
इंदौर में नकली तंबाकू का बड़ा रैकेट उजागर
Best Indore News: इंदौर के कनाड़िया थाना क्षेत्र में पुलिस ने एक नकली तंबाकू बनाने और बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। आरोपी लोकप्रिय ‘कमल किशोर’ ब्रांड के नाम से नकली तंबाकू तैयार कर रहे थे और उसे असली बताकर बाजार में खपा रहे थे। पुलिस ने मौके से लाखों रुपए का नकली माल और पैकिंग सामग्री जब्त की है।
यह कार्रवाई उस समय की गई जब पुलिस को लंबे समय से सूचना मिल रही थी कि इलाके में एक गोपनीय स्थान पर नकली तंबाकू बनाने का कारोबार चल रहा है।
कैसे हुआ खुलासा?
इंदौर कनाड़िया पुलिस को एक गुप्त सूत्र से सूचना मिली कि क्षेत्र के एक गोदाम में नकली तंबाकू तैयार की जा रही है। पुलिस ने तत्काल टीम गठित कर रेड की कार्रवाई की। मौके पर पहुंचने पर पुलिस को:
- बड़ी मात्रा में तंबाकू पाउडर
- कमल किशोर ब्रांड की डिब्बियाँ और रैपर
- पैकिंग मशीनें
- सिल्वर फॉइल और अन्य ब्रांडिंग सामग्री
बरामद हुई। पुलिस ने वहां मौजूद तीन लोगों को गिरफ्तार किया है और पूछताछ जारी है।
“गुप्त सूचना के आधार पर की गई छापेमारी में लाखों का नकली तंबाकू जब्त किया गया है। ये लोग नामी ब्रांड की नकल कर आम जनता को धोखा दे रहे थे।” — थाना प्रभारी, कनाड़िया
गिरफ्तार आरोपी और उनका नेटवर्क
पुलिस के अनुसार, गिरोह का संचालन स्थानीय निवासी और मास्टरमाइंड माने जा रहे एक युवक के इशारों पर हो रहा था। आरोपी सस्ते तंबाकू में खतरनाक केमिकल मिलाकर उसे ब्रांडेड पैकिंग में भरते थे और फिर थोक विक्रेताओं के ज़रिए इसे दुकानों तक पहुंचाया जाता था।
गिरफ्तार आरोपी:
- रमेश यादव (34) – मुख्य संयोजक
- इकबाल शेख (29) – पैकिंग ऑपरेटर
- विजय काले (41) – डिलीवरी और स्टॉक डीलर
इनके खिलाफ धारा 420, 467, 468 और खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।
स्वास्थ्य के लिए खतरनाक
पकड़े गए माल में इस्तेमाल हो रही सामग्री को जब फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने जांचा, तो उसमें स्वास्थ्य के लिए हानिकारक रसायन पाए गए। नकली तंबाकू में:
- खतरनाक सुगंधित केमिकल्स
- सड़े हुए तंबाकू पत्ते
- सिलिकॉन और रंग मिलाने वाले तत्व
मौजूद थे, जो लंबे समय तक सेवन करने पर कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों को जन्म दे सकते हैं।
“ये उत्पाद न केवल कानूनन अपराध हैं, बल्कि आम जनता के स्वास्थ्य के साथ खुला खिलवाड़ भी हैं।” — खाद्य सुरक्षा अधिकारी, इंदौर
नकली ब्रांडिंग और पैकेजिंग का खेल
छापे में कमल किशोर नामक ब्रांड के हूबहू मिलते-जुलते स्टीकर, रैपर, डिब्बियाँ और पैकिंग मशीनें मिली हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि गिरोह उच्च स्तरीय नकल तकनीक का इस्तेमाल कर रहा था।
- असली ब्रांड के जैसे बारकोड
- ब्रांड लोगो की हूबहू नकल
- वजन, पैकिंग तिथि, MRP सब नकली
यह सब देखकर ग्राहक धोखा खा जाते थे और उन्हें लगता था कि वे असली ब्रांड का तंबाकू खरीद रहे हैं।
बाजार में कैसे फैलाया जा रहा था माल?
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि यह नकली तंबाकू:
- इंदौर के छोटे किराना स्टोर्स और पान की दुकानों में
- रात के समय थोक में माल सप्लाई कर
- दूसरे जिलों के व्यापारियों को भी बेचा जा रहा था
इनका नेटवर्क इंदौर से बाहर खंडवा, देवास, उज्जैन और रतलाम तक फैला हुआ था।
आगे की कार्रवाई और सख्ती
कनाड़िया पुलिस ने अब इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश शुरू कर दी है। साथ ही, माल खरीदने वाले थोक व्यापारियों से भी पूछताछ की जा रही है कि उन्हें माल की वास्तविकता की जानकारी थी या नहीं।
इस बीच असली ‘कमल किशोर’ ब्रांड के मालिक ने पुलिस से संपर्क कर बताया है कि वे इस नकली माल से अनजान थे और इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की माँग की है।
आम जनता से अपील
प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे:
- केवल अधिकृत दुकानों से ही ब्रांडेड तंबाकू खरीदें
- पैकिंग पर लिखी जानकारी और बारकोड को ध्यान से देखें
- किसी भी संदिग्ध उत्पाद की सूचना पुलिस या खाद्य विभाग को तुरंत दें
“अगर हम सब जागरूक नहीं हुए, तो इस तरह के नकली उत्पाद हमारी सेहत और समाज दोनों को नुकसान पहुँचाते रहेंगे।”
इंदौर के कनाड़िया थाना क्षेत्र में नकली तंबाकू के बड़े रैकेट का खुलासा यह दर्शाता है कि अपराधी अब न केवल कानून बल्कि लोगों के स्वास्थ्य से भी खेल रहे हैं। पुलिस की सतर्कता और तत्परता से एक बड़ा खतरा टल गया है, लेकिन इस तरह के मामलों से निपटने के लिए सामूहिक जागरूकता और सख्त कानून की ज़रूरत है।
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