“7 साल के बच्चे के नाम पर ज़मीन हड़पने का खुलासा, 28 साल बाद साजिश बेनकाब”

28 साल बाद ज़मीन घोटाले का पर्दाफाश: 7 साल के मासूम को 18 का बताकर हड़पी ज़मीन, हाईकोर्ट के आदेश पर लोकायुक्त ने दर्ज किया केस Best Indore News मध्यप्रदेश में प्रशासनिक भ्रष्टाचार और ज़मीन घोटालों का एक बड़ा मामला सामने आया है, जिसमें एक मासूम 7 साल के बच्चे को 18 साल का दिखाकर उसकी ज़मीन को हथियाने का सनसनीखेज़ खुलासा हुआ है। यह पूरा मामला करीब 28 साल पुराना है और अब जाकर जबलपुर हाईकोर्ट के आदेश पर लोकायुक्त ने इसमें शामिल जिला खनिज अधिकारी (DMO) समेत अन्य अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। क्या है मामला? यह मामला मध्यप्रदेश के एक ग्रामीण क्षेत्र का है, जहां वर्ष 1996 में एक 7 वर्षीय बालक के नाम पर ज़मीन के दस्तावेज़ों में हेराफेरी कर उसे 18 साल का बताया गया और उसकी ज़मीन को गैर-कानूनी तरीके से हड़प लिया गया। इस कारनामे में कुछ प्रशासनिक अधिकारियों और ज़मीन माफियाओं की मिलीभगत सामने आई है। बच्चे के अभिभावकों को भी सही जानकारी नहीं दी गई और दस्तावेज़ों में उनकी सहमति को फर्जी तरीके से दर्शाया गया। ज़मीन का हस्तांतरण इस प्रकार किया गया, जैसे वह बालिग होते ही अपनी संपत्ति किसी और को सौंप रहा हो। 28 साल बाद कैसे खुला मामला? इस मामले को उजागर करने में एक सामाजिक कार्यकर्ता और RTI एक्टिविस्ट की अहम भूमिका रही, जिन्होंने वर्ष 2023 में इस मामले से जुड़े दस्तावेज़ों को सार्वजनिक कराया। इसके बाद प्रभावित परिवार ने जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच के आदेश दिए और इस बात की पुष्टि हुई कि दस्तावेज़ों में झूठी उम्र दर्ज की गई थी। इस आधार पर हाईकोर्ट ने लोकायुक्त पुलिस को एफआईआर दर्ज करने और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। लोकायुक्त की कार्रवाई हाईकोर्ट के निर्देश के बाद लोकायुक्त ने जिला खनिज अधिकारी (DMO), तत्कालीन पटवारी, तहसीलदार और ज़मीन रजिस्ट्रेशन विभाग के कुछ कर्मचारियों पर केस दर्ज कर लिया है। जांच में यह भी सामने आया है कि इस तरह के और भी कई मामले हो सकते हैं, जो अभी तक प्रकाश में नहीं आए हैं। लोकायुक्त ने इस केस को एक मिसाल मानते हुए पूरी प्रक्रिया की जांच शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि इस मामले में IPC की कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है, जिसमें धोखाधड़ी, सरकारी दस्तावेज़ों में फर्जीवाड़ा और पद का दुरुपयोग जैसी गंभीर धाराएं शामिल हैं। प्रशासन पर सवाल इस मामले से प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हुए हैं। एक नाबालिग के नाम पर इस तरह की हेराफेरी न केवल कानूनी अपराध है, बल्कि यह नैतिक रूप से भी निंदनीय है। इतने वर्षों तक इस मामले का सामने न आना, यह दर्शाता है कि किस तरह से सिस्टम में बैठे कुछ भ्रष्ट लोग आम जनता की संपत्ति और अधिकारों को छीनने में लगे हैं। अब आगे क्या? हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब इस मामले में कानूनी प्रक्रिया तेज़ हो गई है। प्रभावित परिवार को न्याय मिलने की उम्मीद जगी है। साथ ही अन्य पीड़ित भी अब सामने आ सकते हैं, जिन्होंने सालों पहले ऐसी ही धोखाधड़ी का सामना किया हो। लोकायुक्त की जांच टीम अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस तरह की कितनी और ज़मीनों पर इसी तरह के फर्जी तरीके से कब्जा किया गया है। राज्य सरकार ने भी इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी जिलों में पुराने ज़मीन ट्रांजैक्शन की समीक्षा के निर्देश दिए हैं। यह घटना न सिर्फ एक व्यक्तिगत पीड़ा है, बल्कि यह प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार की भयावह तस्वीर भी है। 7 साल के मासूम के साथ हुई यह साजिश अब 28 साल बाद सामने आई है, लेकिन यह हमारे सिस्टम को आईना दिखाने के लिए पर्याप्त है। अब ज़रूरत है, पारदर्शिता, जवाबदेही और आम जनता को ज़मीन और संपत्ति से जुड़े मामलों में सजग करने की। इस मामले को एक चेतावनी के रूप में देखते हुए समाज को ऐसे मामलों में आवाज उठानी चाहिए। इंदौर की अधिक जानकारी, हर क्षेत्र के सर्वश्रेष्ठ विकल्प और स्थानीय अपडेट्स के लिए हमारी वेबसाइट Best Indore पर जरूर विजिट करें।
