
Best Indore News इंदौर में एक महिला ने अपने ही रिश्तेदार के खिलाफ छेड़छाड़ का मामला दर्ज कराया है। महिला का आरोप है कि आरोपी रिश्तेदार पिछले एक साल से उसे परेशान कर रहा था और बार-बार छेड़छाड़ करता था। महिला ने बताया कि बदनामी के डर से उसने ससुराल छोड़ दिया, लेकिन आरोपी की हरकतें बंद नहीं हुईं। अंततः मजबूर होकर महिला को पुलिस का दरवाजा खटखटाना पड़ा और एफआईआर दर्ज कराई।
घटना का विवरण
पीड़िता के अनुसार, आरोपी रिश्तेदार ने सबसे पहले उसके ससुराल में रहने के दौरान उसे परेशान करना शुरू किया। शुरुआत में महिला ने यह सोचकर चुप्पी साध ली कि परिवार की बदनामी न हो। लेकिन जब छेड़छाड़ की घटनाएं बार-बार होने लगीं और आरोपी का रवैया लगातार आक्रामक होता गया, तो महिला ने अपने माता-पिता के घर जाने का फैसला किया।
महिला का कहना है कि ससुराल छोड़ने के बाद भी आरोपी ने उसका पीछा करना नहीं छोड़ा। वह उसे फोन पर मैसेज करता, धमकी देता और मिलने के लिए दबाव बनाता था। पीड़िता ने बताया कि आरोपी ने कई बार उसके चरित्र पर सवाल उठाते हुए उसे ब्लैकमेल करने की भी कोशिश की।
एफआईआर और जांच
महिला की शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (छेड़छाड़), 354-डी (स्टॉकिंग) और अन्य प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया है और उसके मोबाइल फोन की जांच की जा रही है, ताकि पता लगाया जा सके कि उसने महिला को किस प्रकार से धमकी दी और परेशान किया।
पुलिस का कहना है कि आरोपी के खिलाफ सबूत जुटाए जा रहे हैं और जल्द ही चार्जशीट कोर्ट में पेश की जाएगी।
सामाजिक दृष्टिकोण और महिला सुरक्षा
यह घटना एक बार फिर समाज में महिलाओं की सुरक्षा के प्रति सवाल खड़े करती है। परिवार के ही लोग अगर महिलाओं को परेशान करें, तो पीड़ित के लिए आवाज उठाना और भी मुश्किल हो जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के मामलों में महिलाओं को तुरंत शिकायत करनी चाहिए और परिवार व दोस्तों से मदद लेनी चाहिए।
महिला संगठनों का मानना है कि छेड़छाड़ जैसे मामलों में समझौता करने की प्रवृत्ति खत्म होनी चाहिए। पुलिस और प्रशासन को ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि पीड़िता को न्याय मिल सके और दोषियों में डर पैदा हो।
पुलिस की अपील
पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि अगर कोई भी महिला किसी प्रकार की उत्पीड़न या छेड़छाड़ की शिकार होती है, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। इसके लिए 1090 (महिला हेल्पलाइन) और स्थानीय थानों के नंबर पर कॉल किया जा सकता है।
इंदौर की यह घटना समाज के लिए एक बड़ा संदेश है कि चुप्पी कभी समाधान नहीं है। गलत का विरोध करना और कानून की मदद लेना जरूरी है। आरोपी को सजा मिलने से ऐसे लोगों के मन में डर पैदा होगा और महिलाओं के प्रति अपराधों पर रोक लगाने में मदद मिलेगी।
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