
Best Indore News NEET-UG 2025 परीक्षा में हुई गड़बड़ियों, पेपर लीक और बिजली गुल जैसे मामलों को लेकर अब छात्र पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी शुरू कर दी है। रि-एग्जाम की मांग को लेकर अब तक कई हाईकोर्ट्स में याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं, लेकिन अब यह लड़ाई देश की सर्वोच्च अदालत में लड़ी जाएगी।
इस मुद्दे पर छात्रों की तरफ से पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील आदित्य दीक्षित ने कहा है कि –
“हम सुप्रीम कोर्ट में छात्रों की भावनाओं और उनके करियर से जुड़े सवालों को मजबूती से रखेंगे। चाहे निर्णय पॉजिटिव हो या नेगेटिव, हम पीछे नहीं हटेंगे।“
पृष्ठभूमि: क्या है मामला?
NEET-UG 2025 परीक्षा के दौरान देशभर में कई परीक्षा केंद्रों पर अनियमितताएं सामने आई थीं।
- कुछ जगहों पर परीक्षा शुरू होने के दौरान बिजली गुल हो गई थी।
- कई केंद्रों पर उत्तर पुस्तिकाएं देर से वितरित की गईं।
- रजिस्ट्रेशन और रोल नंबर गड़बड़ी की भी शिकायतें आईं।
- कुछ राज्यों में पेपर लीक की खबरें भी आई थीं।
इन्हीं घटनाओं के बाद, देशभर से 75 से अधिक छात्रों ने अलग-अलग अदालतों में याचिकाएं दायर की थीं।
अब तक केवल कुछ छात्रों को ही रि-एग्जाम की अनुमति मिली है, जबकि बाकी मामले लंबित हैं।
क्या कहती है NTA?
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) का कहना है कि परीक्षा में गड़बड़ी सीमित स्तर पर हुई और इसका प्रभाव पूरे देश के रिजल्ट पर नहीं पड़ा। NTA ने यह भी कहा है कि:
“जहां भी तकनीकी त्रुटियां हुईं, वहां स्थानीय स्तर पर समाधान दिया गया। रि-एग्जाम केवल उन्हीं छात्रों को दिया जाएगा जिनका केस साबित हो चुका है।”
लेकिन छात्र पक्ष इससे संतुष्ट नहीं है। उनका तर्क है कि जब परीक्षा समान समय और समान परिस्थिति में नहीं हुई, तो परिणाम निष्पक्ष कैसे हो सकते हैं?
छात्रों की व्यथा: करियर अधर में
रि-एग्जाम की मांग कर रहे कई छात्रों का कहना है कि परीक्षा के दौरान हुई गड़बड़ियों के चलते उनका स्कोर कम आया, जिससे उन्हें सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश मिलने की संभावना खत्म हो गई।
“मेरे पास अब सिर्फ एक साल बर्बाद करने का विकल्प है, जबकि गलती मेरी नहीं थी।”
– साक्षी वर्मा, NEET उम्मीदवार, इंदौर
“बिजली चली गई थी, ओएमआर शीट भरने में 10 मिनट बर्बाद हुए। अब कोई सुनवाई नहीं हो रही।”
– हर्ष तिवारी, भोपाल
सुप्रीम कोर्ट की भूमिका क्यों अहम है?
सुप्रीम कोर्ट शिक्षा से जुड़े ऐसे मामलों में कई बार ऐतिहासिक निर्णय दे चुका है।
- 2020 में JEE-NEET परीक्षा कोविड के बावजूद करवाने का आदेश
- 2021 में गलत उत्तर कुंजी पर निर्णय
- 2023 में CUET स्कोर विवाद में मध्यस्थता
अब उम्मीद की जा रही है कि सुप्रीम कोर्ट इस बार भी समानता और न्याय के सिद्धांतों के तहत छात्रों के हित में निर्णय देगा।
क्या हो सकता है असर?
अगर सुप्रीम कोर्ट छात्रों के पक्ष में निर्णय देता है, तो:
- रि-एग्जाम की प्रक्रिया दोबारा शुरू होगी
- चयन सूची में बदलाव संभव
- मेडिकल कॉलेजों में काउंसलिंग प्रक्रिया में देरी हो सकती है
- इससे जुड़े राज्यों की प्रवेश नीतियों पर भी असर पड़ेगा
शिक्षा विशेषज्ञों की राय
शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस वर्ष का NEET विवाद दर्शाता है कि परीक्षा प्रणाली को तकनीकी रूप से और मजबूत करने की आवश्यकता है।
“देश की सबसे कठिन और प्रतिष्ठित परीक्षा में यदि व्यवस्थाएं फेल हो रही हैं, तो यह छात्रों का नहीं, सिस्टम का दोष है।”
– डॉ. अंशुल गुप्ता, शिक्षा विश्लेषक
NEET-UG रि-एग्जाम की मांग अब सिर्फ एक छात्र वर्ग का मुद्दा नहीं रहा, यह सिस्टम की पारदर्शिता और युवाओं के भविष्य का प्रश्न बन गया है। सुप्रीम कोर्ट से अब हजारों छात्रों को उम्मीद है कि उन्हें न्याय मिलेगा और वे एक सही मंच पर अपना करियर बना पाएंगे।
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