
Best Indore News: नगर निगम ने शहर में राजस्व संग्रहण की गति को तेज करने के लिए संपत्ति कर के बकायेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। खासतौर पर ₹50 हजार से अधिक बकाया रखने वाले संपत्ति मालिक अब नगर निगम के रडार पर आ चुके हैं। निगम के राजस्व विभाग ने इस संबंध में एक विशेष अभियान की शुरुआत की है, जिसके अंतर्गत शहरभर में ऐसे बकायेदारों की पहचान की जा रही है और उनके विरुद्ध नोटिस जारी कर वसूली प्रक्रिया को गति दी जा रही है।
राजस्व लक्ष्य को लेकर बढ़ी सक्रियता
इंदौर नगर निगम को वित्तीय वर्ष 2025 के लिए संपत्ति कर से बड़े स्तर पर आय जुटाने का लक्ष्य दिया गया है। इस लक्ष्य को समय पर पूरा करने के लिए राजस्व विभाग ने बकाया करदाताओं की सूची तैयार की है, जिन पर ₹50 हजार या उससे अधिक का टैक्स बाकी है। निगमायुक्त ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि बकाया राशि की वसूली में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। जो भी व्यक्ति तय समय सीमा के भीतर बकाया राशि नहीं चुकाएगा, उसकी संपत्ति सील करने से लेकर कुर्की तक की कार्रवाई की जाएगी।
मैन्युअल और डिजिटल डाटा का मिलान
राजस्व विभाग ने विशेष सॉफ्टवेयर के माध्यम से बकाया करदाताओं की पूरी सूची तैयार की है। इसके अलावा क्षेत्रीय अधिकारियों को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे अपने-अपने क्षेत्र में बकाया करदाताओं का भौतिक सत्यापन करें और जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपें। विभाग ने बकाया करदाताओं को चेतावनी दी है कि यदि वे निर्धारित अवधि में कर का भुगतान नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
बढ़ते बकायों पर चिंता
नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक शहर में ऐसे हजारों संपत्ति करदाता हैं, जिन पर हजारों-लाखों रुपये तक का बकाया है। इनमें कई ऐसे लोग हैं जिन्होंने वर्षों से कर जमा नहीं किया। इस वजह से नगर निगम की आर्थिक स्थिति पर असर पड़ रहा है, और विकास कार्यों के लिए फंड की कमी हो रही है। इसे देखते हुए निगम ने यह निर्णय लिया है कि वह अब विशेष वसूली अभियान चलाकर बड़े बकायेदारों को भुगतान के लिए बाध्य करेगा।
नोटिस वितरण शुरू
राजस्व अधिकारियों ने पहले चरण में 500 से अधिक बकायेदारों को नोटिस थमा दिए हैं। इसमें स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि यदि वे आगामी 7 दिनों के भीतर भुगतान नहीं करते हैं, तो उनकी संपत्ति को सील कर दिया जाएगा या संपत्ति कर अधिनियम के अंतर्गत कुर्की की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। विभाग ने यह भी बताया कि नियमित करदाताओं को प्रोत्साहन के तौर पर छूट भी दी जाएगी।
जनता से अपील
इंदौर नगर निगम ने शहरवासियों से अपील की है कि वे अपने लंबित कर समय पर चुकाएं ताकि शहर के विकास कार्यों में किसी तरह की बाधा उत्पन्न न हो। निगम ने यह भी स्पष्ट किया है कि जो लोग स्वेच्छा से आकर कर का भुगतान करेंगे, उन्हें जुर्माने और ब्याज में कुछ राहत दी जा सकती है, लेकिन जानबूझकर चूक करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
इंदौर नगर निगम की यह मुहिम साफ संकेत देती है कि अब समय पर कर न चुकाने वाले संपत्ति मालिकों के लिए राहत की गुंजाइश नहीं रहेगी। इससे न केवल राजस्व संग्रहण बढ़ेगा बल्कि शहर के बुनियादी ढांचे और विकास कार्यों में भी तेजी आएगी। जनता को भी यह समझना होगा कि कर देना न केवल एक कानूनी दायित्व है, बल्कि यह शहर के विकास में उनकी भागीदारी भी दर्शाता है।
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