
इंसानियत हुई शर्मसार, मासूम पशुओं पर बेरहमी की हद
Best Indore News इंदौर शहर में एक बार फिर इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। एक युवक ने सड़क पर रहने वाली एक मादा कुतिया और उसके नवजात बच्चों के साथ बेरहमी से मारपीट की। युवक ने उन्हें पहले डंडे से पीटा, फिर उन्हें बोरे में बंद कर बिजली के खंभे से बार-बार पटका, जिससे दो मासूम पिल्लों की मौत हो गई और अन्य गंभीर रूप से घायल हैं।
यह घटना केवल एक पशु क्रूरता का मामला नहीं, बल्कि समाज में गहराती संवेदनहीनता और मानसिक विकृति का उदाहरण है।
घटना का वीडियो वायरल
इस भयावह घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें आरोपी युवक को बोरे में बंद पिल्लों को बिजली के पोल से जोर-जोर से पटकते हुए देखा जा सकता है। आसपास के लोग चिल्ला रहे हैं, लेकिन आरोपी लगातार हिंसा करता रहा।
वीडियो में क्या दिखा:
- एक व्यक्ति सड़क किनारे बोरे में कुछ बंद कर रहा है
- वह बोर को बिजली के पोल से दो-तीन बार टकराता है
- मादा कुतिया जोर-जोर से भौंक रही है, भाग-दौड़ कर बचाने की कोशिश कर रही है
- दो पिल्लों की मौके पर ही मौत हो जाती है
आरोपी के खिलाफ केस दर्ज
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय पशु प्रेमियों और NGO कार्यकर्ताओं ने पुलिस से संपर्क किया। कणाडिया थाना पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम और IPC की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
“हमने आरोपी को चिन्हित कर लिया है, उसे जल्द हिरासत में लिया जाएगा। मामला गंभीर है और पुलिस कार्रवाई प्राथमिकता पर की जा रही है।” – थाना प्रभारी, कणाडिया
कानूनी धाराएं जो लगाई गईं:
- भारतीय दंड संहिता की धारा 428 और 429 (जानवर को नुकसान पहुंचाना या मारना)
- पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 की धाराएं
- आरोप सिद्ध होने पर आरोपी को 2 साल तक की सजा या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं
घायल जानवरों का इलाज जारी
घटना के तुरंत बाद स्थानीय एनिमल वेलफेयर संस्था “प्यूप्स एंड पaws” ने मौके पर पहुंचकर घायल पिल्लों और उनकी मां को नजदीकी पशु चिकित्सालय में भर्ती कराया। डॉक्टरों के अनुसार दो पिल्लों की मौत घटनास्थल पर ही हो चुकी थी, जबकि तीन अन्य का इलाज चल रहा है।
“हमने कई मामले देखे हैं, लेकिन इतनी बेरहमी बहुत ही दुर्लभ है। यह केवल क्रूरता नहीं, बल्कि मानसिक विकृति का संकेत है।” — एनजीओ सदस्य
नागरिकों में आक्रोश, विरोध प्रदर्शन की तैयारी
इस घटना के वायरल होते ही इंदौर के नागरिकों, पशु प्रेमियों और छात्रों में गहरा आक्रोश देखने को मिल रहा है। लोग इस बात को लेकर खासे नाराज हैं कि कैसे कोई इंसान इतनी निर्दयता दिखा सकता है।
- सोशल मीडिया पर “Justice for Puppies” ट्रेंड कर रहा है
- शहर के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन और जागरूकता रैली की योजना
- लोगों ने प्रशासन से आरोपी को कड़ी सजा दिलाने की मांग की
पशु प्रेमियों की अपील
पशु अधिकार संगठनों ने प्रशासन से पशु क्रूरता को संज्ञेय अपराध की श्रेणी में लाने की मांग की है, ताकि भविष्य में ऐसे मामलों पर कड़ी कार्रवाई हो सके।
“जानवरों को भी जीने का हक है। वे न बोल सकते हैं, न बचाव कर सकते हैं। उनके लिए हमें बोलना होगा।” – ऐश्वर्या पटेल, पशु अधिकार कार्यकर्ता
क्या कहता है कानून?
भारत में पशुओं की रक्षा के लिए कई कानूनी प्रावधान हैं, लेकिन इनकी प्रभावी क्रियान्वयन की कमी के चलते ऐसे मामले सामने आते रहते हैं।
प्रमुख कानून:
- The Prevention of Cruelty to Animals Act, 1960
- IPC Section 428 & 429 – जानवर को मारने या नुकसान पहुंचाने पर सजा
- Wildlife Protection Act (जहां लागू हो)
फिर भी, अधिकांश मामलों में आरोपी जमानत पर छूट जाते हैं, और क्रूरता का चक्र चलता रहता है।
इंदौर में स्ट्रीट डॉग और उसके नवजात बच्चों पर हुई क्रूरता केवल एक पशु हिंसा की घटना नहीं, बल्कि यह मानवता के पतन का संकेत है। समाज के रूप में यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि हम न सिर्फ इंसानों के, बल्कि जानवरों के अधिकारों की भी रक्षा करें।
कानून को सख्त करना, जनजागरण बढ़ाना और मानसिक स्वास्थ्य पर चर्चा करना ही ऐसे घिनौने कृत्यों की रोकथाम का मार्ग है।
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