
Best Indore News इंदौर में हाल ही में एक चौंकाने वाला और चिकित्सकीय रूप से जटिल मामला सामने आया है, जहां एक महिला के पेट में पिछले 6 वर्षों से लगातार सूजन हो रही थी। यह सूजन इतनी अधिक थी कि उसका पेट गर्भवती महिला की तरह दिखाई देता था। लेकिन जब इंदौर के प्रसिद्ध महाराजा तुकोजीराव हॉस्पिटल (MTH) में जांच और इलाज कराया गया, तो डॉक्टर भी हैरान रह गए। सर्जरी के दौरान महिला की बच्चेदानी (गर्भाशय) से कुल 30 गांठें (फाइब्रॉइड्स) निकाली गईं, जो उसके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होती जा रही थीं।
यह मामला न केवल चिकित्सा की दृष्टि से उल्लेखनीय है, बल्कि जागरूकता की दृष्टि से भी बेहद ज़रूरी है। महिला की उम्र करीब 40 वर्ष है और वह बीते छह सालों से पेट फूलने, भारीपन, कमजोरी और मासिक धर्म में अनियमितता जैसी समस्याओं से परेशान थी। पहले तो उसने इसे सामान्य पेट की चर्बी या वजन बढ़ने की समस्या समझा, लेकिन जब हालात बिगड़ने लगे, तो उसने सरकारी अस्पताल MTH में संपर्क किया।
MTH में गायनेकोलॉजी विभाग की डॉक्टरों की टीम ने महिला की विस्तृत सोनोग्राफी, ब्लड टेस्ट और MRI कराई। जांच में सामने आया कि उसकी बच्चेदानी में कई सारी गठानें विकसित हो चुकी थीं। इन फाइब्रॉइड्स की वजह से न सिर्फ पेट का आकार असामान्य हो गया था, बल्कि महिला को चलने-फिरने में भी कठिनाई होने लगी थी।
डॉक्टरों की विशेषज्ञ टीम ने महिला की ओपन सर्जरी की योजना बनाई, जिसमें लगभग 3 घंटे तक ऑपरेशन चला। सर्जरी के दौरान डॉक्टरों ने बच्चेदानी से करीब 30 अलग-अलग आकार की गठानें निकालीं, जिनका कुल वजन करीब 4 से 5 किलोग्राम था। इनमें से कुछ गठानें बड़ी थी, तो कुछ छोटी-छोटी थीं, जो आपस में जुड़कर एक बड़ी संरचना बनाती जा रही थीं।
सर्जरी सफल रही और महिला की तबीयत अब पूरी तरह ठीक है। अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों ने बताया कि यदि समय रहते इलाज न किया जाता, तो स्थिति जानलेवा हो सकती थी। डॉक्टरों ने यह भी बताया कि बच्चेदानी में गठान बनने की यह समस्या “यूटरिन फाइब्रॉइड्स” कहलाती है, जो महिलाओं में आमतौर पर 30 से 50 की उम्र के बीच हो सकती है।
इस पूरे मामले में MTH हॉस्पिटल की डॉक्टरों की टीम का सराहनीय योगदान रहा। अस्पताल प्रशासन ने कहा कि यह सर्जरी उनके लिए एक चुनौतीपूर्ण केस था, लेकिन टीम ने पूरी निष्ठा और तकनीकी दक्षता से ऑपरेशन को सफल बनाया।
इस घटना से यह सीख मिलती है कि महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहना चाहिए। यदि लंबे समय तक पेट में सूजन, दर्द, भारीपन, मासिक धर्म में गड़बड़ी या कमजोरी जैसी समस्याएं बनी रहें, तो इसे नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। समय पर जांच और इलाज से गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है।
इंदौर के लिए यह खबर महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे न केवल मेडिकल सुविधाओं की गुणवत्ता का पता चलता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि MTH जैसे सरकारी अस्पताल भी जटिल मामलों को कुशलता से संभालने की क्षमता रखते हैं। डॉक्टरों ने यह भी अपील की है कि महिलाएं अपने स्वास्थ्य की नियमित जांच कराएं और किसी भी लक्षण को हल्के में न लें।
यह केस इंदौर शहर की चिकित्सा क्षमताओं को उजागर करता है और यह भी संदेश देता है कि समय रहते अगर चिकित्सकीय सलाह ली जाए, तो बड़ी से बड़ी बीमारी का भी समाधान संभव है।
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