इंदौर में नवविवाहिता ने इलाज के दौरान तोड़ा दम:दहेज को लेकर ससुराल में विवाद, मायके वालों ने पति-ससुराल पक्ष पर लगाए गंभीर आरोप

Best Indore News: इंदौर में दहेज प्रथा एक बार फिर सवालों के घेरे में है। शहर में एक नवविवाहिता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला सामने आया है। मायके पक्ष ने ससुराल वालों पर दहेज को लेकर प्रताड़ित करने और हत्या के गंभीर आरोप लगाए हैं। इस घटना ने न केवल परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है, बल्कि समाज में दहेज प्रथा की काली सच्चाई को भी उजागर किया है। घटना का विवरण मायके पक्ष के आरोप मृतका के परिजनों का आरोप है कि विवाह के बाद से ही ससुराल पक्ष दहेज को लेकर परेशान कर रहा था। पुलिस जांच और कार्रवाई कानूनी प्रावधान और सख्त सजा भारतीय कानून के अनुसार, शादी के सात साल के भीतर किसी महिला की संदिग्ध मौत होने पर दहेज हत्या का केस दर्ज किया जाता है। दहेज प्रथा की सामाजिक समस्या दहेज प्रथा भारत में आज भी एक गहरी सामाजिक बुराई है। लोगों में बढ़ रही जागरूकता लेकिन… सरकारी योजनाओं, कानून और जागरूकता के बावजूद दहेज से जुड़ी घटनाएं रुक नहीं रही हैं। इंदौर की यह घटना फिर साबित करती है कि दहेज प्रथा एक सामाजिक कलंक है, जो महिलाओं की जान तक ले रही है। कानून होने के बावजूद इन मामलों को रोकना मुश्किल हो रहा है क्योंकि यह मानसिकता में गहराई तक जड़ें जमा चुकी है। जरूरत है कि हम सभी इस बुराई के खिलाफ आवाज उठाएं और आने वाली पीढ़ी को दहेज मुक्त समाज का हिस्सा बनाएं। इंदौर की अधिक जानकारी, हर क्षेत्र के सर्वश्रेष्ठ विकल्प और स्थानीय अपडेट्स के लिए हमारी वेबसाइट Best Indore पर जरूर विजिट करें।
बुजुर्गों को निशाना बनाने वालों की मिली जानकारी:पुलिस टीम तलाश में जुटी, इंदौर में कर चुके हैं 4 वारदात

Best Indore News: इंदौर में बुजुर्गों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं, क्योंकि शहर में एक के बाद एक कई घटनाओं में बुजुर्गों को निशाना बनाने वाले गिरोह के बारे में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। पुलिस ने खुलासा किया है कि यह गैंग अब तक 4 वारदातों को अंजाम दे चुका है। वर्तमान में पुलिस टीम इस गैंग को पकड़ने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। कैसे सामने आई जानकारी? पिछले कुछ दिनों में इंदौर में बुजुर्गों से लूट और ठगी की घटनाओं में अचानक इजाफा हुआ। सूत्रों के अनुसार, पुलिस ने आसपास के CCTV फुटेज और मोबाइल लोकेशन के आधार पर 3 संदिग्धों की पहचान की है। कौन हैं बुजुर्गों के लिए सबसे बड़ा खतरा? पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि यह गिरोह बुजुर्गों की जानकारी पहले से जुटाता था। अब तक हुई वारदातें इंदौर में पिछले एक महीने में चार बड़ी वारदातें हुईं। पुलिस की कार्रवाई और जांच बुजुर्गों के लिए सुरक्षा सुझाव पुलिस ने बुजुर्गों के लिए कुछ महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं: इंदौर में बुजुर्गों को निशाना बनाने वाले गैंग का खुलासा चिंताजनक है। हालांकि पुलिस की त्वरित कार्रवाई और लोगों की सतर्कता से इन अपराधों पर जल्द लगाम लगाई जा सकती है। ऐसे मामलों से बचने के लिए बुजुर्गों और उनके परिवारों को सुरक्षा उपायों को अपनाना बेहद जरूरी है। समाज को भी ऐसे अपराधियों के खिलाफ एकजुट होकर कदम उठाना चाहिए। इंदौर की अधिक जानकारी, हर क्षेत्र के सर्वश्रेष्ठ विकल्प और स्थानीय अपडेट्स के लिए हमारी वेबसाइट Best Indore पर जरूर विजिट करें।
