
Best Indore News इंदौर कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाते हुए एक बुजुर्ग व्यक्ति को 5 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। यह मामला एक मासूम बालिका से छेड़छाड़ से जुड़ा हुआ है, जो कि आरोपी की पड़ोसी थी। न्यायालय के इस फैसले को समाज में बाल सुरक्षा के प्रति जागरूकता और न्याय की दिशा में एक सख्त कदम माना जा रहा है।
यह घटना इंदौर के एक रिहायशी इलाके की है, जहां आरोपी बुजुर्ग पड़ोस में रहने वाली एक नाबालिग बालिका को बहलाकर उसके साथ अश्लील हरकतें करता था। बालिका ने यह बात डर के कारण शुरू में किसी को नहीं बताई, लेकिन उसकी बदलती मानसिक स्थिति और व्यवहार को देखकर परिजन चिंतित हो गए। काफी समझाने के बाद बच्ची ने सारी बात मां को बताई, जिसके बाद मामला तुरंत थाने में दर्ज कराया गया।
एफआईआर दर्ज होते ही पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया और मेडिकल व मनोवैज्ञानिक जांच के बाद चार्जशीट कोर्ट में पेश की गई। मामले की सुनवाई इंदौर की विशेष पॉक्सो कोर्ट में की गई, जहां अभियोजन पक्ष ने ठोस सबूतों और पीड़िता के बयान के आधार पर आरोपी को दोषी सिद्ध किया।
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि समाज में बच्चियों की सुरक्षा सर्वोपरि है और ऐसे मामलों में सख्त सजा देना जरूरी है ताकि समाज में गलत मानसिकता रखने वाले लोगों को चेतावनी मिल सके। कोर्ट ने आरोपी को भारतीय दंड संहिता की धारा 354 और पॉक्सो एक्ट की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत दोषी माना और 5 साल का कठोर कारावास तथा अर्थदंड की सजा सुनाई।
यह फैसला न केवल पीड़िता के परिवार के लिए राहत लेकर आया है, बल्कि उन सभी माता-पिता के लिए एक संकेत है जो अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित रहते हैं। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि पीड़िता को राज्य सरकार की ओर से मुआवजा दिया जाए और उसे मानसिक व सामाजिक परामर्श की सुविधा दी जाए ताकि वह अपने जीवन को फिर से सामान्य रूप में जी सके।
इंदौर पुलिस और अभियोजन पक्ष ने इस केस को संवेदनशीलता और तत्परता से निपटाया, जिससे पीड़िता को न्याय मिल सका। यह मामला यह भी दर्शाता है कि यदि कोई भी बच्चा या अभिभावक समय रहते आवाज उठाए तो न्याय जरूर मिलता है।
इस घटना ने एक बार फिर से यह साबित किया है कि कानून अपना कार्य कर रहा है और बच्चियों की सुरक्षा को लेकर सरकार और न्यायपालिका पूरी तरह से सजग है। साथ ही, यह समाज की जिम्मेदारी भी है कि ऐसे मामलों में पीड़ित परिवार का समर्थन करें और दोषियों को समाज में बेनकाब करें।
पुलिस विभाग ने अपील की है कि अगर किसी को इस प्रकार की कोई भी जानकारी मिले या कोई बच्चा इस तरह की स्थिति में हो, तो तुरंत 1098 या नजदीकी पुलिस थाने में सूचना दें।
इंदौर कोर्ट का यह फैसला समाज में एक कड़ा संदेश देता है कि बच्चों के साथ किसी भी प्रकार की अश्लील हरकत या छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी। यह निर्णय बाल सुरक्षा की दिशा में एक सकारात्मक पहल है।
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