
Best Indore News मध्यप्रदेश में चलती ट्रेन में हुई डकैती ने पूरे रेलवे प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ट्रेन में लदी नकदी के बॉक्स से करीब ₹5 करोड़ की डकैती को अंजाम दिया गया, और हैरानी की बात यह रही कि इस दौरान ट्रेन में तैनात 18 सशस्त्र पुलिसकर्मियों को इसकी भनक तक नहीं लगी। यह मामला न केवल एक संगठित अपराध की ओर इशारा करता है, बल्कि रेलवे सुरक्षा की खामियों को भी उजागर करता है।
घटना कैसे हुई?
यह वारदात बीती रात दिल्ली से चेन्नई जा रही ट्रेन में उस वक्त हुई जब ट्रेन मध्यप्रदेश के एक स्टेशन से गुजर रही थी।
- ट्रेन की एक बोगी में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा भेजे जा रहे करेंसी बॉक्स रखे गए थे।
- इन बॉक्सों में नई और पुरानी करेंसी कुल मिलाकर लगभग ₹340 करोड़ की राशि थी।
- सिर्फ एक बॉक्स से लगभग ₹5 करोड़ की राशि गायब मिली है।
जब ट्रेन गंतव्य पर पहुंची और करेंसी की गिनती शुरू हुई, तब जाकर इस डकैती का खुलासा हुआ।
न कोई गवाह, न कोई सुराग
इस डकैती की सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि:
- पूरी ट्रेन में सीसीटीवी नहीं था।
- बॉक्स वाले कोच में 18 सशस्त्र पुलिसकर्मी तैनात थे, लेकिन किसी ने कुछ भी संदिग्ध नहीं देखा।
- बॉक्स में सेंधमारी के कोई निशान नहीं मिले, जिससे आशंका है कि यह काम अंदर के किसी व्यक्ति या कर्मचारी द्वारा किया गया हो सकता है।
पुलिस और रेलवे का क्या कहना है?
रेलवे पुलिस (RPF) और जीआरपी ने संयुक्त रूप से जांच शुरू कर दी है।
वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि:
“यह घटना बेहद गंभीर है। इतनी बड़ी रकम की जिम्मेदारी के बावजूद किसी को भनक नहीं लगना, दिखाता है कि सुरक्षा प्रोटोकॉल में चूक हुई है। तकनीकी और फॉरेंसिक टीम को जांच में लगाया गया है।”
FIR और प्रारंभिक जांच
- रेलवे द्वारा धारा 395 (डकैती) और 120B (षड्यंत्र) के तहत FIR दर्ज की गई है।
- प्रारंभिक जांच में संकेत मिले हैं कि बॉक्स को बीच रास्ते में खोला गया और चोरी की गई रकम को नीचे फेंका गया, जिसे बाहर से अपराधियों ने उठाया।
CCTV फुटेज और गार्ड के मोबाइल रिकॉर्ड्स की जांच की जा रही है।
₹5 करोड़ की रकम कैसे भेजी जा रही थी?
- यह रकम RBI द्वारा सरकारी खजानों में ट्रांसफर के लिए भेजी जा रही थी।
- नकदी को मजबूत ताले और प्लास्टिक सील से सुरक्षित किया गया था।
- इसके बावजूद, बॉक्स खोलकर बिना सील तोड़े पैसे निकालना दर्शाता है कि योजना बेहद पेशेवर थी।
क्या यह अंदर का काम था?
जांच अधिकारियों को शक है कि:
- इस वारदात में ट्रेन स्टाफ या सुरक्षा कर्मियों की मिलीभगत हो सकती है।
- ₹5 करोड़ जैसी भारी राशि को चोरी करना, ट्रैक पर फेंकना और फिर उसे उठा ले जाना किसी बड़ी साजिश और पूर्व-नियोजित योजना का हिस्सा हो सकता है।
- ट्रेन की रफ्तार और स्टेशन के बीच की दूरी को ध्यान में रखते हुए चोरी की पूरी योजना बनाई गई थी।
रेलवे की साख पर सवाल
इस घटना से एक बार फिर रेलवे की सुरक्षा पर गंभीर प्रश्न उठे हैं:
- भारी मात्रा में नकदी और कीमती सामान ले जाते समय उचित सुरक्षा और निगरानी क्यों नहीं थी?
- सीसीटीवी कैमरे क्यों नहीं लगे थे?
- जिन पुलिस कर्मियों को सुरक्षा दी गई थी, वे कैसे नाकाम रहे?
इन सवालों का जवाब अब रेलवे प्रशासन को देना होगा
राजनीतिक प्रतिक्रिया और जनता में आक्रोश
इस घटना के सामने आने के बाद राजनीतिक हलकों में भी उबाल है। विपक्षी दलों ने सवाल उठाते हुए कहा है:
“अगर सरकारी खजाने की ये हालत है, तो आम आदमी की सुरक्षा कौन करेगा?”
“RBI की नकदी भी सुरक्षित नहीं, तो बाकी देश की संपत्ति का क्या?”
सोशल मीडिया पर भी लोग रेलवे और सुरक्षा व्यवस्था पर कटाक्ष और नाराज़गी जाहिर कर रहे हैं।
क्या बदलेगा अब?
रेलवे बोर्ड ने सभी जोनों को आदेश दिया है कि:
- करेंसी ट्रांसपोर्ट करने वाली ट्रेनों में अब हाई-लेवल सुरक्षा और लाइव निगरानी की जाएगी।
- हर ट्रेन में CCTV अनिवार्य किया जाएगा।
- सुरक्षा गार्ड्स की जिम्मेदारी तय की जाएगी और लापरवाही पर सख्त कार्रवाई होगी।
चलती ट्रेन में ₹5 करोड़ की डकैती न केवल एक बड़ी सुरक्षा चूक है, बल्कि यह देश की रेलवे व्यवस्था के लिए जागने की घंटी भी है। अब देखना यह है कि जांच एजेंसियां कितनी तेजी और पारदर्शिता से काम करती हैं और दोषियों को पकड़ पाती हैं या नहीं।
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