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धर्म

तिथि: 10 जून 2025
राष्ट्रीय मिति: ज्येष्ठ 20, शक संवत 1947
विक्रम संवत: 2082
सूर्य स्थिति:उत्तरायण, उत्तर गोल, ग्रीष्म ऋतु
सूर्योदय: सुबह 5:22 बजे
सूर्यास्त: शाम 7:18 बजे

वट सावित्री व्रत (पूर्णिमा पक्ष)

सुहागिन महिलाएं इस दिन वट वृक्ष (बरगद) की पूजा करती हैं और अपने पति की दीर्घायु तथा अखंड सौभाग्य के लिए व्रत रखती हैं। सावित्री और सत्यवान की कथा सुनकर आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है।

श्री सत्यनारायण व्रत

भगवान विष्णु के सत्य स्वरूप – श्री सत्यनारायण की पूजा इस दिन की जाती है। भक्त कथा का श्रवण करते हैं और नैवेद्य अर्पण कर सुख-समृद्धि और शांति की कामना करते हैं।

10 जून 2025 का पंचांग विवरण:

  • तिथि: चतुर्दशी तिथि प्रातः 11:36 तक, तत्पश्चात पूर्णिमा तिथि का आरंभ
  • नक्षत्र: अनुराधा नक्षत्र सायं 6:02 तक, तत्पश्चात ज्येष्ठा नक्षत्र
  • योग: सिद्ध योग दोपहर 1:45 तक, तत्पश्चात साध्य योग
  • करण: वणिज करण 11:36 पूर्वाह्न तक, फिर बव करण
  • चंद्रमा की स्थिति: दिन-रात वृश्चिक राशि में संचार करेगा

10 जून के शुभ मुहूर्त:

मुहूर्तसमय
ब्रह्म मुहूर्तसुबह 4:02 – 4:42 बजे
विजय मुहूर्तदोपहर 2:40 – 3:36 बजे
गोधूलि बेलाशाम 7:17 – 7:38 बजे
रवि योगसुबह 5:23 – 6:02 बजे
अमृत कालसुबह 10:36 – 12:20 बजे
निशिथ कालरात 12:01 – 12:41 बजे

  10 जून के अशुभ मुहूर्त:

अशुभ कालसमय
राहुकालदोपहर 3:00 – 4:30 बजे
गुलिक कालदोपहर 12:00 – 1:30 बजे
यमगंड कालसुबह 9:00 – 10:30 बजे
दुर्मुहूर्तसुबह 8:10 – 9:06 बजे

आज का विशेष उपाय:

हनुमान चालीसा का पाठ करें और हनुमान जी को तुलसी की माला अर्पित करें। यह उपाय शत्रु बाधाओं को शांत करता है और मानसिक शांति प्रदान करता है।

धार्मिक महत्व :

इस दिन दो महत्वपूर्ण व्रत एक साथ पड़ रहे हैं—वट सावित्री और श्री सत्यनारायण व्रत। ऐसे योग में व्रत रखने से दुगुना पुण्य प्राप्त होता है। चतुर्दशी से पूर्णिमा की ओर जाते हुए यह दिन आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर माना गया है।

 विशेष नोट:

  • पूजा आरंभ करने से पहले राहुकाल का ध्यान अवश्य रखें।
  • पूजा में केले, पंचामृत, तिल, फल, और श्रीफल का उपयोग करें।
  • कथा श्रवण के बाद प्रसाद सभी में वितरित करें।

ज्योतिषीय सलाह :
यदि आप इस दिन जन्म कुण्डली से जुड़ी कोई शुभ योजना बनाना चाहते हैं, तो विजय मुहूर्त या गोधूलि बेला श्रेष्ठ मानी गई है।