“जैन मंदिर से लौट रही बुजुर्ग महिला से ठगी, फर्जी पुलिस बनकर उड़ाई सोने की चेन”

इंदौर में बुजुर्ग महिला से ठगी का मामला: फर्जी पुलिस बनकर ठग ने उड़ाई सोने की चेन Best Indore News इंदौर में बढ़ते अपराधों के बीच एक और शर्मनाक घटना सामने आई है। जैन मंदिर से दर्शन करके लौट रही एक बुजुर्ग महिला को शातिर ठग ने अपना शिकार बना लिया। खुद को पुलिसकर्मी बताकर ठग ने पहले महिला को झांसे में लिया और फिर चालाकी से उसकी सोने की चेन चुरा ली। यह घटना शहरवासियों को एक बार फिर सतर्क रहने की चेतावनी दे रही है। घटना का विवरण: यह घटना इंदौर के एक प्रमुख जैन मंदिर के आसपास की है। मंदिर से दर्शन कर वापस लौट रही एक वृद्ध महिला को रास्ते में एक व्यक्ति मिला, जिसने खुद को पुलिसकर्मी बताया। उसने महिला को यह कहते हुए रोका कि इलाके में चेन स्नेचिंग की घटनाएं बढ़ गई हैं, इसलिए वे गहनों को बैग में रख लें ताकि सुरक्षित रहें। भरोसा जीतने के लिए फर्जी आईडी और यूनिफॉर्म का इस्तेमाल: बताया जा रहा है कि आरोपी ने पुलिस जैसी वर्दी पहन रखी थी और उसके पास एक नकली आईडी भी थी। वृद्ध महिला को भरोसे में लेने के लिए उसने बहुत ही आत्मविश्वास और अधिकारिक भाषा का इस्तेमाल किया। आरोपी ने बुजुर्ग महिला से कहा, “आपके गहनों को सुरक्षित रखना बहुत जरूरी है, हम रोज यहां चेकिंग कर रहे हैं।” ठगी की चाल: जैसे ही महिला ने अपनी सोने की चेन उतारकर बैग में रखने के लिए दी, आरोपी ने चेन को एक कागज में लपेटने का नाटक किया और महिला को वही पैकेट थमा दिया। महिला को शक न हो इसलिए उसने जल्दी में चेन की जगह नकली धातु का सामान लपेट दिया और असली चेन लेकर मौके से फरार हो गया। जब महिला ने घर पहुंचकर पैकेट खोलकर देखा, तो उसमें केवल पीतल जैसी दिखने वाली नकली वस्तु निकली। पुलिस में शिकायत दर्ज: महिला के परिवार द्वारा तुरंत नजदीकी थाने में शिकायत दर्ज कराई गई। पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है और आस-पास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं ताकि आरोपी की पहचान की जा सके। हालांकि अब तक आरोपी का कोई सुराग नहीं मिल पाया है। हाई अलर्ट और जागरूकता की अपील: पुलिस ने इस घटना के बाद लोगों से अपील की है कि वे किसी भी अजनबी व्यक्ति, चाहे वह खुद को पुलिसकर्मी ही क्यों न बता रहा हो, पर तुरंत भरोसा न करें। यदि कोई खुद को पुलिस बताकर गहने हटाने या बैग में रखने को कहे, तो पहले उसकी पहचान सत्यापित करें या नजदीकी पुलिस स्टेशन से संपर्क करें। लगातार बढ़ रही ऐसी घटनाएं: इंदौर में इस तरह की घटनाएं पहले भी सामने आ चुकी हैं, जहां बदमाश खुद को सरकारी अधिकारी, बैंक कर्मचारी या पुलिस बताकर लोगों को लूट चुके हैं। खासकर बुजुर्ग, महिलाएं और अकेले चल रहे लोग ऐसे अपराधियों के आसान शिकार बनते हैं। प्रशासन को सख्ती बरतने की जरूरत: शहर में लगातार ऐसी घटनाएं सामने आने के बावजूद अब तक अपराधियों को रोकने में प्रशासन और पुलिस पूरी तरह से सफल नहीं हो पाए हैं। नागरिकों की सुरक्षा के लिए अब तकनीकी निगरानी (जैसे सीसीटीवी नेटवर्क, फेस रिकग्निशन सॉफ्टवेयर) को और सशक्त करने की आवश्यकता है। क्या करें, क्या न करें – कुछ सावधानियां: इंदौर जैसी स्मार्ट सिटी में इस तरह की घटनाएं बेहद चिंताजनक हैं। पुलिस और प्रशासन को चाहिए कि ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई करें ताकि आम जनता में सुरक्षा की भावना बनी रहे। साथ ही नागरिकों को भी सतर्क और जागरूक रहना होगा ताकि अपराधियों की चाल में न फंसें। इंदौर की अधिक जानकारी, हर क्षेत्र के सर्वश्रेष्ठ विकल्प और स्थानीय अपडेट्स के लिए हमारी वेबसाइट Best Indore पर जरूर विजिट करें।
आज का अंक राशिफल – 18 जुलाई 2025