मां की किडनी से बेटे को मिला नया जीवन:डिस्चार्ज पर आंखें हुईं नम, डॉक्टरों के पैर छुए;प्राइवेट अस्पतालों में 10 लाख खर्च कर चुका था परिवार

Best Indore News:मां के प्यार से बड़ी कोई शक्ति नहीं होती, और इंदौर में घटी एक घटना ने इसे एक बार फिर साबित कर दिया। एक मां ने अपनी किडनी दान करके बेटे को नई जिंदगी दी। ऑपरेशन के बाद जब बेटा अस्पताल से डिस्चार्ज हुआ, तो भावनाओं का सैलाब उमड़ पड़ा। बेटे ने डॉक्टरों के पैर छुए और मां की ममता को सलाम किया। किडनी फेल होने से शुरू हुई जंग इंदौर निवासी 32 वर्षीय युवक पिछले दो साल से किडनी की बीमारी से जूझ रहा था। कई प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराने के बावजूद सुधार नहीं हुआ। परिवार ने अब तक करीब 10 लाख रुपये खर्च कर दिए, लेकिन हर जगह डॉक्टरों ने ट्रांसप्लांट की सलाह दी। इस बीच मां ने बिना सोचे-समझे किडनी देने का फैसला लिया। कैसे हुआ ऑपरेशन सफल? इंदौर के एक बड़े सरकारी अस्पताल में यह सर्जरी की गई। मां की ममता का अद्भुत उदाहरण मां ने कहा –“बेटा मेरी जान है। उसकी जिंदगी के लिए मैं अपनी जान भी दे सकती हूं।”परिवार के बाकी सदस्य भी इस फैसले से भावुक हो गए। डिस्चार्ज के समय बेटे ने मां को गले लगाया और डॉक्टरों को धन्यवाद दिया। सरकारी अस्पताल में कम खर्च में बड़ा काम परिवार ने बताया कि निजी अस्पतालों में इस ट्रांसप्लांट के लिए 15 से 20 लाख रुपये तक का खर्च बताया जा रहा था। किडनी ट्रांसप्लांट क्यों जरूरी? किडनी फेल होने पर शरीर से टॉक्सिन बाहर नहीं निकल पाते, जिससे जान का खतरा बढ़ जाता है। डायलिसिस अस्थायी समाधान है, लेकिन लंबी उम्र के लिए किडनी ट्रांसप्लांट ही स्थायी उपाय है। डॉक्टरों की अपील डॉक्टरों ने लोगों से ऑर्गन डोनेशन के लिए आगे आने की अपील की।भारत में हर साल लाखों लोग ऑर्गन न मिलने की वजह से जान गंवाते हैं। एक डोनर 8 लोगों को नई जिंदगी दे सकता है। यह घटना दिखाती है कि मां का प्यार असीमित है। इंदौर में हुए इस ऑपरेशन ने न केवल एक बेटे को नई जिंदगी दी, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि सरकारी स्वास्थ्य योजनाएं गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए संजीवनी हैं। इस तरह के प्रयास समाज को ऑर्गन डोनेशन की दिशा में प्रेरित कर सकते हैं। इंदौर की अधिक जानकारी, हर क्षेत्र के सर्वश्रेष्ठ विकल्प और स्थानीय अपडेट्स के लिए हमारी वेबसाइट Best Indore पर जरूर विजिट करें।
प्रदेश में ट्रफ की एक्टिविटी पर इंदौर में असर नहीं:बादल छाने और रिमझिम का दौर; जुलाई के दो दिनों में माह का कोटा पूरा होना मुश्किल

Best Indore News: मध्यप्रदेश में मानसून सक्रिय होने के बावजूद इंदौर में ट्रफ की एक्टिविटी का असर दिखाई नहीं दे रहा है। शहर में बादल तो छा रहे हैं, लेकिन रिमझिम से ज्यादा पानी नहीं बरस रहा। इस स्थिति के कारण जुलाई महीने का बारिश का कोटा पूरा होना मुश्किल लग रहा है। इंदौर में बारिश क्यों कम हो रही है? मौसम विभाग के अनुसार, वर्तमान में प्रदेश के कई हिस्सों में ट्रफ लाइन सक्रिय है, लेकिन इंदौर और आसपास के इलाकों पर इसका प्रभाव कम है। ट्रफ की दिशा पूर्वी और दक्षिणी हिस्सों की ओर ज्यादा झुकी होने से इन क्षेत्रों में बारिश हो रही है, जबकि पश्चिमी हिस्सों में