
प्रिंसिपल के खिलाफ गुस्से में छात्र, 15 किलोमीटर पैदल चलकर पहुंचे इंदौर
Best Indore News: इंदौर में शिक्षा जगत से जुड़ा एक बड़ा मामला सामने आया है, जहां एकलव्य मॉडल रेसिडेंशियल स्कूल के छात्रों ने प्रिंसिपल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। छात्रों का आरोप है कि स्कूल में लगातार हो रहे अनियमितताओं और प्रिंसिपल के रवैये से परेशान होकर उन्हें यह कदम उठाना पड़ा। विरोध की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि छात्र 15 किलोमीटर पैदल चलकर इंदौर पहुंचे।
क्या है मामला?
छात्रों का कहना है कि प्रिंसिपल के खिलाफ उनकी शिकायतों को बार-बार नजरअंदाज किया गया। आरोपों में भोजन की गुणवत्ता खराब होना, शिक्षा व्यवस्था में गड़बड़ी, हॉस्टल की समस्याएं और अनुशासनहीनता शामिल हैं। कई छात्रों ने बताया कि प्रिंसिपल द्वारा किया जा रहा व्यवहार छात्रों के लिए असहनीय हो गया था।
छात्रों का आरोप
- हॉस्टल में साफ-सफाई की व्यवस्था बेहद खराब है।
- छात्रों को समय पर भोजन और आवश्यक सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।
- प्रिंसिपल पर छात्रों के साथ दुर्व्यवहार के आरोप भी लगाए गए।
15 किलोमीटर का सफर क्यों?
छात्रों के अनुसार, उन्होंने अपनी शिकायतें कई बार स्कूल प्रशासन तक पहुंचाईं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। मजबूर होकर उन्होंने सामूहिक रूप से इंदौर जाने का फैसला लिया। छात्र समूह ने पैदल मार्च कर 15 किलोमीटर की दूरी तय की और सीधे प्रशासन से संपर्क करने पहुंचे।
प्रशासन की भूमिका
छात्रों के पहुंचने के बाद प्रशासन हरकत में आया। जिला शिक्षा अधिकारी और आदिवासी विकास विभाग के अधिकारियों ने छात्रों से बातचीत की और उनकी शिकायतों को गंभीरता से सुना। जांच के आदेश दिए गए हैं और आश्वासन दिया गया है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अभिभावकों की प्रतिक्रिया
अभिभावकों ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया और प्रशासन से मांग की कि बच्चों की सुरक्षा और सुविधाओं में कोई लापरवाही न बरती जाए। उन्होंने कहा कि अगर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो वे भी आंदोलन करेंगे।
एकलव्य मॉडल स्कूल का उद्देश्य और चुनौतियां
एकलव्य मॉडल रेसिडेंशियल स्कूल का उद्देश्य आदिवासी छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना है। सरकार इस पर करोड़ों रुपए खर्च करती है, लेकिन जमीनी हकीकत कई बार इन उद्देश्यों पर सवाल खड़े कर देती है। अगर छात्रों की बुनियादी जरूरतें ही पूरी नहीं होंगी, तो यह योजना बेअसर हो जाएगी।
एकलव्य स्कूल के छात्रों का यह कदम प्रशासन और समाज के लिए एक बड़ा संदेश है कि शिक्षा संस्थानों में पारदर्शिता और छात्रों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसे संस्थानों में भ्रष्टाचार, लापरवाही या किसी भी तरह का शोषण न हो।
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