आज का अंक राशिफल – 18 जुलाई 2025: एक ऐसा विज्ञान है जो हमारे जन्म तिथि के माध्यम से हमारे भविष्य, स्वभाव और दिनचर्या को समझने का प्रयास करता है। 18 जुलाई 2025 का मूलांक 9 बनता है (1+8+7+2+0+2+5 = 25 → 2+5 = 7)। यह दिन विशेष रूप से मूलांक 9, 7 और 3 वालों के लिए महत्वपूर्ण रहेगा। आइए जानें आज का अंक राशिफल। मूलांक 1 (यदि आपका जन्म 1, 10, 19, 28 को हुआ है) आज का दिन आत्मविश्वास से भरा रहेगा। नया प्रोजेक्ट या योजना शुरू करने के लिए उपयुक्त समय है। लोगों से सराहना मिलेगी।शुभ अंक: 3 | शुभ रंग: सुनहरा मूलांक 2 (2, 11, 20, 29) भावनाएं हावी हो सकती हैं, इसलिए निर्णय सोच-समझकर लें। किसी पुराने मित्र से मुलाकात हो सकती है।शुभ अंक: 6 | शुभ रंग: सफेद मूलांक 3 (3, 12, 21, 30) कार्यस्थल पर सफलता मिलेगी। वरिष्ठों से सहयोग प्राप्त होगा। विद्यार्थियों के लिए दिन अनुकूल रहेगा।शुभ अंक: 9 | शुभ रंग: पीला मूलांक 4 (4, 13, 22, 31) अचानक खर्च बढ़ सकते हैं, आर्थिक निर्णय सोचकर लें। किसी पर ज्यादा भरोसा करने से बचें।शुभ अंक: 5 | शुभ रंग: ग्रे मूलांक 5 (5, 14, 23) आज का दिन परिवर्तन और यात्रा से जुड़ा हो सकता है। कुछ नया सीखने का मौका मिलेगा।शुभ अंक: 1 | शुभ रंग: हरा मूलांक 6 (6, 15, 24) प्रेम संबंधों में मधुरता आएगी। घर के वातावरण में शांति बनी रहेगी। कला और रचनात्मक कार्यों में रुचि बढ़ेगी।शुभ अंक: 2 | शुभ रंग: गुलाबी मूलांक 7 (7, 16, 25) ध्यान और आध्यात्मिक चिंतन का समय है। आत्मनिरीक्षण से समाधान मिलेगा। कोई रुका हुआ कार्य आज पूर्ण हो सकता है।शुभ अंक: 7 | शुभ रंग: नीला मूलांक 8 (8, 17, 26) कार्य में बाधाएं आ सकती हैं, लेकिन धैर्य से काम लें। स्वास्थ्य पर ध्यान दें।शुभ अंक: 4 | शुभ रंग: काला मूलांक 9 (9, 18, 27) ऊर्जा और जोश से भरपूर दिन रहेगा। सामाजिक और पारिवारिक कार्यों में सफलता मिलेगी।शुभ अंक: 8 | शुभ रंग: लाल विशेष सुझाव आज का मूलांक 9 है, जो मंगल ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। आज शक्ति, साहस और नेतृत्व के गुणों को जाग्रत करने का दिन है। कोई नया संकल्प लेने का उत्तम समय है। इंदौर की अधिक जानकारी, हर क्षेत्र के सर्वश्रेष्ठ विकल्प और स्थानीय अपडेट्स के लिए हमारी वेबसाइट Best Indore पर जरूर विजिट करें।
आज का पंचांग – 18 जुलाई 2025

ज्योतिषीय दृष्टिकोण से जानिए दिन की शुभता और ग्रहों की स्थिति आज का पंचांग 18 जुलाई 2025, शुक्रवार है। यह दिन मां लक्ष्मी को समर्पित माना जाता है और व्यापारिक दृष्टिकोण से अत्यंत शुभ माना गया है। पंचांग के अनुसार आज चंद्रमा कन्या राशि में गोचर कर रहा है, जिससे बुद्धि, तर्क और विश्लेषणात्मक क्षमता में वृद्धि होगी। साथ ही आज उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र का प्रभाव रहेगा, जो विवाह, सौंदर्य और शुभ कार्यों के लिए अनुकूल होता है। शुभ मुहूर्त में आज कोई नया कार्य प्रारंभ करने से सफलता की संभावनाएं प्रबल रहेंगी। वहीं राहुकाल दोपहर 1:30 से 3:00 बजे तक रहेगा, इस समय किसी भी महत्वपूर्ण कार्य को टालना उचित होगा। ज्योतिषीय दृष्टि से देखा जाए तो आज का दिन मानसिक शांति और आत्मविश्लेषण के लिए पंचांग विवरण: ज्योतिषीय महत्व: 18 जुलाई 2025 का दिन शुक्रवार होने के कारण माँ लक्ष्मी की उपासना के लिए अत्यंत शुभ है। यह दिन आर्थिक योजनाओं, सौंदर्य-संबंधी कार्यों तथा वैवाहिक जीवन में सामंजस्य के लिए विशेष प्रभावशाली माना जाता है। चंद्रमा कुंभ राशि में संचार कर रहा है, जो तकनीक, इनोवेशन और समाजसेवा से जुड़ी गतिविधियों को उर्जावान बनाता है। अगर आप कोई नया प्रयोग, रिसर्च या नेटवर्किंग प्लान बना रहे हैं तो यह समय आपके लिए उत्तम रहेगा। क्या करें, क्या न करें: करें: न करें: शुक्रवार विशेष उपाय (ज्योतिषी दृष्टि से): इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, अगर आपके जीवन में आर्थिक अस्थिरता है, तो आज के दिन “ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः” का 108 बार जप करें। घर में दक्षिण-पूर्व दिशा में दीपक जलाना भी अत्यंत लाभकारी होगा। आज का दिन ग्रहों की चाल के अनुसार मिश्रित फलदायक है। कार्यों में निरंतरता और मन में शांति बनाए रखने से सफलता मिलेगी। शुक्र ग्रह के प्रभाव से प्रेम संबंधों में मिठास आएगी और कला-संस्कृति से जुड़े लोगों को मान-सम्मान मिलेगा। इंदौर की अधिक जानकारी, हर क्षेत्र के सर्वश्रेष्ठ विकल्प और स्थानीय अपडेट्स के लिए हमारी वेबसाइट Best Indore पर जरूर विजिट करें।
