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स्वच्छता में शीर्ष शहरों को एक-एक शहर गोद लेना होगा… इसी से तय होगी रैंकिंग

Best Indore News The top cities in cleanliness will have

Best Indore News स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत केंद्र सरकार ने स्वच्छता सर्वेक्षण के मानकों में एक बड़ा बदलाव करते हुए घोषणा की है कि अब स्वच्छता में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले शहरों को एक-एक शहर गोद लेना होगा। यही नहीं, गोद लिए गए शहर की स्वच्छता में सुधार ही उनकी अगली रैंकिंग का आधार बनेगा।

इस नई प्रणाली का उद्देश्य केवल अपने शहर को स्वच्छ बनाना नहीं, बल्कि दूसरों को भी प्रेरित कर साथ लेकर चलना है।

स्वच्छता में लगातार नंबर 1 रहने वाले शहरों पर बढ़ी जिम्मेदारी

जैसे कि इंदौर, जो लगातार 7 वर्षों से स्वच्छता में देश का नंबर 1 शहर बना हुआ है, उसे अब सरकार द्वारा तय किए गए किसी कम रैंकिंग वाले शहर को गोद लेना होगा और वहां स्वच्छता के मॉडल को लागू करने में मदद करनी होगी।

इस अभियान को नाम दिया गया है – “एक शहर, एक संकल्प”

क्या है योजना का उद्देश्य?

स्वच्छता सर्वेक्षण 2025 के नए दिशानिर्देशों के अनुसार:

  • टॉप रैंकिंग वाले शहरों को कम प्रदर्शन करने वाले शहरों को मेंटरशिप देनी होगी
  • उन्हें अपने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, कचरा पृथक्करण, जनभागीदारी, और नवाचार जैसे मॉडल साझा करने होंगे
  • केंद्र द्वारा 6 महीने के भीतर फीडबैक और ग्राउंड रिपोर्ट ली जाएगी
  • गोद लिए गए शहर में यदि सुधार दिखता है, तो गोद लेने वाले शहर को अतिरिक्त रेटिंग और पुरस्कार मिलेगा

इंदौर के लिए नया चैलेंज

इंदौर नगर निगम कमिश्नर ने इस योजना को लेकर कहा:

“हम इस नई व्यवस्था का स्वागत करते हैं। इंदौर ने जो सीखा है, उसे पूरे देश के साथ साझा करना हमारी जिम्मेदारी है। जल्द ही हम एक प्रभावी कार्य योजना बनाएंगे।”

संभावना है कि इंदौर को एमपी या आसपास के राज्यों के किसी पिछड़े नगर को गोद लेने की जिम्मेदारी मिलेगी। नगर निगम की टीम पहले से ही कुछ मॉड्यूल और टीम तैयार कर रही है।

देशभर में कैसे लागू होगा ये मॉडल?

  • देश के शीर्ष 50 शहरों को यह जिम्मेदारी दी जाएगी
  • प्रत्येक शहर को एक ग्रेड-3 या ग्रामीण स्तर का शहर दिया जाएगा
  • डिजिटल निगरानी, माइक्रो प्लानिंग, और फील्ड ट्रेनिंग के जरिए प्रगति की निगरानी की जाएगी
  • यह सहयोग मल्टी-स्टेकहोल्डर मॉडल के तहत होगा – जिसमें नगरीय निकाय, एनजीओ, और निजी कंपनियाँ शामिल होंगी

रैंकिंग में क्या बदलेगा?

नई स्वच्छता रैंकिंग में निम्नलिखित बदलाव होंगे:

पुरानी व्यवस्थानई व्यवस्था
केवल अपने शहर का प्रदर्शनअपने + गोद लिए गए शहर का प्रदर्शन
कचरा प्रबंधन, ULB दस्तावेज़जन-सहभागिता, मेंटरशिप
फील्ड सर्वेइम्पैक्ट ऑडिट भी शामिल

इससे लोगों को परिणाम नज़र आने वाले बदलावों की ओर आकर्षित किया जाएगा।

विशेषज्ञों की राय क्या है?

** uraban planner डॉ. अशोक वर्मा** कहते हैं:

“स्वच्छता केवल सिस्टम से नहीं आती, यह एक आदत है। अगर सफल शहर अपनी आदतें और रणनीतियाँ दूसरों के साथ बांटेंगे, तो यह एक स्थायी आंदोलन बन सकता है।”

गोद लिए शहरों को क्या मिलेगा?

  • तकनीकी मार्गदर्शन और फील्ड ट्रेनिंग
  • कचरा प्रबंधन के लिए वाहन, स्टाफ की योजना
  • IEC (Information, Education, Communication) गतिविधियों में सहयोग
  • केंद्र सरकार की तरफ से अतिरिक्त अनुदान और फंडिंग

इंदौर मॉडल” को अपनाने की तैयारी

इंदौर की उपलब्धियाँ:

  • 100% डोर-टू-डोर कलेक्शन
  • 6 R मॉडल (Reduce, Reuse, Recycle, Recover, Redesign, Reimagine)
  • नर्मदा ग्रीन कॉरिडोर
  • कचरे से कंपोस्ट और बायोगैस प्लांट

अब इन मॉडलों को गोद लिए शहरों में स्थापित करने की योजना बनाई जाएगी।

स्वच्छता सिर्फ प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय जिम्मेदारी है। यदि हर टॉप शहर एक-एक कमजोर शहर को साथ लेकर चले, तो देश के हजारों शहरों को नया जीवन मिल सकता है।

यह योजना भारत को न केवल स्वच्छ बनाएगी, बल्कि एकजुटता और साझा उत्तरदायित्व का भी संदेश देगी।

इंदौर की अधिक जानकारी, हर क्षेत्र के सर्वश्रेष्ठ विकल्प और स्थानीय अपडेट्स के लिए हमारी वेबसाइट Best Indore पर जरूर विजिट करें।

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