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MP बिजली बिल बढ़ेगा! बढ़े रेट और सुरक्षा निधि कटौती से ग्राहकों की जेब होगी हल्की

MP News: Electricity bill will increase!


MP News:
मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग (MPERC) की नई टैरिफ नीति में बिजली दरों में 3.46–3.5% तक की बढ़ोतरी की गई है, जिससे घरेलू एवं वाणिज्यिक उपभोक्ताओं पर असर पड़ेगा। साथ ही, बिल में एक नया सुरक्षा निधि (Security Fund) चार्ज भी शामिल हो गया है, जिससे सालाना खर्च और भी बढ़ने की आशंका है। यह खबर उन सभी नागरिकों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, जिन्हें जून–जुलाई माह में बिजली बिल आएंगे।

नया टैरिफ रेट क्या होगा?

भारतीय समाचार में प्रकाशित खबर के अनुसार, 1 अप्रैल 2025 से लागू हो रहे नए रेट के अनुसार:

  • 1–50 यूनिट: ₹4.27 → ₹4.45 (18 पैसे/यूनिट)
  • 51–150 यूनिट: ₹5.23 → ₹5.41
  • 151–300 यूनिट: ₹6.61 → ₹6.79
  • 300+ यूनिट: ₹6.80 → ₹6.98
    — यानी लगभग 3.46% की वृद्धि, जो प्रति यूनिट 18 पैसे है

उदाहरण:

  • 100 यूनिट पर ₹24
  • 200 यूनिट पर ₹50
  • 300 यूनिट पर ₹74
  • 400 यूनिट पर ₹99 तक का वृद्धि बिल में वृद्धि होगी

सुरक्षा निधि क्या है?

सुरक्षा निधि एक नया कटौती-आधारित चार्ज है, जिसे डिस्कॉम्स उपभोक्ताओं से एकमुश्त या किश्तों में एकमुश्त जमा करवाएंगे।
यह राशि ट्रांसमिशन इंफ्रास्ट्रक्चर सुरक्षित रखने, स्मार्ट मीटर इंस्टॉलेशन और अत्याधुनिक उपकरणों के रखरखाव में खर्च होगी। हालांकि, इसकी दर या वसूली की प्रक्रिया अभी पूर्ण स्पष्ट नहीं है, लेकिन यह बिल की राशि में सीधे जुड़ चुकी है।

औसत घरेलू उपभोक्ता पर असर

₹4/unit से लेकर ₹7/unit तक की दर बढ़ने पर औसत बिल प्रभावित होगा। मान लीजिए:

  • 150 यूनिट: पुराने रेट पर ₹(50×4.45 + 100×5.41) = लगभग ₹665
  • नए रेट में कुछ बढ़कर ₹707 तक जा सकता है, इसमें सुरक्षा निधि अलग से जुड़ जाएगी।

केवल सुरक्षा निधि का अविशिष्ट शुल्क भी ₹50–₹200 प्रति माह हो सकता है, जिससे कुल मासिक बिल ₹1000–₹1500 तक पहुंच सकता है।

किस पर क्या असर?

  • घरेलू उपभोक्ता
    • वत्ती खपत कम रखकर बचत कर सकते हैं
    • टैरिफ स्लैब को समझकर समय-सेंसिटिव उपकरणों की डिमांड मैनेजमेंट कर सकते हैं
  • छोटे व्यवसाय/दुकानदार
    • बिजली की लागत बढ़ेगी
    • टोटल खर्च में समायोजन की आवश्यकता पड़ेगी
  • कृषि उपभोक्ता
    • MP सरकार ने कृषि पम्प के लिए भारी छूट (Rs. 5 Connection, किसानों को मुफ्त दिन समय बिजली) की घोषणा की है
    • कृषि उपयोगकर्ताओं पर बिल में बहुत कम असर पड़ेगा।
  • उद्योग, कॉमर्शियल और हाईटेंशन उपभोक्ता
    • उनके लिए ऊर्जा और फिक्स्ड चार्जेज में लगभग ₹0.15–₹0.20/kWh की वृद्धि हुई है
    • छोटे एमएसएमई और वाणिज्यिक उपभोक्ता वास्तविक रूप से प्रभावित हो सकते हैं।

सरकारी मुआवज़ा: ₹566 प्रति उपभोक्ता

इस वृद्धि के बीच कुछ राहत भी आई है। MP राज्य सरकार ने घोषणा की है कि 1.07 करोड़ घरेलू उपभोक्ताओं को प्रति उपभोक्ता ₹566 के रूप में बिजली बिल में सब्सिडी दी जाएगी
कुल अनुमानित खर्चः ₹27,000 करोड़ वार्षिक।

नीति की दरें:

  • 0–100 यूनिट: ₹100 बिल + शेष सब्सिडी
  • 100–150 यूनिट तक की छूट छूट

यह ठोस कदम घरेलू उपभोक्ताओं की जेब पर असर को कम करेगा।

उपभोक्ता को क्या करना चाहिए?

  1. अपनी माहवारी खपत जानें और उसे कम रखने की कोशिश करें
  2. स्मार्ट मीटर का विकल्प चुनें; इससे 9 AM–5 PM में 20% छूट मिलेगी, जबकि बाद में प्रीमियम लगेगा
  3. सुरक्षा निधि के शुरूआती बिल को समझें—क्या यह एकमुश्त है या किस्तों में
  4. बिजली बिल की स्लैब, R-computation सब समझें
  5. यदि बिल में गड़बड़ी लगती है, तो सीधे DISCOM हेल्पडेस्क या विशिष्ट उपभोक्ता फोरम से शिकायत करें

दीर्घकालिक सुधार—“सोलर फीडर” और सब्सिडी

  • MP सरकार ग्रामीण इलाकों की बिजली फीडरों पर सोलर पावर लगाने जा रही है ताकि किसानों को दिन में मुफ्त बिजली मिल सके – इससे डिस्कॉम्स का बोझ घटेगा ।
  • किसान कनेक्शन लागत ₹5, जबकि सोलर पंपों पर 10 lakh सेट की योजना चल रही है

निष्कर्ष: सजगता और समझ जरूरी

MPERC की टैरिफ बढ़ोतरी और सुरक्षा निधि कटौती के फैसले से उपभोक्ताओं की जेब पर निश्चित तौर पर असर पड़ेगा। लेकिन सरकारी सब्सिडी, किसान योजनाएं, सोलर प्रोजेक्ट और संभावित स्मार्ट मीटर छूट मंथन से यह असर कुछ हद तक कम किया जा सकता है।

फिर भी, यह समय सैद्धांतिक नहीं, बल्कि बदलती वास्तविकताओं के अनुरूप सतर्कता, जानकारी और बचत का है। आपका अगला कदम—अपनी खपत का ट्रैक रखें, सब्सिडी कागजात संभालें और जरूरत हो तो शिकायत करें।

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