“सुपर लीग जीत पर इंदौर में जश्न, राजबाड़ा पर उमड़ा जनसैलाब”

सुपर लीग के तमगे के बाद इंदौर में जबर्दस्त उत्साह: ऐतिहासिक राजबाड़ा पर जश्न शुरू, सफाईकर्मियों का होगा सम्मान Best Indore News इंदौर ने एक बार फिर अपने स्वच्छता के रिकॉर्ड को कायम रखते हुए सुपर लीग में स्थान पाकर पूरे देश में अपनी छवि को और भी मजबूत किया है। जैसे ही यह खबर शहरवासियों तक पहुंची, पूरा इंदौर उत्साह और गर्व से झूम उठा। ऐतिहासिक राजबाड़ा में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी और वहां जश्न का माहौल बन गया। इंदौर – स्वच्छता में लगातार अग्रणी पिछले 7 वर्षों से देश के सबसे स्वच्छ शहर का खिताब अपने नाम कर चुका इंदौर, अब स्वच्छता सुपर लीग का हिस्सा बन चुका है। इस उपलब्धि ने न केवल नगर निगम और प्रशासन के प्रयासों को सम्मानित किया है, बल्कि शहरवासियों की जागरूकता और सहयोग को भी सलाम किया गया है। स्वच्छता की यह परंपरा अब इंदौर के डीएनए में शामिल हो चुकी है। यहां न केवल सड़कें और मोहल्ले साफ हैं, बल्कि नागरिकों में भी गंदगी के प्रति जीरो टॉलरेंस देखने को मिलता है। राजबाड़ा पर भव्य आयोजन, लोगों में जोश इस सम्मान की घोषणा होते ही, राजबाड़ा पर विशेष समारोह आयोजित किया गया। ढोल-नगाड़ों, बैंड-बाजों और तिरंगे के साथ हजारों लोग जमा हुए। स्कूल के छात्र, सफाई कर्मचारी, नगर निगम अधिकारी, स्थानीय समाजसेवी, और आम नागरिक – सभी इस गौरव के साक्षी बनने पहुंचे। विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, स्वच्छता पर जागरूकता गीतों, और सम्मान समारोहों ने इस कार्यक्रम को और भव्य बना दिया। इंदौर की जनता ने दिखा दिया कि यह केवल एक अवॉर्ड नहीं बल्कि एक भावना है, जो उन्हें एकजुट करती है। सफाईकर्मियों का होगा विशेष सम्मान इंदौर को इस मुकाम तक पहुँचाने में सफाईकर्मियों की मेहनत और लगन का बड़ा हाथ है। नगर निगम ने ऐलान किया है कि आगामी दिनों में शहर के हर ज़ोन से चुने गए श्रेष्ठ सफाईकर्मियों को विशेष रूप से सम्मानित किया जाएगा। नगर निगम आयुक्त ने कहा, “सफाईकर्मी हमारे असली नायक हैं। उनके बिना यह संभव नहीं होता। हम उन्हें सिर्फ एक दिन नहीं, पूरे साल सम्मान देना चाहते हैं।” युवा और महिलाओं की भागीदारी सराहनीय इंदौर की इस स्वच्छता यात्रा में युवाओं और महिलाओं की भूमिका भी उल्लेखनीय रही है। कॉलेजों में स्वच्छता क्लब बनाए गए हैं, स्कूलों में बच्चों को पर्यावरण शिक्षा दी जाती है, और कई महिला मंडल घर-घर जाकर कचरा अलग करने की मुहिम चला रहे हैं। इस बार की स्वच्छता सुपर लीग में इंदौर की खास बात रही – “कचरा अलग करो अभियान”, जिसने गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग इकट्ठा करने की आदत को सामान्य बनाया। अगला लक्ष्य: हर मोहल्ला मॉडल ज़ोन नगर निगम अब स्वच्छता के अगले चरण की तैयारी में जुट गया है। योजना है कि शहर के हर वार्ड को “मॉडल स्वच्छता ज़ोन” में बदला जाए, जहां कचरा न हो, दीवारें रंगीन हों, और लोगों को सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की पूरी जानकारी हो। डिजिटल समाधान और नवाचार भी प्रमुख कारण इंदौर ने स्वच्छता में तकनीकी उपायों को भी अपनाया है। नगर निगम द्वारा चलाया गया “स्वच्छ ऐप”, जीपीएस युक्त कचरा गाड़ियों की निगरानी, और हाईटेक कचरा प्रोसेसिंग प्लांट्स – ये सभी पहलुओं ने शहर को सुपर लीग तक पहुँचाने में मदद की। मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री ने दी बधाई इंदौर की इस ऐतिहासिक सफलता पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शहरवासियों को बधाई दी। प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर लिखा – “इंदौर ने फिर कर दिखाया। देश के लिए यह प्रेरणा है।” इंदौर की सफलता सिर्फ एक शहर की नहीं, बल्कि पूरे भारत की प्रेरणा है। यह साबित करता है कि जब प्रशासन, नागरिक और समाज एक साथ आते हैं, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता। अब इंदौर का अगला कदम होगा – सस्टेनेबल स्वच्छता की ओर। और यकीनन, यह शहर हर बार की तरह फिर मिसाल बनेगा। इंदौर की अधिक जानकारी, हर क्षेत्र के सर्वश्रेष्ठ विकल्प और स्थानीय अपडेट्स के लिए हमारी वेबसाइट Best Indore पर जरूर विजिट करें।