बारिश की कमी बनी हुई है। अभी तक जुलाई में औसत बारिश का आंकड़ा पूरा नहीं हुआ है। अब तक कितना हुआ बारिश का आंकड़ा? अगले 48 घंटे का पूर्वानुमान मौसम विशेषज्ञों के अनुसार: प्रदेश के पूर्वी और दक्षिणी हिस्सों में भारी बारिश की संभावना है, लेकिन इंदौर-उज्जैन संभाग को अभी इंतजार करना होगा। किसानों पर प्रभाव बारिश में कमी का असर सीधे किसानों पर पड़ रहा है। सोयाबीन, मक्का जैसी खरीफ फसलों को अब लगातार पानी की जरूरत है। शहर में मौसम का हाल इंदौर में इस बार मानसून का मिजाज अलग है। ट्रफ की एक्टिविटी का असर कम होने से बारिश का कोटा पूरा नहीं हो पा रहा। मौसम विभाग ने अगले दो दिनों तक हल्की बारिश के संकेत दिए हैं, लेकिन तेज बारिश के लिए अभी इंतजार करना होगा। यह स्थिति किसानों और शहरवासियों दोनों के लिए चुनौतीपूर्ण बनी हुई है। इंदौर की अधिक जानकारी, हर क्षेत्र के सर्वश्रेष्ठ विकल्प और स्थानीय अपडेट्स के लिए हमारी वेबसाइट Best Indore पर जरूर विजिट करें।
NHAI और ठेकेदार एक माह में पूरा करें काम:इंदौर बायपास जाम; हाईकोर्ट की नाराजगी, कहा– पहले सर्विस रोड जरूरी थी

Best Indore News: इंदौर बायपास पर बढ़ते जाम के मुद्दे पर हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। अदालत ने NHAI और ठेकेदार को एक माह के भीतर काम पूरा करने के सख्त निर्देश दिए हैं। साथ ही यह टिप्पणी भी की गई कि पहले सर्विस रोड को तैयार करना प्राथमिकता होनी चाहिए थी, जिससे लोगों को परेशानी न झेलनी पड़ती। समस्या की जड़: क्यों हुआ जाम का संकट? इंदौर बायपास पर पिछले कुछ महीनों से सड़क चौड़ीकरण और निर्माण कार्य चल रहा है। इस दौरान सर्विस रोड पूरी तरह तैयार न होने के कारण बायपास पर रोजाना वाहनों की लंबी कतारें लग रही हैं। शहर के बाहरी इलाकों में भी जाम की स्थिति से आम लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। व्यापारिक परिवहन, स्कूल बसें और इमरजेंसी वाहन भी जाम में फंस रहे हैं, जिससे जनजीवन पर सीधा असर पड़ा है। हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा: अदालत ने साफ किया कि अगर तय समय में काम पूरा नहीं हुआ, तो जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। NHAI की योजना और ठेकेदार की जिम्मेदारी नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने आश्वासन दिया कि बचे हुए काम को एक महीने में पूरा किया जाएगा। ठेकेदारों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे 24×7 काम करके प्रोजेक्ट को समयसीमा में खत्म करें। बायपास पर डाइवर्जन और सुरक्षा व्यवस्था को भी बेहतर बनाने का आदेश दिया गया है। लोगों की परेशानी और समाधान स्थानीय लोगों और यात्रियों ने कहा कि इस काम की वजह से रोजाना 30 से 45 मिनट अतिरिक्त जाम में बिताने पड़ते हैं। कई बार एम्बुलेंस तक जाम में फंस जाती है। हाईकोर्ट ने इस पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए NHAI को डेडलाइन का पालन करने का आदेश दिया। इंदौर बायपास शहर के ट्रैफिक मैनेजमेंट और आर्थिक गतिविधियों के लिए बेहद अहम है। ऐसे में निर्माण कार्य में देरी न सिर्फ लोगों की परेशानी बढ़ा रही है, बल्कि विकास की गति को भी प्रभावित कर रही है। उम्मीद है कि NHAI और ठेकेदार समयसीमा में काम पूरा करेंगे और इंदौर को जल्द ही जाम से राहत मिलेगी। इंदौर की अधिक जानकारी, हर क्षेत्र के सर्वश्रेष्ठ विकल्प और स्थानीय अपडेट्स के लिए हमारी वेबसाइट Best Indore पर जरूर विजिट करें।
