जाएंगी।
यह निर्णय शुक्रवार को हुई बोर्ड बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता संपदा आयुक्त दीपक सिंह ने की। बैठक में 600 फ्लैट, 40 दुकानें और 24 प्लॉट को बिक्री के लिए चिन्हित किया गया है। प्राधिकरण का उद्देश्य न केवल राजस्व अर्जन करना है, बल्कि आम जनता की आवासीय आवश्यकताओं को भी पूरा करना है।
आईडीए इन संपत्तियों की सूची जल्द ही अपनी वेबसाइट और कार्यालय में प्रकाशित करेगा, जिससे इंदौर वासियों को आसानी से जानकारी मिल सके।
इंदौर में अधोसंरचना को नई गति
इंदौर में अधोसंरचना से जुड़े बड़े निर्णयों को भी इस बैठक में मंजूरी मिली। भारतीय खाद्य निगम (FCI) को योजना 78 फेज-2 में भूमि आवंटित की गई है, जिससे औद्योगिक क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिलेगा। वहीं सुपर कॉरिडोर पर कृषि उपज मंडी समिति को भी एक भूखंड आबंटित किया गया है, जिससे किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।
इसके अलावा पीएसएम-12 पर एक नए पुल का निर्माण, योजना 151 और 169 में 34 लाख लीटर पानी की क्षमता वाली टंकी का निर्माण जैसे कार्यों के लिए 90 करोड़ रुपये की न्यूनतम निविदाएं भी स्वीकृत की गई हैं। ये कार्य इंदौर को स्मार्ट और टिकाऊ शहर बनाने की दिशा में एक और कदम हैं।
इंदौर का बढ़ता प्रभाव
इंदौर देश का पहला ऐसा शहर है जिसने लगातार 7 वर्षों तक स्वच्छता में पहला स्थान प्राप्त किया है। अब इंदौर की पहचान केवल सफाई या स्मार्ट सिटी तक सीमित नहीं रही, बल्कि संपत्ति विकास, निवेश और अधोसंरचना क्षेत्र में भी यह शहर राज्य में अग्रणी बन चुका है।
आईडीए की इस योजना से न केवल सरकारी आय में बढ़ोतरी होगी, बल्कि निजी निवेशकों और आम नागरिकों को भी लाभ मिलेगा। शहर में रियल एस्टेट गतिविधियों में तेजी आने की संभावना है।
निवासियों के लिए संदेश
इंदौर के निवासी यदि आईडीए की इन योजनाओं में रुचि रखते हैं, तो वे प्राधिकरण की आधिकारिक वेबसाइट या कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं। सभी योजनाएं पारदर्शी टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से होंगी, जिससे नागरिकों को भरोसेमंद और वैध संपत्तियां प्राप्त हो सकेंगी।