गंभीर चोट पर हल्की धाराएं क्यों? हाईकोर्ट ने पुलिस को लगाई फटकार”

Best Indore News गंभीर जख्मों पर कमजोर धाराओं में केस दर्ज करने की प्रवृत्ति पर हाई कोर्ट ने जताई सख्त नाराजगीमध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने एक अहम मामले में पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया है कि अगर किसी व्यक्ति को गंभीर चोटें आई हैं, तो केवल मामूली धाराएं लगाने के बजाय उचित गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया जाए। साथ ही हाई कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि घायल की चोटों की फोटो केस दर्ज करते समय अवश्य ली जाए ताकि मामले की गंभीरता को नकारा न जा सके। यह आदेश राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) को दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि सभी जिलों में कार्यरत पुलिस अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए जाएं कि वे गंभीर मामलों को हल्के में न लें और प्राथमिकी (FIR) में उचित धाराएं लगाई जाएं। कोर्ट का सख्त रुख हाईकोर्ट ने कहा कि यह अत्यंत चिंताजनक है कि जब किसी व्यक्ति को गंभीर रूप से चोट लगती है, तब भी पुलिस सिर्फ कमजोर धाराओं जैसे धारा 323 (साधारण मारपीट) के तहत केस दर्ज करती है। इससे आरोपी को लाभ मिल जाता है और पीड़ित को न्याय मिलने में देरी होती है। यह बात विशेष रूप से उजागर हुई जब कोर्ट के समक्ष एक केस आया जिसमें पीड़ित के सिर पर गंभीर चोट आई थी, लेकिन पुलिस ने सिर्फ मामूली धाराएं लगाकर आरोपी को छोड़ दिया। क्या है धाराओं का महत्व? भारतीय दंड संहिता (IPC) में विभिन्न धाराएं अलग-अलग अपराधों के लिए निर्धारित की गई हैं। यदि किसी को साधारण चोट लगती है, तो धारा 323 लगाई जाती है। लेकिन यदि फ्रैक्चर, सिर में गहरी चोट, या जानलेवा हमला होता है, तो धारा 325, 326, या 307 जैसी गंभीर धाराएं लगाई जानी चाहिए। यदि पुलिस इन गंभीर धाराओं को नजरअंदाज करती है, तो आरोपी को जमानत मिलना आसान हो जाता है और वह कानून की गिरफ्त से बच जाता है। DGP को निर्देश कोर्ट ने डीजीपी को आदेश दिया है कि इस मुद्दे पर जल्द से जल्द एक परिपत्र (सर्कुलर) जारी किया जाए और सभी पुलिस अधीक्षकों (SPs) को निर्देश दिया जाए कि वे घायल के मेडिकल प्रमाणों को ध्यान में रखते हुए उचित धाराओं में केस दर्ज करें। साथ ही कहा गया कि: पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल पुलिस का यह रवैया, जहां गंभीर मामलों में भी सिर्फ औपचारिकता निभाई जाती है, कोर्ट ने ‘चिंताजनक’ बताया है। ऐसे मामलों में पीड़ितों को न केवल शारीरिक पीड़ा सहनी पड़ती है, बल्कि उन्हें न्याय पाने के लिए वर्षों तक कोर्ट-कचहरी के चक्कर भी काटने पड़ते हैं। आमजन की अपेक्षाएं अब जब हाई कोर्ट ने सख्त आदेश जारी कर दिए हैं, तो आम लोगों को उम्मीद है कि पुलिस अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाएगी। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में जहां पुलिस अकसर मामलों को रफा-दफा कर देती है, वहां इस आदेश से बड़ी राहत मिल सकती है। मध्यप्रदेश हाई कोर्ट का यह फैसला न केवल पीड़ितों को न्याय दिलाने में मदद करेगा, बल्कि पुलिस को भी जवाबदेह बनाएगा। गंभीर मामलों को कमजोर धाराओं में दर्ज करना न्याय की अवमानना है और इसे अब रोका जाना आवश्यक है। यह निर्देश अगर ईमानदारी से लागू किया गया, तो पुलिस और जनता के बीच विश्वास की डोर मजबूत होगी, और कानून का सम्मान भी बढ़ेगा। इंदौर की अधिक जानकारी, हर क्षेत्र के सर्वश्रेष्ठ विकल्प और स्थानीय अपडेट्स के लिए हमारी वेबसाइट Best Indore पर जरूर विजिट करें।