झाबुआ में जिंक की कमी से 36% लोग छोटे कद के, बच्चों में गंजेपन का संकट

Best Indore News: झाबुआ के आदिवासी इलाकों में कुपोषण और पोषण की कमी लंबे समय से चिंता का विषय रही है। हाल ही में भास्कर टीम की ग्राउंड रिपोर्ट में सामने आया कि झारनी, थैथम और भीमपुरी जैसे गांवों में जिंक की गंभीर कमी से स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं बढ़ रही हैं। स्थिति इतनी खराब है कि 100 में से 36 लोग औसत ऊंचाई तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। वहीं बच्चों में गंजापन जैसी समस्या भी आम होती जा रही है। क्या है जिंक की कमी का असर? जिंक एक आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व है, जो शरीर की वृद्धि, रोग प्रतिरोधक क्षमता और बालों की सेहत के लिए जरूरी है। जिंक की कमी से बच्चों की वृद्धि रुक जाती है और उनकी ऊंचाई औसत से कम रह जाती है।प्रमुख लक्षण: ग्राउंड रिपोर्ट की मुख्य बातें जिंक की कमी के कारण इन इलाकों में जिंक की कमी के पीछे कई कारण हैं: स्वास्थ्य पर गहरा असर इन क्षेत्रों में जिंक की कमी से बच्चों में वृद्धि रुक रही है। कई किशोर सामान्य ऊंचाई से 10-12 सेंटीमीटर छोटे रह जाते हैं। बाल झड़ने की समस्या इतनी आम हो गई है कि कई छोटे बच्चे गंजे दिखाई देते हैं। सरकार और स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी पोषण सुधारने के लिए सरकार ने कई योजनाएं चलाई हैं, जैसे आंगनवाड़ी केंद्रों में पोषण आहार, लेकिन इन योजनाओं का लाभ सीमित रूप से मिल रहा है।जरूरी कदम: स्थानीय लोगों की राय ग्रामीणों का कहना है कि वे इस समस्या से अनजान हैं। उनके अनुसार, बच्चों के बाल झड़ने को वे सामान्य मानते हैं, जबकि यह गंभीर पोषण की कमी का संकेत है। समाधान के लिए क्या करना होगा? झाबुआ के आदिवासी क्षेत्रों में जिंक की कमी सिर्फ एक पोषण समस्या नहीं, बल्कि एक गंभीर स्वास्थ्य संकट है। बच्चों की वृद्धि रुकना और बालों का झड़ना उनके भविष्य को प्रभावित कर सकता है। अब जरूरत है कि सरकार, स्वास्थ्य विभाग और सामाजिक संस्थाएं मिलकर इस दिशा में ठोस कदम उठाएं। इंदौर की अधिक जानकारी, हर क्षेत्र के सर्वश्रेष्ठ विकल्प और स्थानीय अपडेट्स के लिए हमारी वेबसाइट Best Indore पर जरूर विजिट करें।
इंदौर में MPPSC-2024 भाग-2 और सहायक प्राध्यापक परीक्षा संपन्न,चार केंद्रों पर हुई परीक्षा

Best Indore News: मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) की प्रतिष्ठित परीक्षा राज्य में सबसे महत्वपूर्ण प्रतियोगी परीक्षाओं में गिनी जाती है। रविवार को इंदौर में MPPSC-2024 के भाग-2 की परीक्षा और सहायक प्राध्यापक परीक्षा आयोजित की गई। शहर के चार परीक्षा केंद्रों पर हजारों परीक्षार्थियों ने अपने सपनों को साकार करने के लिए हिस्सा लिया। परीक्षा शांतिपूर्ण वातावरण में संपन्न हुई। परीक्षा का महत्व MPPSC परीक्षा मध्यप्रदेश के प्रशासनिक पदों पर नियुक्ति के लिए आयोजित की जाती है। यह परीक्षा राज्य स्तरीय सेवाओं जैसे डिप्टी कलेक्टर, डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (DSP) और अन्य पदों के लिए प्रवेश द्वार है। दूसरी ओर, सहायक प्राध्यापक परीक्षा उच्च शिक्षा विभाग में शिक्षक नियुक्ति के लिए आयोजित की जाती है। इंदौर में परीक्षा का आयोजन परीक्षार्थियों को मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट और अन्य प्रतिबंधित वस्तुएं लाने की अनुमति नहीं थी। परीक्षार्थियों का उत्साह परीक्षा में शामिल होने वाले उम्मीदवारों में उत्साह और थोड़ी घबराहट दोनों नजर आई। कई परीक्षार्थियों ने कहा कि प्रश्न पत्र का स्तर संतुलित था, हालांकि कुछ विषयों के प्रश्न अपेक्षाकृत कठिन थे।