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महाकाल के दर्शन के लिए उज्जैन जा रहे हैं, आसान नहीं है मंदिर तक पहुंचने की राह

महाकाल मंदिर उज्जैन: महाकाल मंदिर में दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को संकरे रास्तों और खुली नालियों के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मंदिर प्रशासन और जिला प्रशासन का इस ओर ध्यान नहीं है, जिससे श्रावण-भाद्रपद मास में समस्या और बढ़ सकती है। श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने के लिए संकरे रास्तों से गुजरना पड़ रहा है।

देश-विदेश से भगवान महाकाल के दर्शन करने आने वाले भक्तों के लिए मंदिर की राह आसान नहीं है। श्रद्धालुओं को संकरे रास्तों से होते हुए मंदिर पहुंचना पड़ रहा है। मार्ग में नालियां खुली होने से कई दर्शनार्थी हादसे का शिकार हो रहे हैं। मंदिर व जिला प्रशासन का भक्तों को होने वाली इस परेशानी की ओर ध्यान नहीं है। समय रहते अव्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया गया, तो श्रावण-भाद्रपद मास में परेशानी बढ़ सकती है।

महाकाल मंदिर में नवनिर्माण के चलते प्रशासन ने शहनाई द्वार के सामने वाली मुख्य सड़क पर आवागमन प्रतिबंधित कर रखा है। इस व्यवस्था से श्रद्धालुओं को मंदिर के 1 नंबर, 4 नंबर, 5 नंबर गेट तथा माधव सेवा न्यास व महाराजवाड़ा पार्किंग तक आने जाने के लिए सामने की ओर एक संकरी गली के रूप में वैकल्पिक मार्ग का निर्माण किया गया है।

परिवर्तित मार्ग बना भक्तों के लिए परेशानी

यही परिवर्तित मार्ग भक्तों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है। इस छोटे से मार्ग पर दोनों ओर अतिक्रमण पसरा है। मध्य में आने जाने के लिए जो स्थान बचा है, उसमें बड़ी-बड़ी नालियां खुली पड़ी है, जिसके कारण दिनभर में कई हादसे होते हैं।

सुबह व शाम के वक्त भीड़ अधिक रहती है उस समय तो भक्त भगवान महाकाल के भरोसे ही यह सड़क पार कर पाते हैं। साफ सफाई नहीं होने से नालियों से दुर्गंध उठती रहती है। आसपास के दुकानदार कूड़़ा कचरा भी खुले में ही डाल देते हैं।.

अफसर झांकने तक नहीं आते क्या है परेशानी

माधव सेवा न्यास की पार्किंग से यादव समाज की धर्मशाला, गोपू बालेश्वर महादेव मंदिर के सामने से व महल वाली गली तक का रास्ता परिवर्तित मार्ग है। इस मार्ग पर फूल प्रसाद, पूजन सामग्री, रूद्राक्ष, फोटो, मूर्तियां यहां तक कि जूता चप्पल बेचने वाले दुकानदारों ने अतिक्रमण कर रखा है।

इसके अलावा भक्तों को माला, सिक्के, कलावा बेचने वाले फेरी लगाते रहते हैं। तिलक लगाने वाले लोगों की मौजूदगी भी यहां देखी जा सकती है। इन सब समस्याओं से जूझते तथा व्यवस्था को कोसते हुए भक्त मंदिर पहुंचते हैं। भक्तों को होने वाली इन तमाम परेशानी के बावजूद मंदिर व जिला प्रशासन का कोई अधिकारी यहां झांकने तक नहीं आता है।

महाकाल मंदिर के सामने कोट मोहल्ला तक दोनों ओर होटल व रेस्टोरेंट की श्रृंखला है। कुछ लोगों ने दूध, मिठाई की दुकानें लगा रखी है। सुबह से शाम तक यहां यात्रियों की भीड़ रहती है। आटो व ई रिक्शा चालकों ने यहां अवैध पार्किंग लगा रखी है। शाम होते ही चाय, नाश्ता, पराठे, पोहे आदि के ठेले लग जाते हैं, सारी रात यह मार्केट खुला रहता है। व्यवस्था, सुरक्षा दोनों ही दृष्टि से यह उचित नहीं है, लेकिन जिम्मेदार ध्यान नहीं देते हैं।

राजा के नगर भ्रमण के लिए तैयार हो रहा मार्ग

ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में 11 जुलाई से श्रावण मास की शुरुआत होगी। देशभर से हजारों भक्त भगवान महाकाल के दर्शन करने उज्जैन आएंगे। श्रावण-भाद्रपद मास में भगवान महाकाल की सवारी भी निकलेगी।

अवंतिकानाथ चांदी की पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण के लिए निकलेंगे। इसको लेकर जोरशोर से तैयारी जारी है। उज्जैन विकास प्राधिकरण द्वारा शहनाई गेट से मुख्य मार्ग तक सीमेंट कांक्रीट का रोड बनाया जा रहा है। सावन-भादौ मास में इसी मार्ग से भगवान महाकाल की सवारी नगर भ्रमण के लिए निकलेगी।