
Best Indore News इंदौर। देशभर में स्वच्छता के मामले में नंबर वन का तमगा हासिल करने वाले इंदौर शहर में इन दिनों एक अलग ही दृश्य देखने को मिला। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नगर निगम और शासन-प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए अनोखा विरोध प्रदर्शन किया। विरोध का तरीका भी उतना ही अनूठा था – कार्यकर्ता शहर की टूटी सड़कों और गड्ढों में बैठकर भजन गा रहे थे।
यह प्रदर्शन शहर के विभिन्न हिस्सों में बने गहरे गड्ढों और जलभराव की समस्या को उजागर करने के उद्देश्य से किया गया था। प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने यह संदेश देने की कोशिश की कि भले ही स्वच्छता में इंदौर को बार-बार नंबर वन बताया गया हो, लेकिन जमीनी हकीकत अब भी गड्ढों में छिपी हुई है।
प्रदर्शन का दृश्य और उद्देश्य:
कांग्रेस के जिला अध्यक्ष और अन्य वरिष्ठ नेताओं के नेतृत्व में यह विरोध प्रदर्शन किया गया। कार्यकर्ता शहर के व्यस्त इलाकों में स्थित गड्ढों में बैठ गए और वहां भजन-कीर्तन करने लगे। कई कार्यकर्ताओं ने पोस्टर भी थाम रखे थे जिन पर लिखा था – “गड्ढों में बैठकर गा रहे हैं भजन, अब तो जागो प्रशासन”।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि यह प्रदर्शन किसी राजनीतिक लाभ के लिए नहीं, बल्कि जनहित के लिए किया जा रहा है। उनका आरोप है कि सड़कों की मरम्मत के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं, लेकिन बारिश के आते ही सच्चाई सामने आ जाती है। कई इलाकों में सड़कों की हालत इतनी खराब है कि लोगों को रोजाना जान जोखिम में डालकर सफर करना पड़ता है।
स्वच्छता नंबर वन, पर सड़कों की हालत ‘शून्य’:
एक कार्यकर्ता ने तीखे शब्दों में कहा – “स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर नंबर वन है, लेकिन गड्ढों में जीरो है। अगर सड़कें ही न हों तो सफाई कहां और कैसे दिखेगी?”
यह बात आंशिक रूप से सही भी है। इंदौर में स्वच्छता को लेकर लगातार प्रयास किए गए हैं और नगर निगम की टीम ने वाकई कई सुधार किए हैं। लेकिन सड़कों की दशा पर भी उतना ही ध्यान देना जरूरी है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया:
इस विरोध प्रदर्शन पर नगर निगम और प्रशासन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन स्थानीय सूत्रों के अनुसार, प्रदर्शन के बाद संबंधित क्षेत्रों में गड्ढों की मरम्मत का कार्य जल्द शुरू किया जा सकता है।
हालांकि यह पहली बार नहीं है जब शहर की खराब सड़कों को लेकर प्रदर्शन हुआ हो। बीते वर्षों में भी नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने सड़क मरम्मत और जलभराव की समस्या को लेकर आवाज उठाई है।
बारिश के बाद बिगड़ी व्यवस्था:
इंदौर में बीते कुछ दिनों से हो रही तेज बारिश ने शहर की व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है। नालियों की सफाई अधूरी होने के कारण कई इलाकों में जलभराव की स्थिति बन गई है। साथ ही, हल्की सी बारिश में भी सड़कों पर गड्ढे उभर आते हैं, जिससे ट्रैफिक व्यवस्था भी प्रभावित होती है।
कई जगहों पर गड्ढों में पानी भर जाने से वाहन चालकों को सड़क की स्थिति समझ नहीं आती और दुर्घटनाएं होती हैं। इस बार बारिश शुरू होते ही 10 से ज्यादा स्थानों पर सड़क धंसने की घटनाएं भी सामने आई हैं।
कांग्रेस का आरोप – “कागजों में सब ठीक है”:
प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेताओं ने कहा कि सरकार और निगम सिर्फ कागजों पर विकास दिखा रही है। जमीनी स्तर पर हकीकत कुछ और ही है। उनका कहना है कि सिर्फ स्लोगन और रैंकिंग से शहर की छवि नहीं बनती, बल्कि वास्तविक विकास और सुविधाओं की आवश्यकता होती है।
जनता की प्रतिक्रिया:
स्थानीय लोगों ने कांग्रेस के इस प्रदर्शन को सकारात्मक नजर से देखा। एक दुकानदार ने कहा, “कम से कम किसी ने तो हमारी बात को सामने रखा है। रोज बारिश में दुकान तक आना मुश्किल हो जाता है, सड़क पर कीचड़ और गड्ढे जानलेवा हैं।”
इंदौर में कांग्रेस द्वारा किया गया यह अनोखा प्रदर्शन न केवल शहर की खस्ताहाल सड़कों की ओर प्रशासन का ध्यान खींचने का प्रयास है, बल्कि यह भी संदेश है कि स्वच्छता और सुगम यातायात दोनों एक साथ जरूरी हैं। जब तक शहर की मूलभूत सुविधाएं मजबूत नहीं होंगी, तब तक विकास अधूरा ही रहेगा।
प्रशासन को चाहिए कि वह सड़कों की समय पर मरम्मत कराए और मानसून से पहले सभी संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान कर कार्रवाई करे, ताकि इंदौर वाकई हर पैमाने पर नंबर वन बन सके।
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