मुख्य विषयों में शामिल थे: प्रशासन की तैयारी इंदौर जिला प्रशासन ने परीक्षा को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए पुख्ता इंतजाम किए। चुनौतियां और समाधान परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने में कुछ परीक्षार्थियों को बारिश और ट्रैफिक जाम की वजह से कठिनाई हुई, लेकिन प्रशासन ने अतिरिक्त बसों और परिवहन सेवाओं की व्यवस्था करके स्थिति संभाली। परीक्षा के बाद आगे क्या? अब परीक्षार्थियों को परिणाम का इंतजार है। विशेषज्ञों की राय शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस साल का पेपर पिछले साल की तुलना में ज्यादा विश्लेषणात्मक रहा। परीक्षार्थियों को रटने की बजाय विषयों की गहन समझ की जरूरत थी। MPPSC-2024 भाग-2 और सहायक प्राध्यापक परीक्षा का सफल आयोजन इंदौर में प्रशासनिक कुशलता का प्रमाण है। यह परीक्षा हजारों युवाओं के लिए सरकारी सेवाओं में करियर बनाने का सुनहरा अवसर है। अब देखना होगा कि कौन से प्रतिभाशाली उम्मीदवार चयनित होकर राज्य सेवा में अपना योगदान देंगे। इंदौर की अधिक जानकारी, हर क्षेत्र के सर्वश्रेष्ठ विकल्प और स्थानीय अपडेट्स के लिए हमारी वेबसाइट Best Indore पर जरूर विजिट करें।
ये भी अद्भुत:सामान्य बच्चों के साथ पढ़ते दृष्टिबाधित, 5 बन चुके टॉपर …मेरिट वालों को प्राचार्य देते हैं 11 हजार

Best Indore News: सफलता किसी सीमा को नहीं मानती। यह बात इंदौर के उन दृष्टिबाधित बच्चों ने साबित कर दी है, जिन्होंने न केवल पढ़ाई में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, बल्कि सामान्य बच्चों के साथ पढ़ते हुए मेरिट सूची में अपना नाम दर्ज कराया। इन छात्रों की लगन और परिश्रम आज समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई है। कौन हैं ये बच्चे? इंदौर के विभिन्न स्कूलों में पढ़ने वाले दृष्टिबाधित बच्चे अपनी मेहनत और आत्मविश्वास से नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। अब तक ऐसे 5 दृष्टिबाधित छात्र टॉपर बन चुके हैं, जिन्होंने मेरिट में स्थान पाकर यह दिखाया कि शारीरिक बाधा उनकी शिक्षा में रुकावट नहीं डाल सकती। कैसे मिली ये सफलता? इन छात्रों की सफलता के पीछे केवल उनका संघर्ष ही नहीं, बल्कि शिक्षकों और स्कूल प्रबंधन का सहयोग भी अहम है। प्राचार्य का प्रयास और प्रोत्साहन इन छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए प्राचार्य की भूमिका भी सराहनीय रही है। मेरिट सूची में आने वाले दृष्टिबाधित छात्रों को ₹11,000 का इनाम दिया जाता है। इस आर्थिक सहायता से छात्रों में आत्मविश्वास बढ़ता है और वे उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित होते हैं। चुनौतियां और समाधान दृष्टिबाधित छात्रों के लिए मुख्य चुनौतियां रही: लेकिन आज तकनीक और सामाजिक सहयोग से ये चुनौतियां कम हो रही हैं। ब्रेल नोट्स, स्क्रीन रीडर सॉफ्टवेयर और ऑडियो क्लासेज ने इन बच्चों की पढ़ाई को आसान बना दिया है। समाज को संदेश इन बच्चों की कहानी हमें यह सिखाती है कि शिक्षा का अधिकार सभी के लिए समान है। अगर समाज और परिवार