
कोरोना की छाया एक बार फिर इंदौर पर, स्वास्थ्य विभाग सतर्क
Best Indore News: इंदौर से आई ताज़ा रिपोर्ट ने एक बार फिर शहरवासियों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। पिछले तीन दिनों में कोरोना वायरस (COVID-19) संक्रमण से तीन महिलाओं की मौत हो चुकी है। सोमवार को एक और 60 वर्षीय महिला की मौत होने के बाद स्वास्थ्य महकमा एक बार फिर सतर्क मुद्रा में आ गया है।
इंदौर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. बी.एस. सैनी ने बताया कि तीनों महिलाएं पहले से गंभीर बीमारियों से ग्रसित थीं, और कोरोना संक्रमण ने उनकी स्थिति को और जटिल बना दिया।
तीसरी महिला की मौत – क्या है पूरा मामला?
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, सोमवार सुबह 60 वर्षीय महिला, जो पहले से डायबिटीज और किडनी की बीमारी से पीड़ित थीं, को बुखार और सांस लेने में तकलीफ के बाद निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जांच में कोरोना पॉजिटिव पाई गईं और उपचार के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
इससे पहले शनिवार और रविवार को दो अन्य महिलाओं की भी मौत हो चुकी है, जो 55 और 70 वर्ष की थीं। इन दोनों को भी पहले से हृदय रोग, अस्थमा और हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं थीं।
क्या इंदौर में फिर बढ़ रहा है कोरोना?
जनवरी से अब तक इंदौर में लगभग 200 कोरोना पॉजिटिव केस दर्ज किए जा चुके हैं, जिनमें से अधिकांश मरीज होम आइसोलेशन में ठीक हो गए हैं। लेकिन बीते एक सप्ताह में पॉजिटिव केसों में धीरे-धीरे वृद्धि देखी जा रही है।
अब तक की स्थिति:
- कुल सक्रिय मामले: 17
- होम आइसोलेट मरीज: 15
- अस्पताल में भर्ती मरीज: 2
- मौतें (2025 में अब तक): 3
CMHO डॉ. सैनी के अनुसार, “फिलहाल घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सावधानी और सतर्कता अत्यंत आवश्यक है। जिन लोगों को पहले से बीमारियां हैं, वे विशेष रूप से सतर्क रहें।”
कौन से वेरिएंट की आशंका?
अभी तक किसी भी केस में कोविड के नए वेरिएंट (Variant of Concern) की पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भोपाल भेजे हैं ताकि वायरस के म्यूटेशन की पहचान की जा सके।
विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना के नए वेरिएंट आमतौर पर तेज़ी से फैलते हैं लेकिन घातक नहीं होते, लेकिन यदि मरीज को पहले से बीमारी है, तो संक्रमण खतरनाक हो सकता है।
स्वास्थ्य विभाग की तैयारी
स्वास्थ्य विभाग ने सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को अलर्ट कर दिया है। जिन मरीजों को बुखार, खांसी, सांस लेने में दिक्कत, थकान, या बदन दर्द की शिकायत है, उन्हें तत्काल कोविड टेस्ट कराने की सलाह दी गई है।
निर्देश:
- सर्दी-खांसी जैसे लक्षणों पर तुरंत जांच
- गंभीर बीमारियों वाले लोगों की मॉनिटरिंग
- अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन और दवा की समीक्षा
- मास्क और सैनिटाइज़र के इस्तेमाल की पुनः अपील
बुजुर्ग और बीमार लोगों के लिए विशेष सावधानी
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि अब कोरोना एक स्थायी स्वास्थ्य चुनौती बन चुका है, लेकिन इससे निपटने के लिए सतर्कता ही सबसे बड़ा उपाय है।
“जिन लोगों को पहले से डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, हार्ट या किडनी की बीमारी है, वे किसी भी संक्रमण को हल्के में न लें और डॉक्टर से संपर्क करें।” – डॉ. सैनी, CMHO
विशेषज्ञों की राय
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि:
- कोरोना का संक्रमण कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों के लिए आज भी घातक हो सकता है।
- संक्रमण भले ही सामान्य लगे, लेकिन यदि को-मॉर्बिडिटी (पूर्व बीमारियाँ) हों, तो गंभीर असर पड़ सकता है।
- वैक्सीनेशन के बाद मृत्यु दर कम हुई है, लेकिन बूस्टर डोज़ अब भी आवश्यक हो सकती है।
जनता के लिए आवश्यक सुझाव
स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे कोविड को हल्के में न लें और निम्नलिखित एहतियात बरतें:
- सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनें
- हाथ बार-बार साबुन से धोएं या सैनिटाइज़ करें
- भीड़-भाड़ से बचें
- टीकाकरण की स्थिति जांचें, यदि बूस्टर डोज़ बाकी हो तो लगवाएं
- किसी भी तरह के लक्षण पर डॉक्टर से संपर्क करें
इंदौर में तीन दिनों में कोरोना से तीन महिलाओं की मौत ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि यह संक्रमण अब भी गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। हालांकि आम लोगों में घबराने जैसी स्थिति नहीं है, लेकिन सावधानी, समय पर जांच और सतर्कता ही इसका सही समाधान है।
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