“मप्र में बिजली का नया दौर: अगस्त से शुरू होगी प्रीपेड व्यवस्था”

Best Indore News मध्यप्रदेश में बिजली उपभोग की प्रणाली में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। अगस्त 2025 से प्रदेश में प्रीपेड बिजली व्यवस्था लागू की जा रही है। सबसे पहले यह व्यवस्था सरकारी कार्यालयों में लागू होगी, जिसके बाद आम उपभोक्ताओं को भी चरणबद्ध तरीके से इस मोड पर स्थानांतरित किया जाएगा। यह फैसला ऊर्जा विभाग द्वारा बिजली बिल वसूली को दुरुस्त करने और पारदर्शिता बढ़ाने के उद्देश्य से लिया गया है। क्या है प्रीपेड बिजली व्यवस्था? प्रीपेड बिजली प्रणाली ठीक उसी प्रकार है जैसे हम मोबाइल में रिचार्ज करवाते हैं। उपभोक्ताओं को पहले से तय यूनिट के लिए भुगतान करना होगा और उसी अनुसार उन्हें बिजली की सुविधा मिलेगी। यदि बैलेंस समाप्त हो जाता है, तो बिजली कनेक्शन स्वतः बंद हो जाएगा, जब तक उपभोक्ता पुनः रिचार्ज न करवा ले। पहले चरण में सरकारी दफ्तर अगस्त महीने से सभी सरकारी विभागों, दफ्तरों, स्कूलों, हॉस्पिटल्स, और अन्य संस्थानों में प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। इससे इन संस्थानों में अनावश्यक बिजली खपत पर नियंत्रण लगेगा और समय पर भुगतान सुनिश्चित होगा। आम उपभोक्ताओं के लिए भी तैयारी ऊर्जा विभाग की योजना के अनुसार, सितंबर 2025 से आम नागरिकों को भी प्रीपेड सिस्टम में लाया जाएगा। इसके लिए नई तकनीक आधारित स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तहत कुछ कॉलोनियों और कस्बों में इस योजना की शुरुआत की जा रही है। उपभोक्ताओं को क्या होगा फायदा? चुनौतियाँ भी हैं हालांकि इस नई प्रणाली के कई लाभ हैं, लेकिन इसके सामने कुछ व्यवहारिक चुनौतियाँ भी हैं: सरकार की योजना ऊर्जा मंत्री ने बयान दिया कि “प्रीपेड बिजली व्यवस्था से पूरे राज्य में बिजली की बर्बादी रुकेगी और राजस्व बढ़ेगा। हम इसे एक बड़ी सुधार प्रक्रिया के रूप में देख रहे हैं।” इसके लिए राज्य सरकार ने स्मार्ट ग्रिड टेक्नोलॉजी, मोबाइल ऐप और हेल्पलाइन नंबर भी विकसित किए हैं। उपभोक्ता को क्या करना होगा? मध्यप्रदेश में प्रीपेड बिजली व्यवस्था एक बड़ा बदलाव है जो न केवल बिजली की खपत को नियंत्रित करेगा बल्कि सरकारी और आम नागरिक दोनों के लिए पारदर्शी व्यवस्था प्रदान करेगा। शुरुआत में कुछ दिक्कतें आ सकती हैं, लेकिन दीर्घकालिक रूप से यह एक सुधारात्मक कदम सिद्ध होगा। अगर आप भी उपभोक्ता हैं, तो इस नई प्रणाली को समझना और अपनाना जरूरी है ताकि आप बिना किसी रुकावट के बिजली सेवा का लाभ उठा सकें। इंदौर की अधिक जानकारी, हर क्षेत्र के सर्वश्रेष्ठ विकल्प और स्थानीय अपडेट्स के लिए हमारी वेबसाइट Best Indore पर जरूर विजिट करें।
आज का पंचांग – 17 जुलाई 2025

तिथि: 17 जुलाई 2025, गुरुवारहिंदू कैलेंडर के अनुसार: श्रावण मास, शुक्ल पक्ष, चतुर्थी तिथिदिन: गुरुवारस्थान: भारत (इंदौर सहित सभी मुख्य स्थानों प पंचांग के मुख्य अंग: धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व: 17 जुलाई 2025 का दिन गणेश चतुर्थी व्रत के लिए अति उत्तम है। श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर गणेश जी की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है। आज के दिन विघ्नहर्ता की आराधना से परिवार में सुख-शांति आती है और समस्त विघ्न समाप्त होते हैं। हस्त नक्षत्र के प्रभाव से यह दिन व्यापार, नौकरी में उन्नति और मानसिक शांति के लिए अत्यंत अनुकूल है। वहीं, कन्या राशि में चंद्रमा होने से लोग व्यवहारिक, व्यस्त और योजनाबद्ध रहेंगे। ज्योतिषीय सुझाव: राशि अनुसार आज के उपाय: राशि उपाय मेष गाय को गुड़ और चना खिलाएं वृषभ पीले वस्त्र धारण करें मिथुन गणेश मंदिर में दीपक जलाएं कर्क हल्दी का तिलक लगाएं सिंह गरीब बच्चों में मिठाई बाँटें कन्या तुलसी को जल अर्पित