सहयोग करें, तो कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती। दृष्टिबाधित छात्रों के लिए बेहतर शिक्षा और संसाधन उपलब्ध कराना हमारी जिम्मेदारी है। सरकारी पहल राज्य और केंद्र सरकार विशेष योजनाओं के तहत दृष्टिबाधित छात्रों को छात्रवृत्ति, फ्री किताबें, और रेजिडेंशियल स्कूल की सुविधा दे रही हैं। इसके अलावा, प्रतियोगी परीक्षाओं में भी इन छात्रों को अतिरिक्त समय और सहायक लेखक की सुविधा प्रदान की जाती है। दृष्टिबाधित छात्रों की यह सफलता समाज में एक नई सोच पैदा कर रही है। यह साबित करता है कि इच्छाशक्ति और मेहनत के आगे कोई कमी आड़े नहीं आती। शिक्षा सभी के लिए समान होनी चाहिए, और इन छात्रों ने दिखा दिया है कि यदि अवसर मिले, तो हर कोई सफलता की ऊंचाई छू सकता है। इंदौर की अधिक जानकारी, हर क्षेत्र के सर्वश्रेष्ठ विकल्प और स्थानीय अपडेट्स के लिए हमारी वेबसाइट Best Indore पर जरूर विजिट करें।
गुड़-बेसन और गोबर से तैयार जीवामृत, किसानों ने अपनाई जैविक खेती

रासायनिक खेती छोड़ जैविक खेती की ओर किसानों का रुझान Best Indore News: देश में बढ़ती रासायनिक खेती के नुकसान ने किसानों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। स्वास्थ्य और मिट्टी की उर्वरता पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव को देखते हुए कई किसान अब जैविक खेती की तरफ बढ़ रहे हैं। इसी कड़ी में इंदौर और आसपास के कई किसानों ने गुड़, बेसन और गोबर से बने जीवामृत का उपयोग शुरू किया है। यह एक प्राकृतिक खाद और कीटनाशक है, जो मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के साथ-साथ फसल को रोगों से भी बचाता है। जीवामृत क्या है और कैसे बनता है? जीवामृत एक प्रकार का जैविक घोल है, जो पूरी तरह से प्राकृतिक और पर्यावरण के अनुकूल है। इसे बनाने के लिए निम्न सामग्री की जरूरत होती है: इन सभी चीजों को एक ड्रम में मिलाकर 3 से 5 दिनों तक रखा जाता है। इस दौरान मिश्रण को रोजाना हिलाया जाता है, ताकि उसमें सूक्ष्मजीव सक्रिय रह सकें। यह घोल फसल पर छिड़काव के लिए और सिंचाई के पानी में मिलाने के लिए उपयोग किया जाता है। रासायनिक खादों से नुकसान क्यों? रासायनिक खाद और कीटनाशक से मिट्टी की उर्वरता खत्म हो रही है। लंबे समय तक इनका उपयोग करने से मिट्टी कठोर हो जाती है, पानी सोखने की क्षमता घट जाती है और फसल में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। यही नहीं, रासायनिक अवशेषों से मानव स्वास्थ्य पर भी खतरा बढ़ता है। जीवामृत के फायदे देशी तकनीक और नवाचारों का उपयोग किसानों ने सिर्फ जीवामृत ही नहीं, बल्कि अन्य देशी तकनीकें भी अपनाई हैं। जैसे वर्मी कम्पोस्ट, पंचगव्य और बायो-पेस्टिसाइड्स का उपयोग। ये तकनीकें न केवल सस्ती हैं, बल्कि खेतों को रासायनिक प्रदूषण से भी बचाती हैं। किसानों का अनुभव जिन किसानों ने जीवामृत का उपयोग किया है, उन्होंने बताया कि इससे मिट्टी की नमी लंबे समय तक बनी रहती है और फसल रोगों से सुरक्षित रहती है। इसके अलावा, खेती की लागत में भी काफी कमी आई है। सरकारी प्रयास और योजनाएं राज्य सरकार और केंद्र सरकार भी जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं चला रही हैं। किसानों को ट्रेनिंग, सब्सिडी और उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे हैं। गुड़, बेसन और गोबर से बने जीवामृत जैसे जैविक विकल्प खेती को सस्टेनेबल बनाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। यह न केवल किसानों की लागत घटाता है, बल्कि मिट्टी और मानव स्वास्थ्य को भी सुरक्षित करता है। रासायनिक खेती से होने वाले नुकसान को देखते हुए जैविक खेती समय की मांग है। आने वाले समय में यही तकनीकें कृषि के भविष्य को सुरक्षित बनाएंगी। इंदौर की अधिक जानकारी, हर क्षेत्र के सर्वश्रेष्ठ विकल्प और स्थानीय अपडेट्स के लिए हमारी वेबसाइट Best Indore पर जरूर विजिट करें।
