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इंदौर कांग्रेस का यातायात मुख्यालय घेराव, नए ट्रैफिक थानों की मांग तेज़

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Best Indore News  इंदौर। शहर की बढ़ती यातायात समस्याओं और दुर्घटनाओं की संख्या को देखते हुए, इंदौर शहर कांग्रेस ने सोमवार को यातायात मुख्यालय का घेराव किया। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेताओं ने मुख्यमंत्री से शहर में 10 नए यातायात थानों की स्थापना और पुलिस बल में बढ़ोतरी की मांग की। शहर कांग्रेस अध्यक्ष के नेतृत्व में हुए इस आंदोलन में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।

क्यों उठी यह मांग?

इंदौर, जो देश का सबसे स्वच्छ शहर होने के साथ-साथ तेजी से विकास करता मेट्रो शहर बन रहा है, वहां यातायात व्यवस्था बड़ी चुनौती बनती जा रही है। शहर की आबादी में तेजी से वृद्धि हो रही है और इसके साथ ही वाहनों की संख्या भी बढ़ रही है। लेकिन, वर्तमान में ट्रैफिक व्यवस्था उसी पुराने ढांचे पर आधारित है।

शहर कांग्रेस नेताओं का कहना है कि:

  • कई प्रमुख चौराहों और मार्गों पर ट्रैफिक पुलिस की अनुपस्थिति के कारण अव्यवस्था बनी रहती है।
  • ट्रैफिक जाम और दुर्घटनाएं बढ़ती जा रही हैं।
  • पुलिस बल की संख्या अत्यंत कम है, जिससे समय पर नियंत्रण नहीं हो पाता।

कांग्रेस नेताओं की मुख्य मांगे:

  • 10 नए ट्रैफिक थाने – शहर के विभिन्न हिस्सों में यातायात थानों की स्थापना से स्थानीय स्तर पर निगरानी और नियंत्रण संभव होगा।
  • पुलिस बल में वृद्धि – ट्रैफिक पुलिस की संख्या को बढ़ाया जाए ताकि शहर की प्रमुख सड़कों पर लगातार निगरानी की जा सके।
  • स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम – अत्याधुनिक कैमरे और सिग्नलिंग सिस्टम का उपयोग कर जाम की स्थिति को नियंत्रित करने की मांग।
  • स्कूल-कॉलेज और मार्केट एरिया में ट्रैफिक योजना – सुबह और शाम के समय यातायात को सुगम बनाने के लिए विशेष योजना बनाई जाए।
  • ट्रैफिक पुलिस की ट्रेनिंग – मौजूदा स्टाफ को अत्याधुनिक उपकरणों और तकनीक की ट्रेनिंग दी जाए।

यातायात पुलिस की स्थिति:

फिलहाल इंदौर में महज़ कुछ गिने-चुने ट्रैफिक थाने हैं और पुलिसकर्मी भारी दबाव में काम कर रहे हैं। कई चौराहों पर तो ट्रैफिक लाइट्स भी सुचारू रूप से काम नहीं कर रहीं, जिससे जाम और टकराव की स्थिति बनी रहती है। भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों जैसे राजवाड़ा, बापट चौराहा, पलासिया, विजय नगर आदि में ट्रैफिक का प्रबंधन मुश्किल हो जाता है।

मेमोरेंडम सौंपा गया:

कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने इस संबंध में एक ज्ञापन भी सौंपा, जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और संबंधित विभागों से मांग की कि यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए तत्काल निर्णय लिए जाएं। प्रतिनिधियों ने चेतावनी भी दी कि यदि मांगें नहीं मानी गईं तो वे बड़े स्तर पर जन आंदोलन करेंगे।

कांग्रेस नेताओं का बयान:

इंदौर शहर कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “शहरवासी रोज़ाना घंटों ट्रैफिक जाम में फंसे रहते हैं। यह प्रशासन की असफलता है। जब तक ट्रैफिक थानों और पुलिस बल में विस्तार नहीं होगा, तब तक हालात नहीं सुधरेंगे। मुख्यमंत्री को इस विषय को प्राथमिकता देनी चाहिए।”

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया:

शहर के नागरिकों ने कांग्रेस की इस पहल का समर्थन किया है। कई नागरिकों ने कहा कि उन्हें रोज़ सुबह-शाम दफ्तर और स्कूल आते-जाते समय जाम का सामना करना पड़ता है। यदि प्रशासन जल्द कार्रवाई नहीं करता, तो यह स्थिति और गंभीर हो सकती है।

इंदौर जैसे विकसित होते शहर में ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करना अत्यंत आवश्यक है। कांग्रेस द्वारा उठाई गई मांगें वास्तव में ज़मीनी हकीकत से जुड़ी हैं। प्रशासन को चाहिए कि वह इस पर गंभीरता से विचार करे और नागरिकों को बेहतर यातायात व्यवस्था उपलब्ध कराए

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