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NEET-UG 2024 में बिजली गुल विवाद: आज होगी सुनवाई, 75 छात्रों के पुनः परीक्षा पर होगी बहस, NTA ने दाखिल की है अपील

Best Indore News Power outage dispute in NEET-UG 2024: Hearing will be held today

क्या है मामला?

Best Indore News:  NEET-UG 2024 की परीक्षा को लेकर देशभर में लगातार विवाद जारी है। बिजली गुल होने की एक बड़ी घटना के चलते 75 छात्र-छात्राओं की परीक्षा प्रभावित हुई थी, जिन्हें बाद में पुनः परीक्षा (Re-Exam) देने का अवसर दिया गया। इस निर्णय को लेकर अब नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने आपत्ति जताई है और मामले की विचाराधीन सुनवाई आज (24 जून 2025) होनी है।

इस केस में छात्र, अभिभावक, शिक्षा विशेषज्ञ और प्रशासन – सभी की नजरें अदालत के फैसले पर टिकी हैं, क्योंकि यह फैसला न सिर्फ 75 छात्रों के भविष्य को प्रभावित करेगा बल्कि NEET-UG की निष्पक्षता पर भी सवाल खड़े कर सकता है।

बिजली गुल कैसे बनी राष्ट्रीय मुद्दा?

पिछले महीने 5 मई को आयोजित हुई NEET-UG 2024 की परीक्षा के दौरान एक परीक्षा केंद्र पर अचानक बिजली चली गई थी, जिससे छात्रों को परीक्षा पूरी करने में समस्या आई। रिपोर्ट्स के मुताबिक:

  • करीब 75 छात्र परीक्षा से वंचित रह गए या बीच में पेपर छूट गया
  • कुछ छात्रों की OMR शीट अधूरी छूटी
  • न तो केंद्र प्रशासन और न ही NTA ने तत्काल कोई वैकल्पिक व्यवस्था की

इस पर छात्रों और अभिभावकों ने सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में याचिका दायर कर पुनः परीक्षा की मांग की थी।

हाई कोर्ट का आदेश और NTA की अपील

बिजली गुल होने के कारण प्रभावित छात्रों को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि इन छात्रों को पुनः परीक्षा देने का मौका दिया जाए ताकि वे निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा में हिस्सा ले सकें। हाई कोर्ट के इस फैसले के विरुद्ध NTA ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की

“अगर हर तकनीकी खामी पर Re-Exam दिया गया तो पूरी परीक्षा प्रणाली पर संकट खड़ा हो जाएगा।”
– NTA की ओर से दाखिल हलफनामा

छात्र और अभिभावकों की दलील

छात्रों का कहना है कि परीक्षा के दौरान अचानक लाइट जाने से कंप्यूटर बंद हो गया या OMR शीट पूरी भरने का समय नहीं मिला। NTA और परीक्षा केंद्र प्रशासन इस पर लापरवाह रहे और उसी समय विकल्प नहीं दिया गया।

“मेरे पास केवल 45 मिनट ही बचे थे, और फिर बिजली चली गई। जब तक वापिस आई, तब तक परीक्षा खत्म हो चुकी थी। मेरा साल बर्बाद हो गया।”
– आकांक्षा मिश्रा, परीक्षार्थी

आज क्या होगी बहस का मुद्दा?

आज होने वाली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट यह तय करेगा कि:

  • क्या 75 छात्रों को फिर से परीक्षा देने का मौका मिलना चाहिए?
  • क्या इससे पूरे परीक्षा सिस्टम की निष्पक्षता प्रभावित होगी?
  • NTA की ओर से की गई अपील कितनी वैध और जरूरी है?
  • क्या तकनीकी खामी की ज़िम्मेदारी छात्रों पर डाली जा सकती है?

विशेषज्ञों की राय

शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यदि छात्रों को उनकी गलती के बिना परीक्षा छूटने का खामियाजा भुगतना पड़ेगा तो यह न्यायसंगत नहीं होगा। लेकिन साथ ही यह भी जरूरी है कि ऐसी व्यवस्था बने जिससे हर तकनीकी खामी के बाद Re-Exam न मांगा जाए।

“Re-Exam सिर्फ वहीं हो जहां त्रुटि प्रमाणित हो, लेकिन इसकी आड़ में कोई लाभ न ले।”
– प्रो. अश्विनी जोशी, शिक्षा विश्लेषक

राजनीति और छात्र संगठन भी हुए सक्रिय

NEET परीक्षा को लेकर विपक्षी दलों और छात्र संगठनों ने भी NTA की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। कई संगठनों ने बाहरी जांच एजेंसी से निष्पक्ष जांच की मांग की है।

“NEET परीक्षा हर साल विवादों में क्यों रहती है? कहीं न कहीं प्रणाली में सुधार की ज़रूरत है।”
– अजय यादव, NSUI नेता

क्यों है यह मामला इतना संवेदनशील?

  • NEET-UG एक राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा है, जिससे लाखों छात्रों का भविष्य जुड़ा होता है।
  • परीक्षा की निष्पक्षता पर सवाल उठते हैं तो छात्रों का विश्वास प्रणाली से उठता है
  • हर वर्ष NEET से जुड़ी किसी न किसी गड़बड़ी की खबर सामने आती है – पेपर लीक, तकनीकी खामी, समय की कमी, गलत उत्तर कुंजी आदि।

आज की सुनवाई सिर्फ 75 छात्रों की पुनः परीक्षा पर फैसला नहीं है, बल्कि यह देशभर के लाखों छात्रों के विश्वास और न्याय की परीक्षा है। यदि सुप्रीम कोर्ट छात्रों के पक्ष में निर्णय देता है, तो यह आने वाले वर्षों में एक मिसाल बन सकता है कि तकनीकी खामी के चलते छात्र को उसके प्रयास का अधिकार मिलना चाहिए।

वहीं यदि NTA की अपील को मंजूरी मिलती है, तो इसका असर भविष्य में परीक्षा से जुड़ी हर याचिका पर पड़ेगा।

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