करें तुला गणेश चालीसा का पाठ करें वृश्चिक सफेद वस्त्र पहनें और शिव अभिषेक करें धनु पीले पुष्प गणेश जी को अर्पित करें मकर केले का दान करें कुंभ तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाएं मीन चंदन का तिलक लगाएं 17 जुलाई 2025 का दिन धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत शुभ है। आज का पंचांग व्यापार, नौकरी, पूजा-पाठ और परिवार के साथ समय बिताने के लिए उत्तम है। यदि आप किसी शुभ कार्य की योजना बना रहे हैं, तो आज का दिन आपके लिए लाभकारी हो सकता है। अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट Best Indore पर जरूर विजिट करें।
8 साल पहले ही इंदौर दे चुका था गीले कचरे से खाद बनाने की सीख: अब देश भर में बना उदाहरण

Best Indore News इंदौर, जिसे देश का सबसे स्वच्छ शहर कहा जाता है, ने सफाई और कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम की है। 8 साल पहले जब देश के कई शहरों में कचरा निपटान और स्वच्छता एक बड़ी समस्या थी, तब इंदौर नगर निगम ने गीले कचरे से खाद बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया था। उस समय यह पहल न केवल साहसिक थी, बल्कि देशभर के शहरों के लिए एक प्रेरणा भी बन गई। कैसे शुरू हुई थी पहल? 2016 में इंदौर नगर निगम ने यह महसूस किया कि शहर में प्रतिदिन हजारों टन गीला कचरा निकलता है, जो बिना उपयोग के फेंक दिया जाता है। इस कचरे को अगर सही तकनीक से प्रोसेस किया जाए, तो इससे ऑर्गेनिक खाद तैयार की जा सकती है, जो खेती के लिए बेहद उपयोगी हो सकती है। इसके बाद नगर निगम ने शहर में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण की शुरुआत की, जिसमें सूखा और गीला कचरा अलग-अलग इकट्ठा किया जाने लगा। गीले कचरे को विशेष प्लांट्स में भेजा जाता था, जहां उसे खाद में बदला जाता था। शुरुआत में इस प्रक्रिया में कुछ चुनौतियाँ आईं, लेकिन नगर निगम, सफाई मित्रों और आम जनता के सहयोग से यह प्रणाली सफल रही। परिणाम क्या निकले? देशभर में इंदौर का मॉडल इंदौर की इस पहल ने बाकी शहरों को भी प्रेरित किया। भोपाल, उज्जैन, देवास, नागपुर, पुणे जैसे शहरों ने इंदौर के मॉडल को अपनाया और अपने शहरों में कंपोस्ट प्लांट शुरू किए। भारत सरकार के स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत भी इंदौर की इस सफलता को विशेष स्थान मिला। केंद्र सरकार की टीमों ने कई बार इंदौर के कंपोस्ट प्लांट्स का दौरा किया और अन्य राज्यों को इससे सीख लेने की सलाह दी। तकनीक और प्रक्रिया लाभ इंदौर की उपलब्धियां इंदौर की यह पहल बताती है कि अगर स्थानीय प्रशासन, नागरिक और सफाईकर्मी मिलकर कार्य करें, तो कोई भी बदलाव असंभव नहीं होता। गीले कचरे से खाद बनाने की जो सीख इंदौर ने 8 साल पहले दी थी, वह आज पूरे देश में फल-फूल रही है। इंदौर न सिर्फ सफाई में आगे है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी नेतृत्व कर रहा है। यह प्रयास आने वाली पीढ़ियों के लिए एक हरित और स्वच्छ भारत का सपना साकार करने की दिशा में बड़ा कदम है। इंदौर की अधिक जानकारी, हर क्षेत्र के सर्वश्रेष्ठ विकल्प और स्थानीय अपडेट्स के लिए हमारी वेबसाइट Best Indore पर जरूर विजिट करें।
नीट-यूजी 2025: दोबारा परीक्षा की मांग पर अब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई – छात्रों की उम्मीदें और न्याय व्यवस्था की परीक्षा

Best Indore News देशभर में लाखों छात्रों के भविष्य से जुड़ी नीट-यूजी 2025 परीक्षा अब एक नई कानूनी लड़ाई के मोड़ पर पहुंच गई है। राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET-UG) को लेकर बीते दिनों में जो विवाद सामने आए, उसने पूरे देश में शिक्षा व्यवस्था की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कई छात्र, अभिभावक और संगठनों ने दोबारा परीक्षा कराने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अब इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई तय हो चुकी है, जिससे छात्र समुदाय