
सेंट्रल म्यूजियम, जिसे इंदौर संग्रहालय के नाम से भी जाना जाता है, न केवल मध्य प्रदेश के सबसे पुराने संग्रहालयों में से एक है, बल्कि यह उस ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर का भी प्रतीक है जिसे इंदौर सदियों से संजोए हुए है। 1929 में होलकर शासकों द्वारा स्थापित यह संग्रहालय, आज भी इतिहास प्रेमियों, शोधकर्ताओं और कला के जिज्ञासु विद्यार्थियों के लिए आकर्षण का प्रमुख केंद्र बना हुआ है।
संग्रहालय का वर्तमान स्थान, जो इंदौर के जनरल पोस्ट ऑफिस के समीप(PV4H+3HW, Near GPO Square, Residency, Navlakha, Indore, Madhya Pradesh 452001) स्थित है, 1965 में तब निर्धारित किया गया जब इसे राज्य सरकार के प्रशासनिक अधिकार में लाकर केंद्रीय संग्रहालय घोषित किया गया। इस स्थान पर आने वाला प्रत्येक आगंतुक प्राचीन भारतीय सभ्यता की विविधताओं और सांस्कृतिक गहराइयों को देखने और समझने का एक दुर्लभ अवसर प्राप्त करता है।
इस संग्रहालय की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें प्रागैतिहासिक काल से लेकर मध्यकालीन भारत तक की अनगिनत कलाकृतियां, मूर्तियां, सिक्के और हथियार एक ही छत के नीचे देखने को मिलते हैं। संग्रहालय में कुल आठ दीर्घाएँ हैं, जिनमें से दो प्रमुख दीर्घाएं विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं — एक प्रागैतिहासिक कलाकृतियों के लिए समर्पित है और दूसरी हिंदू पौराणिक कथाओं से जुड़ी मूर्तिकला और नक्काशी को प्रदर्शित करती है।

विशेष रूप से परमार शैली की मूर्तियां इस संग्रहालय की शोभा को और भी बढ़ा देती हैं, क्योंकि इन मूर्तियों की जटिलता, बारीकी और उत्कृष्ट शिल्प कौशल देखने लायक होता है। इसके अतिरिक्त, संग्रहालय में 11वीं शताब्दी के वास्तुशिल्प अवशेष भी प्रदर्शित किए गए हैं, जिनमें एक भव्य दरवाजे का ढांचा प्रमुख आकर्षण का केंद्र है, जो तत्कालीन निर्माण कला और धार्मिक शिल्प की गहराई को दर्शाता है।
इतना ही नहीं, संग्रहालय में मराठा, राजपूत और मुगल कालीन हथियारों का प्रभावशाली संग्रह भी है, जिससे यह समझना आसान हो जाता है कि भारत की युद्ध संस्कृति और सैन्य प्रणाली किस प्रकार से विकसित हुई। इन हथियारों में तलवारें, ढालें, भाले, और पुराने बंदूक जैसे स्वदेशी और आधुनिक दोनों प्रकार के शस्त्र सम्मिलित हैं।
इसके साथ-साथ, मध्य प्रदेश के विभिन्न प्राचीन मंदिरों से प्राप्त अवशेषों का यह संग्रहालय संरक्षण भी करता है, जिससे राज्य की धार्मिक, सांस्कृतिक और स्थापत्य कला के गौरवशाली अतीत की स्पष्ट झलक मिलती है। सिक्कों का संग्रह भी अत्यंत समृद्ध है, जो प्राचीन मुद्राओं के माध्यम से भारत के आर्थिक इतिहास की यात्रा कराता है।
कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि सेंट्रल म्यूजियम, इंदौर न केवल इंदौर शहर की शान है, बल्कि यह संपूर्ण मध्य प्रदेश की ऐतिहासिक चेतना को संरक्षित करने का एक अत्यंत महत्वपूर्ण केंद्र भी है। यदि आप भारतीय संस्कृति, कला और इतिहास में रुचि रखते हैं, तो यह संग्रहालय आपके लिए अवश्य ही एक अविस्मरणीय अनुभव सिद्ध होगा।
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