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इंदौर में कॉलेज छात्रा को कुत्तों ने गिराकर नोंच डाला:ललकारा तो एक बार लौट गए, फिर झुंड बनाकर आए और हमला किया

Best Indore NewsIn Indore, a college student was knocked

Best Indore News इंदौर शहर, जिसे बार-बार देश का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया है, वहां हाल ही में एक ऐसी दर्दनाक घटना सामने आई है, जिसने नगर निगम की व्यवस्थाओं और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। शहर के एक कॉलेज परिसर के पास एक छात्रा पर स्ट्रीट डॉग्स ने अचानक हमला कर दिया। छात्रा को जमीन पर गिराकर उसे घसीटा और नोच डाला। यह पूरी घटना लोगों को झकझोर देने वाली है।

क्या हुआ था? पूरी घटना का विवरण

 इंदौर घटना राऊ क्षेत्र के पास स्थित एक निजी कॉलेज के पास की है, जहां एक बीकॉम द्वितीय वर्ष की छात्रा सोमवार सुबह कॉलेज पहुंचने के लिए पैदल चल रही थी। तभी रास्ते में 3–4 आवारा कुत्तों ने उसका पीछा करना शुरू कर दिया

पहले तो छात्रा ने डंडा दिखाकर उन्हें डराया और जोर से ललकारा, जिससे कुत्ते कुछ दूरी पर हट गए। लेकिन जब वह कुछ कदम आगे बढ़ी, कुत्तों का एक झुंड लौटकर आया और उस पर हमला कर दिया। छात्रा को कुत्तों ने पीछे से दबोचा, जिससे वह गिर गई। इसके बाद उसके पैरों, हाथों और पीठ को नोच डाला

“मैंने चिल्लाने की कोशिश की, लेकिन आसपास कोई नहीं था। एक कुत्ता मेरी पीठ पर चढ़ गया था और मुझे नोंच रहा था।”
– पीड़ित छात्रा (नाम गोपनीय)

स्थानीय लोगों ने बचाया, अस्पताल में भर्ती

छात्रा की चीख सुनकर पास की दुकान से कुछ लोग दौड़कर आए और डंडे से कुत्तों को भगाया। तब तक छात्रा गंभीर रूप से घायल हो चुकी थी। उसके शरीर पर लगभग 10 से ज्यादा जगहों पर गहरे घाव हुए हैं।

उसे एमवाय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां फिलहाल वह संक्रमण और मानसिक आघात से जूझ रही है।

क्यों बढ़ रही हैं ऐसी घटनाएं?

इंदौर में स्ट्रीट डॉग्स की संख्या में लगातार इज़ाफा देखा जा रहा है। निगम के अनुसार, शहर में करीब 80,000 से अधिक आवारा कुत्ते हैं। इनमें से 10% से अधिक आक्रामक प्रवृत्ति के माने जा रहे हैं।

हाल के महीनों में इंदौर में कुत्तों के हमले की 25 से अधिक घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिनमें बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं को निशाना बनाया गया है।

“नगर निगम को बार-बार शिकायत की जाती है, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला जाता। नसबंदी अभियान भी ठप है।”
– स्थानीय रहवासी, राऊ क्षेत्र

परिवार का आक्रोश, FIR दर्ज

छात्रा के परिवार ने स्थानीय थाने और नगर निगम में इस घटना के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने FIR दर्ज करने और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है।

“अगर कुत्तों को पहले ही पकड़ लिया जाता, तो आज हमारी बेटी अस्पताल में नहीं होती। यह लापरवाही है।”
– छात्रा के पिता

नगर निगम की प्रतिक्रिया

नगर निगम के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज राजोरिया ने कहा कि—

“घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। हम संबंधित क्षेत्र में विशेष अभियान चलाकर कुत्तों को पकड़ने की प्रक्रिया शुरू कर चुके हैं। नसबंदी और टीकाकरण अभियान भी जल्द तेज किया जाएगा।”

हालांकि, नागरिकों का कहना है कि यह केवल कागज़ी आश्वासन है। ग्राउंड पर ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

कॉलेज प्रशासन की ओर से सख्त निर्देश

कॉलेज प्रशासन ने अपने परिसर और आसपास की स्थिति को गंभीरता से लिया है। उन्होंने नगर निगम को लेटर जारी कर परिसर के बाहर कुत्तों को हटाने की मांग की है। साथ ही, सुरक्षा गार्ड्स को भी सतर्क रहने को कहा गया है।

समाजसेवियों और विशेषज्ञों की राय

जानवरों के संरक्षण के लिए काम कर रहे संगठनों का कहना है कि ऐसी घटनाएं प्रबंधन की विफलता का परिणाम हैं। कुत्तों को दोष देने की बजाय, उनकी देखरेख, समय पर नसबंदी और उचित रहन-सहन के उपाय होने चाहिए।

“कुत्ते आक्रामक तभी होते हैं जब भूखे होते हैं या डरते हैं। निगम को उन्हें उचित आश्रय देना होगा।”
– जानवर अधिकार कार्यकर्ता

इंदौर में कॉलेज छात्रा पर स्ट्रीट डॉग्स द्वारा किया गया यह हमला सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि आवारा कुत्तों की बढ़ती समस्या का आईना है। यह प्रशासन के लिए चेतावनी है कि समय रहते उपाय नहीं किए गए, तो आने वाले समय में हालात और भयावह हो सकते हैं।

अब जरूरी है:

  • नसबंदी और टीकाकरण अभियान में तेजी
  • हर कॉलोनी में डॉग शेल्टर
  • स्थानीय नागरिकों की शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई

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