Top 1 Astrologer in Indore

रात को लोग सो रहे थे, पानी 3 हजार घरों में घुसा: शहडोल में 4 इंच बारिश, शहर का 40% हिस्सा डूबा; रेलवे ट्रैक और जिला अस्पताल भी पानी में डूबे

Best Indore News People were sleeping at night, water entered 3 thousand houses

एक रात की बारिश और शहर बेहाल

Best Indore News: मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में शुक्रवार देर रात हुई भारी बारिश ने शहर की कमर तोड़ दी। रात करीब 1 बजे से शुरू हुई मूसलधार बारिश ने महज कुछ ही घंटों में 4 इंच से ज्यादा पानी बरसा दिया, जिससे शहर का लगभग 40% हिस्सा जलमग्न हो गया।

सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि जब लोग गहरी नींद में थे, तब पानी घरों में घुस चुका था। कई लोग सुबह नींद से तब जागे जब उनके बिस्तर के पास पानी बह रहा था या फर्नीचर बह चुका था।

3000 घरों में घुसा पानी, सबसे ज्यादा प्रभावित बस्तियाँ

प्रशासन के प्रारंभिक आकलन के अनुसार, करीब 3000 मकानों में पानी घुस गया, जिनमें निम्न आय वर्ग की बस्तियाँ सबसे ज्यादा प्रभावित रहीं। इन क्षेत्रों में:

  • नाला पार कॉलोनी
  • जयस्तंभ चौक के आसपास का क्षेत्र
  • शिवनगर और प्रेमनगर कॉलोनी
  • रेलवे स्टेशन और उसके पास की झुग्गियाँ

लोगों के घरों में घुटनों तक पानी भर गया। बिस्तर, गैस सिलेंडर, राशन, कपड़े और जरूरी कागज़ात बह गए या भीग गए।

“हम सो रहे थे, अचानक आवाज आई — अलमारी गिर गई, जब उठकर देखा तो पूरा घर पानी में था। बच्चे डर गए थे।” — स्थानीय निवासी, शिवनगर

जिला अस्पताल और रेलवे ट्रैक भी जलमग्न

शहर के जिला अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर में भी बारिश का पानी भर गया, जिससे आपातकालीन सेवाएँ प्रभावित हुईं। मरीजों को ऊपरी मंजिलों पर शिफ्ट किया गया, और कई वार्डों में बिजली सप्लाई काटनी पड़ी।

शहडोल रेलवे स्टेशन पर ट्रैक पर भी पानी जमा हो गया, जिससे कुछ ट्रेनें या तो रद्द कर दी गईं या उनका मार्ग बदला गया। यात्रियों को घंटों तक स्टेशन पर फंसे रहना पड़ा।

प्रशासन की आपातकालीन कार्रवाई

घटना के बाद जिला प्रशासन, नगर निगम और आपदा प्रबंधन दल तुरंत हरकत में आ गए। प्रशासन ने:

  • नाव और ट्रैक्टर की मदद से लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुँचाया
  • नगर निगम की टीमें लगातार जल निकासी में लगी हुई हैं
  • अस्थायी राहत शिविर तैयार किए गए, जहाँ पीड़ित परिवारों को भोजन और बिस्तर दिया गया
  • स्कूलों में छुट्टी घोषित की गई

“हालात बेहद गंभीर हैं, लेकिन सभी विभाग मिलकर राहत कार्य में जुटे हैं। प्राथमिकता लोगों की जान और जरूरी सामान को सुरक्षित करना है।” — कलेक्टर, शहडोल

खेती और पशुधन को भी नुकसान

बारिश का कहर गांवों और खेतों पर भी पड़ा। जलभराव के कारण:

  • कई किसानों की बुआई की गई फसलें डूब गईं
  • कुछ इलाकों में मवेशी बह जाने की खबरें भी आईं
  • तालाब और नालों का पानी खेतों में भर गया, जिससे मिट्टी की गुणवत्ता पर भी असर पड़ेगा

“धान बोया था, दो दिन पहले अंकुर निकले थे — अब खेत में पानी-पानी है, सब बर्बाद हो गया।” — किसान, बुढार तहसील

सोशल मीडिया पर तस्वीरें और वीडियो वायरल

लोगों ने सोशल मीडिया पर घरों के अंदर बहते पानी, सड़क पर तैरती गाड़ियाँ, और रेलवे ट्रैक पर बहते जल के वीडियो और फोटो शेयर किए। यह दृश्य लोगों को 2021 की बाढ़ की याद दिला गया।

कुछ इलाकों में बिजली आपूर्ति 10 घंटे तक बाधित रही, जिससे संचार सेवाओं पर भी असर पड़ा।

10 वर्षों की सबसे भारी रात की बारिश

मौसम विभाग के अनुसार, यह बारिश शहडोल में पिछले 10 वर्षों में जुलाई महीने की सबसे तेज रात की बारिश मानी जा रही है। इसने शहर की ड्रेनेज व्यवस्था की खामियाँ भी उजागर कर दीं।

  • औसतन जुलाई में 300 मिमी बारिश होती है
  • बीती रात में ही 100+ मिमी (4 इंच से अधिक) बारिश दर्ज की गई
  • विभाग ने अगले 24 घंटों में और बारिश का पूर्वानुमान जताया है

स्थायी समाधान की माँग

स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों ने सरकार और प्रशासन से स्थायी जल निकासी व्यवस्था की मांग की है। कई कॉलोनियों में हर साल पानी भरता है, लेकिन अब तक इसका स्थायी समाधान नहीं निकल पाया है।

“हर साल यही होता है। वादे होते हैं, लेकिन न तो नाले चौड़े होते हैं और न ही पक्की नालियाँ बनती हैं।” — वार्ड पार्षद, शहडोल

शहडोल में बीती रात हुई बारिश ने एक बार फिर साबित कर दिया कि प्राकृतिक आपदाओं के सामने हमारी तैयारी अब भी अधूरी है। 3 हजार से अधिक परिवारों की तकलीफ और शहर का 40% जलमग्न होना प्रशासन के लिए भी चेतावनी है।

अब समय है कि स्थायी समाधान, जलनिकासी व्यवस्था, और आपदा प्रबंधन को कागज़ से जमीन पर लाया जाए — ताकि अगली बारिश तबाही का पैगाम न लाए।

इंदौर की अधिक जानकारी, हर क्षेत्र के सर्वश्रेष्ठ विकल्प और स्थानीय अपडेट्स के लिए हमारी वेबसाइट Best Indore पर जरूर विजिट करें।

Facebook-logo-sign-blue-removebg-preview

100, 200

Fans

9

Subscribers

  • Latest News