
Best Indore News एमपी में 23 जुलाई से फिर भारी बारिश का दौर: पूर्वी-दक्षिणी हिस्से होंगे ज्यादा प्रभावित, अब तक हो चुकी है औसत 20.5 इंच बारिश
मध्य प्रदेश में एक बार फिर मानसून सक्रिय हो गया है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि 23 जुलाई 2025 से प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश का दौर शुरू हो सकता है। खासतौर पर पूर्वी और दक्षिणी जिलों में तेज बारिश के आसार हैं। यह दौर जुलाई के अंतिम सप्ताह तक जारी रह सकता है।
इस समय मध्य प्रदेश में अब तक औसतन 20.5 इंच बारिश रिकॉर्ड की जा चुकी है, जो सामान्य के लगभग बराबर है। हालांकि कुछ जिलों में यह आंकड़ा औसत से अधिक तो कहीं कम भी दर्ज हुआ है। आगामी सप्ताह में यह आंकड़ा और बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
कहां-कहां होगी ज्यादा बारिश?
भारतीय मौसम विभाग (IMD) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, 23 जुलाई से पूर्वी और दक्षिणी मध्य प्रदेश के जिलों जैसे – बालाघाट, मंडला, डिंडोरी, बैतूल, छिंदवाड़ा, अनूपपुर, सिवनी, शहडोल, उमरिया और हरदा में मध्यम से भारी वर्षा की संभावना है।
इसी के साथ इंदौर, भोपाल, जबलपुर और उज्जैन संभागों में भी हल्की से मध्यम बारिश की गतिविधियाँ देखने को मिल सकती हैं।
क्या होगा प्रभाव?
भारी बारिश से निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति बन सकती है। ग्रामीण क्षेत्रों में कच्चे रास्ते और पुल-पुलियाओं पर आवागमन प्रभावित हो सकता है। कृषि क्षेत्र के लिए यह बारिश लाभकारी हो सकती है क्योंकि किसानों को खरीफ फसल के लिए भरपूर पानी मिलेगा।
हालांकि तेज बारिश से कुछ फसलों को नुकसान भी पहुंच सकता है, विशेषकर जिन क्षेत्रों में पहले से ही जलभराव की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में कृषि विभाग ने किसानों को सावधानी बरतने की सलाह दी है।
अलर्ट पर प्रशासन
मौसम विभाग की चेतावनी के बाद संबंधित जिला प्रशासन को अलर्ट मोड पर रखा गया है। राजस्व, आपदा प्रबंधन और नगर निगमों को तैयारी रखने के निर्देश दिए गए हैं। बचाव दलों को संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया गया है ताकि आपात स्थिति में तुरंत राहत कार्य किया जा सके।
इंदौर, भोपाल, रीवा और सागर जैसे शहरों में जलभराव की रोकथाम के लिए ड्रेनेज सिस्टम की सफाई के निर्देश दिए गए हैं। शहरी विकास विभाग ने सड़कों की निगरानी और नालियों की सफाई के लिए विशेष दल गठित किए हैं।
बीते वर्षों की तुलना
अगर पिछले सालों के आंकड़ों से तुलना करें तो इस वर्ष जुलाई के तीसरे सप्ताह तक बारिश का स्तर औसत से करीब-करीब समान है। 2024 में इस समय तक प्रदेश में 19.8 इंच बारिश दर्ज की गई थी। इस वर्ष 20.5 इंच होने का अर्थ है कि मानसून रफ्तार में है और राज्य के अधिकांश हिस्सों में समय पर और पर्याप्त बारिश हो रही है।
नागरिकों को क्या करना चाहिए?
मौसम विभाग ने नागरिकों को सावधानी बरतने की सलाह दी है। विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहां जलभराव की समस्या है, वहां लोगों को बाहर निकलते समय सतर्कता रखने की आवश्यकता है। बिजली गिरने से बचने के लिए खुले मैदानों में जाने से बचें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।
यदि किसी स्थान पर जलभराव हो तो प्रशासन से संपर्क करें। स्कूलों और अन्य संस्थानों में छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रबंधन को विशेष निर्देश दिए गए हैं।
मध्य प्रदेश में जुलाई के अंत में एक बार फिर भारी बारिश का सिलसिला शुरू होने जा रहा है। यह बारिश एक ओर जहां खेती और जलस्तर के लिए लाभकारी होगी, वहीं दूसरी ओर जनजीवन पर भी इसका असर पड़ सकता है। इसलिए प्रशासन की तैयारी और नागरिकों की सतर्कता दोनों आवश्यक हैं।
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