
Best Indore News इंदौर, 24 जुलाई 2025 — शहर के एक निजी अस्पताल में काम करने वाले एक लैब टेक्नीशियन द्वारा आत्महत्या करने की खबर ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। यह मामला प्रेम प्रसंग से जुड़ा बताया जा रहा है, जिसमें निजी और मानसिक तनाव के चलते युवक ने अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली।
घटना इंदौर के एक नामी प्राइवेट अस्पताल की है, जहां 28 वर्षीय युवक टेक्नीशियन के पद पर कार्यरत था। पुलिस को प्राथमिक जांच में प्रेम प्रसंग की बात सामने आई है, जिसके चलते युवक बीते कुछ समय से तनाव में चल रहा था।
क्या हुआ था?
पुलिस के अनुसार, युवक ने बुधवार रात अपने किराए के मकान में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सुबह जब वह अस्पताल नहीं पहुंचा और फोन कॉल्स का जवाब नहीं दिया, तब उसके साथियों ने मकान मालिक से संपर्क किया। जब दरवाजा तोड़ा गया, तो उसका शव पंखे से लटका मिला।
युवक की पहचान और पृष्ठभूमि
युवक की पहचान अभिषेक (परिवर्तित नाम) के रूप में हुई है, जो बीते चार वर्षों से इंदौर में एक निजी अस्पताल की लैब में काम कर रहा था। मूलतः वह धार जिले का रहने वाला था और यहां नौकरी के सिलसिले में किराए के मकान में अकेला रह रहा था।
अभिषेक के करीबी साथियों का कहना है कि वह बीते कुछ हफ्तों से चुप-चुप रहने लगा था। एक महिला सहकर्मी से उसका संबंध था, जो हाल ही में उससे दूर हो गई थी।
पुलिस जांच में क्या निकला?
पुलिस ने युवक के कमरे से एक सुसाइड नोट बरामद किया है, जिसमें उसने निजी रिश्तों से जुड़ी पीड़ा और टूटे दिल की बात लिखी है। हालांकि, पुलिस ने अभी तक उस महिला की पहचान सार्वजनिक नहीं की है और उससे पूछताछ जारी है।
सुसाइड नोट में लिखा गया है:
“मैं थक गया हूं, अब और सहन नहीं कर सकता। मुझे माफ कर देना। मैं किसी को दोष नहीं देता, यह मेरा खुद का फैसला है।”
अस्पताल प्रशासन की प्रतिक्रिया
अस्पताल प्रबंधन ने घटना पर दुख जताया है और कहा कि अभिषेक एक जिम्मेदार और मेहनती कर्मचारी था।
“हमें इस घटना से गहरा दुख हुआ है। हम उसके परिवार के संपर्क में हैं और हरसंभव मदद देने का प्रयास कर रहे हैं।”
परिवार का दर्द
अभिषेक के माता-पिता को जैसे ही यह खबर मिली, वे इंदौर के लिए रवाना हुए। उनके अनुसार, अभिषेक ने कभी इस तरह के मानसिक तनाव की बात नहीं की थी।
मां का रो-रोकर बुरा हाल है और उन्होंने कहा कि,
“अगर बेटा कुछ कहता तो शायद हम उसे समझा पाते।”
सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य की चिंता
यह घटना फिर से यह सवाल उठाती है कि प्रेम में टूटे दिल और मानसिक तनाव के मामलों को समाज में गंभीरता से क्यों नहीं लिया जाता।
मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि रिश्तों में विफलता और अकेलापन आज के युवाओं को भीतर से तोड़ देता है।
“ऐसे युवाओं को समय पर काउंसलिंग और परिवारिक समर्थन मिलना बहुत जरूरी है,” — डॉ. सीमा शर्मा, मनोचिकित्सक।
पुलिस की अगली कार्रवाई
पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आत्महत्या के लिए उकसाने की आशंका के तहत उस महिला की भूमिका की जांच कर रही है। अगर साक्ष्य मिलते हैं, तो कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
इंदौर में हुए इस दर्दनाक हादसे ने फिर एक बार यह सोचने पर मजबूर किया है कि प्यार, रिश्ते और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर समाज को और अधिक संवेदनशील होने की जरूरत है। ऐसे मामलों में परिवार, दोस्त और संस्थाएं आगे आकर समय पर सहयोग करें तो कई जीवन बचाए जा सकते हैं
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