
Best Indore News इंदौर में गणेश उत्सव से पहले गणेश प्रतिमाओं के डिजाइन को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। शहर के एक स्थानीय मूर्तिकार द्वारा बनाई गई एक प्रतिमा, जिसमें भगवान गणेश के हाथों पर एक मॉडर्न युवती का चित्रण किया गया, ने धार्मिक संगठनों की भावनाओं को आहत किया है। विशेष रूप से बजरंग दल ने इस पर तीव्र आपत्ति जताई है और इसे “मूर्तिकार की सांस्कृतिक अज्ञानता और आस्था के अपमान” से जोड़ा है।
मूर्तिकार पर गंभीर आरोप
मूर्ति के वायरल होते ही बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने संबंधित स्थान पर पहुंचकर विरोध जताया। उनका कहना था कि यह केवल एक प्रतिमा नहीं, बल्कि हिंदू आस्थाओं का सीधा अपमान है। बजरंग दल के एक सदस्य ने कहा – “पहले देवी प्रतिमा को बुर्का पहनाया गया और अब गणेश जी के हाथों पर मॉडर्न युवती बनाई जा रही है। क्या यही संस्कृति रह गई है?”
सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया
जैसे ही तस्वीर सोशल मीडिया पर फैली, हजारों लोगों ने इसकी आलोचना की। कई धार्मिक और सांस्कृतिक संगठनों ने इसे “अशोभनीय और धार्मिक मर्यादा के खिलाफ” बताया। लोग पूछने लगे कि क्या मूर्तिकला की स्वतंत्रता इतनी भी होनी चाहिए कि वह धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ करे?
प्रशासन का रुख
घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन ने संबंधित मूर्तिकार से संपर्क कर स्पष्टीकरण मांगा। नगर निगम अधिकारियों ने कहा कि सभी मूर्तिकारों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि मूर्तियों का स्वरूप धार्मिक परंपराओं के अनुसार होना चाहिए। अगर कोई मूर्तिकार उल्लंघन करता है, तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मूर्तिकार का पक्ष
हालांकि, जिस मूर्तिकार ने यह प्रतिमा बनाई है, उसका कहना है कि यह एक नई सोच के तहत किया गया प्रयोग था। उसका इरादा किसी की भावनाओं को ठेस पहुँचाना नहीं था। मूर्तिकार ने कहा – “यह आधुनिक युग और संस्कृति को दर्शाने का एक प्रयास था, लेकिन यदि किसी को इससे ठेस पहुँची है तो मैं माफी मांगता हूँ।”
क्या यह कला की स्वतंत्रता है या संस्कृति पर चोट?
यह सवाल इस विवाद के बाद चर्चा का विषय बन गया है। जहां एक वर्ग इसे “आर्टिस्टिक फ्रीडम” मान रहा है, वहीं दूसरा वर्ग इसे “धार्मिक भावनाओं पर हमला” बता रहा है। समाज में कलाकारों की भूमिका को लेकर भी फिर से विमर्श शुरू हो गया है।
बजरंग दल की चेतावनी
बजरंग दल ने साफ कहा है कि अगर ऐसी घटनाएं दोबारा हुईं, तो वे सड़कों पर उतर कर विरोध करेंगे और मूर्तिकारों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। संगठन ने यह भी कहा है कि शहर के सभी मूर्तिकारों को धार्मिक भावनाओं का सम्मान करना चाहिए।
यह विवाद दर्शाता है कि धार्मिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर समाज कितना संवेदनशील है। ऐसे मामलों में जहां एक ओर कलाकार नई सोच के साथ प्रयोग करना चाहते हैं, वहीं उन्हें यह भी समझना होगा कि धर्म और आस्था से जुड़ी चीजों में मर्यादा और सम्मान अत्यंत आवश्यक है।
इंदौर की अधिक जानकारी, हर क्षेत्र के सर्वश्रेष्ठ विकल्प और स्थानीय अपडेट्स के लिए हमारी वेबसाइट Best Indore पर जरूर विजिट करें।