इंदौर में आज बारिश के आसार, सीजन में अब तक 10 इंच से ज्यादा पानी

Best Indore News: इंदौर में मानसून ने एक बार फिर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। शुक्रवार रातभर हुई रिमझिम बारिश ने मौसम को सुहावना बना दिया। शहर में लगातार बदलते मौसम ने न केवल तापमान को कम किया, बल्कि उमस से परेशान लोगों को भी राहत दी। मौसम विभाग का अनुमान है कि आज भी शहर में बारिश की संभावना बनी हुई है। इस सीजन में अब तक इंदौर में 10 इंच से ज्यादा पानी दर्ज हो चुका है। रातभर हुई हल्की बारिश शुक्रवार देर रात से लेकर शनिवार सुबह तक शहर में रुक-रुककर रिमझिम बारिश होती रही। बारिश के बाद सुबह का मौसम बेहद सुहावना रहा। सड़कों पर पानी जमा नहीं हुआ, जिससे लोगों को ज्यादा परेशानी नहीं हुई। अब तक का बारिश का आंकड़ा मौसम विभाग के अनुसार, इंदौर में इस सीजन की कुल बारिश का आंकड़ा 10 इंच से ज्यादा पहुंच चुका है। हालांकि, जुलाई के शुरुआत में बारिश में कमी देखी गई थी, लेकिन अब हालात बदल रहे हैं। किसानों के लिए राहत की खबर यह बारिश खासतौर पर किसानों के लिए राहत लेकर आई है। जिन किसानों ने बोवनी कर दी थी, उनके खेतों में पानी पहुंच गया है। वहीं जिन क्षेत्रों में बारिश नहीं हुई थी, वहां के किसानों को भी उम्मीद है कि आने वाले दिनों में पानी मिलेगा। मौसम विभाग का पूर्वानुमान मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि आने वाले 24 घंटों में शहर और आसपास के इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी बारिश की संभावना है, खासकर दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्रों में। तापमान में गिरावट बारिश के कारण तापमान में गिरावट आई है। अधिकतम तापमान सामान्य से 2 डिग्री कम और न्यूनतम तापमान भी सामान्य से नीचे रिकॉर्ड किया गया। उमस में कमी से लोगों ने राहत की सांस ली। नागरिकों की प्रतिक्रिया लोगों ने बारिश का स्वागत किया। बच्चों ने घरों की छतों पर खेल का मजा लिया। वहीं सोशल मीडिया पर भी बारिश की तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं। सड़क और यातायात व्यवस्था हालांकि बारिश के कारण कुछ इलाकों में ट्रैफिक की रफ्तार धीमी हुई, लेकिन बड़े जाम की स्थिति नहीं बनी। नगर निगम की टीम ने पहले से नालियों की सफाई का काम किया था, जिससे पानी निकासी में दिक्कत नहीं हुई। इंदौर में हुई रिमझिम बारिश ने शहरवासियों को राहत दी है। मानसून की रफ्तार तेज होने के संकेत हैं, जिससे किसानों और आम जनता के चेहरे खिल उठे हैं। अगर आने वाले दिनों में बारिश का यह सिलसिला जारी रहा, तो जलस्तर सुधरेगा और फसलों को पर्याप्त पानी मिलेगा। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, जुलाई के आखिरी हफ्ते में और अधिक बारिश की संभावना है। इंदौर की अधिक जानकारी, हर क्षेत्र के सर्वश्रेष्ठ विकल्प और स्थानीय अपडेट्स के लिए हमारी वेबसाइट Best Indore पर जरूर विजिट करें।