को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। क्या है नीट-यूजी परीक्षा विवाद? NEET-UG 2025, जो कि मेडिकल, डेंटल और अन्य चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए अनिवार्य है, इस साल भी विवादों में घिर गया। कई अभ्यर्थियों ने परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक, समय से पहले हल मिलना, OMR शीट की गड़बड़ी, और कुछ केंद्रों पर अनुचित व्यवहार जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। इसके अलावा, रिजल्ट जारी होने के बाद कुछ छात्रों को मिले ‘पूर्ण अंक’ (720/720) पर भी सवाल उठे, खासकर तब जब उनकी grace marking या स्कोरिंग में पारदर्शिता नहीं दिखाई दी। छात्रों और अभिभावकों की मांग छात्रों का स्पष्ट कहना है कि जब परीक्षा की प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं रही और कई लोगों को अनुचित लाभ मिला, तो फिर इसे निष्पक्ष नहीं कहा जा सकता। ऐसे में, लाखों छात्रों के साथ न्याय करने के लिए एकमात्र रास्ता है – नीट-यूजी की पुनः परीक्षा कराना। छात्रों का दावा है कि जब परीक्षा में अनियमितताएं सिद्ध हो चुकी हैं, तो सिर्फ दोषियों पर कार्रवाई से बात नहीं बनेगी, बल्कि पूरी परीक्षा प्रणाली को दोबारा निष्पक्ष तरीके से लागू करना होगा। सुप्रीम कोर्ट में क्या हो सकता है? अब जब यह मामला सुप्रीम कोर्ट की चौखट तक पहुंच गया है, तो न्यायपालिका से बड़ी उम्मीदें बंध गई हैं। कोर्ट इस मुद्दे पर विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई करेगा, जिसमें CBI जांच की मांग, परीक्षा रद्द करने और दोबारा कराने की मांग भी शामिल है। कोर्ट यह भी देखेगा कि क्या नीट जैसी एक बड़ी और महत्वपूर्ण परीक्षा में कथित भ्रष्टाचार और अनियमितताएं इतनी गंभीर हैं कि परीक्षा को दोहराना आवश्यक है। सुनवाई की तारीख तय हो चुकी है, और इस पर पूरे देश की नजरें टिकी हैं। शिक्षा मंत्रालय और NTA की भूमिका शिक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) ने अब तक दोबारा परीक्षा कराने की मांग को खारिज करते हुए यह तर्क दिया है कि केवल कुछ केंद्रों पर शिकायतें मिली थीं और ऐसी स्थिति में पूरे देश की परीक्षा को रद्द करना उचित नहीं होगा। साथ ही यह भी कहा गया है कि यदि किसी छात्र को नुकसान हुआ है, तो उसे सुधारात्मक उपाय दिए जाएंगे। हालांकि, कई विशेषज्ञों का मानना है कि परीक्षा की निष्पक्षता और छात्रों के भरोसे को कायम रखने के लिए सरकार और एजेंसियों को अब ज़िम्मेदारी से जवाब देना होगा। छात्रों का मनोबल और मानसिक स्वास्थ्य लगातार विवादों और अनिश्चितताओं के कारण छात्रों में तनाव और चिंता का स्तर काफी बढ़ गया है। कई छात्र कहते हैं कि परीक्षा की तैयारी के लिए उन्होंने एक वर्ष या अधिक समय तक दिन-रात मेहनत की थी, और अब यह सब व्यर्थ जाता दिखाई दे रहा है। ऐसे में देश की जिम्मेदारी है कि वह छात्रों के मनोबल को टूटने न दे और निष्पक्ष निर्णय ले। सोशल मीडिया और जनआंदोलन सोशल मीडिया पर #NEETReExam ट्रेंड कर रहा है, और हजारों छात्र अपने अनुभव और आक्रोश को साझा कर रहे हैं। कई जगहों पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन भी हुए हैं। छात्र यह कह रहे हैं कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा, तब तक वे अपनी आवाज़ उठाते रहेंगे। नीट-यूजी 2025 का विवाद केवल एक परीक्षा से जुड़ा मामला नहीं है, यह छात्रों के भविष्य, शिक्षा की गुणवत्ता, और परीक्षा प्रणाली की निष्पक्षता से जुड़ा बड़ा सवाल है। अब जब यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है, तो उम्मीद की जा रही है कि न्यायपालिका छात्रों के हित में एक उचित फैसला सुनाएगी। देश के लाखों परिवारों की निगाहें अब सुप्रीम कोर्ट पर हैं, और यह समय है जब शिक्षा व्यवस्था को पुनः विश्वास दिलाने का मौका मिला है। यदि दोबारा परीक्षा कराई जाती है, तो यह एक साहसिक और न्यायसंगत कदम होगा। इंदौर की अधिक जानकारी, हर क्षेत्र के सर्वश्रेष्ठ विकल्प और स्थानीय अपडेट्स के लिए हमारी वेबसाइट Best Indore पर जरूर विजिट करें।