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परदेशीपुरा में पीपीपी मोड के माध्यम से नए आईटी पार्क की योजना बनाई जाएगी (200 करोड़ रुपये से अधिक)

परदेशीपुरा में पीपीपी मोड के माध्यम से नए आईटी पार्क की योजना बनाई जाएगी (200 करोड़ रुपये से अधिक)

परदेशीपुरा इंदौर में ₹200 करोड़ की लागत से नया आईटी पार्क: तकनीकी विकास की नई दिशा

इंदौर, जो मध्य भारत का तेजी से उभरता हुआ तकनीकी और व्यापारिक केंद्र बनता जा रहा है, अब एक और बड़ी उपलब्धि की ओर बढ़ चला है। शहर के परदेशीपुरा क्षेत्र में एक स्थानीय एआई-आधारित सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग कंपनी ने राज्य सरकार के साथ मिलकर एक नया आईटी पार्क विकसित किया है। यह प्रोजेक्ट सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के तहत तैयार किया गया है और इसकी अनुमानित लागत ₹200 करोड़ से अधिक है।

यह आईटी पार्क तीन एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला है और इसमें अत्याधुनिक तकनीकी सुविधाएं जैसे हाई-एंड सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट लैब्स, क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग और साइबर सिक्योरिटी के लिए विशेष क्षेत्र बनाए गए हैं। इसका मुख्य उद्देश्य शहर में तकनीकी स्टार्टअप्स, रिसर्च फर्मों और मल्टीनेशनल कंपनियों के लिए एक प्रगतिशील प्लेटफॉर्म प्रदान करना है।

इस परियोजना की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके चलते लगभग 1000 से अधिक पेशेवरों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। यह पार्क युवाओं को आधुनिक तकनीकों में काम करने का मौका देगा और शहर में आईटी क्षेत्र के विस्तार को गति देगा। साथ ही, यह प्रोजेक्ट इंदौर की तकनीकी छवि को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और मजबूत करेगा।

इंदौर में पहले से ही 300 से अधिक आईटी कंपनियां सक्रिय हैं, और यह नया आईटी पार्क इन कंपनियों के लिए सपोर्ट हब का काम करेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह पार्क न केवल रोजगार बढ़ाएगा, बल्कि शहर में नवाचार और डिजिटल स्टार्टअप्स की नई लहर लेकर आएगा।

परियोजना को लेकर अधिकारियों का कहना है कि यह पार्क दो वर्षों में लाभ में आ जाएगा और आने वाले पांच वर्षों में इंदौर को एक प्रमुख टेक्नोलॉजी हब के रूप में स्थापित कर देगा। सरकार की योजना है कि शहर में ऐसे और चार आईटी पार्क विकसित किए जाएं, जिससे युवाओं के लिए रोज़गार और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में नए अवसर पैदा हों।

इस आईटी पार्क की सफलता से यह संदेश स्पष्ट है कि यदि सरकार और निजी क्षेत्र मिलकर कार्य करें, तो तकनीकी क्षेत्र में तेजी से बदलाव और विकास संभव है। यह परियोजना न केवल एक आईटी पार्क है, बल्कि यह इंदौर के डिजिटल भविष्य की नींव भी है।

यदि सब कुछ योजना अनुसार चलता रहा, तो यह पार्क आने वाले वर्षों में इंदौर को बेंगलुरु, पुणे और हैदराबाद जैसे शहरों की कतार में खड़ा कर सकता है। यह निवेश, रोजगार और नवाचार का त्रिकोण इंदौर को देश के अग्रणी आईटी शहरों में एक स्थान दिला सकता है।

इंदौर में टेक्नोलॉजी की दिशा में एक और कदम: परदेशीपुरा में नया आईटी पार्क

प्रमुख बिंदु:

  • ₹200 करोड़ की लागत से तैयार हुआ नया आईटी पार्क
  • सार्वजनिक-निजी सहभागिता (PPP) मॉडल के तहत किया गया निर्माण
  • 1000 से अधिक रोजगार सृजित होने की संभावना
  • स्टार्टअप्स, क्लाउड, एआई और सॉफ्टवेयर डेवेलपमेंट के लिए समर्पित

इंदौर शहर तकनीकी विकास की दिशा में लगातार अग्रसर हो रहा है। इसी कड़ी में परदेशीपुरा क्षेत्र में राज्य सरकार और एक स्थानीय एआई-आधारित सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग कंपनी के संयुक्त प्रयासों से एक नया और अत्याधुनिक आईटी पार्क का निर्माण किया गया है। यह पार्क तीन एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है और इसे पीपीपी (Public Private Partnership) मॉडल के तहत विकसित किया गया है।

यह आईटी पार्क न सिर्फ भौगोलिक रूप से शहर के केंद्र के समीप है, बल्कि यह उन तकनीकी कंपनियों के लिए वरदान साबित होगा जो मध्य भारत में अपने ऑपरेशंस को विस्तारित करना चाहती हैं।

इस पार्क की कुछ विशेषताएँ:

  • इसमें हाई-एंड R&D लैब्स, डेटा सर्वर इंफ्रास्ट्रक्चर और AI-मशीन लर्निंग आधारित सिस्टम तैयार किए गए हैं।
  • युवाओं के लिए यह पार्क रोजगार के 1000+ नए अवसर खोलेगा।
  • इस परिसर में आधुनिक सुविधाओं जैसे को-वर्किंग स्पेस, हाइब्रिड ऑफिस मॉडल, टेक स्टार्टअप इन्क्यूबेशन ज़ोन आदि को शामिल किया गया है।
  • राज्य सरकार ने इस प्रोजेक्ट को 2023 में स्वीकृति दी थी और मात्र दो वर्षों में इसका निर्माण पूरा कर लिया गया।

टेक्नोलॉजी क्षेत्र में निवेश को मिलेगा बढ़ावा:

इंदौर पहले से ही मध्य भारत का सबसे तेज़ी से विकसित हो रहा आईटी हब है। 300 से अधिक आईटी कंपनियां पहले से ही शहर में मौजूद हैं। इस नए पार्क से आने वाले वर्षों में और भी कंपनियां आकर्षित होंगी। खासकर वे स्टार्टअप्स जो अपने विकास की शुरुआत तकनीकी नवाचार से करना चाहते हैं।

प्रशासनिक सहयोग और भविष्य की योजना:

मध्य प्रदेश सरकार का उद्देश्य है कि आने वाले समय में 5 बड़े आईटी हब विकसित किए जाएं, जिनमें इंदौर अग्रणी भूमिका निभाएगा। परदेशीपुरा में यह परियोजना न सिर्फ रोजगार बढ़ाने में मदद करेगी, बल्कि शहरी बुनियादी ढांचे और स्थानीय व्यवसायों को भी बढ़ावा देगी।

राज्य सरकार इसे “न्यू जेनरेशन डिजिटल ज़ोन” के रूप में ब्रांड करने की योजना बना रही है। साथ ही, इस क्षेत्र में इनक्यूबेशन सेंटर, साइबर सुरक्षा केंद्र और ब्लॉकचेन एक्सपर्ट लैब जैसे नए प्रोजेक्ट्स पर भी चर्चा चल रही है।

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