
Best Indore News धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाने वाले पितृ पर्वत और चिंतामण गणेश मंदिर को अब आपस में जोड़ने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। इस ऐतिहासिक परियोजना के अंतर्गत दोनों तीर्थस्थलों को जोड़ने के लिए एक चार लेन की चौड़ी सड़क बनाई जाएगी, जो सीधे पितृ पर्वत से चिंतामण गणेश तक ले जाएगी।
इस परियोजना को सिंहस्थ 2028 के पहले पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। सरकार ने इसके लिए 228 हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।
क्या है यह परियोजना?
इस महत्त्वपूर्ण सड़क परियोजना के अंतर्गत:
- पितृ पर्वत से चिंतामण गणेश मंदिर तक लगभग 12 किलोमीटर लंबी चार लेन की सड़क बनाई जाएगी।
- इस सड़क के निर्माण के लिए 228 हेक्टेयर क्षेत्र की भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है, जिसमें कई गांवों की ज़मीनें शामिल हैं।
- यह मार्ग दक्षिण इंदौर को धार्मिक महत्व के स्थलों से जोड़ने में सहायक होगा और ट्रैफिक का दबाव भी कम करेगा।
कहां से कहां तक बनेगी यह सड़क?
यह नई चार लेन सड़क रालामंडल के पास पितृ पर्वत से शुरू होकर सीधे चिंतामण गणेश मंदिर तक पहुंचेगी। रास्ते में यह सड़क:
- बिचौली मर्दाना,
- देवगुराड़िया,
- और कई ग्रामीण क्षेत्रों को भी जोड़ेगी।
यह रास्ता पहले से मौजूद संकरी सड़कों और ट्रैफिक जाम की समस्याओं से निजात दिलाने में मदद करेगा।
धार्मिक महत्व और पर्यटन में इजाफा
पितृ पर्वत, जहां हर वर्ष बड़ी संख्या में लोग पितृ तर्पण और श्राद्ध के लिए आते हैं, और चिंतामण गणेश मंदिर, जो अति प्राचीन और सिद्ध स्थल है—दोनों धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इन्हें जोड़ने से:
- श्रद्धालुओं को आवागमन में सुविधा होगी।
- सिंहस्थ जैसे बड़े आयोजन में दर्शनार्थियों की संख्या को संभालना आसान होगा।
- इन स्थानों को धार्मिक पर्यटन सर्किट में शामिल कर और भी विकसित किया जा सकेगा।
भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू
सड़क निर्माण के लिए 228 हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण का नोटिफिकेशन जारी हो चुका है। कलेक्टर कार्यालय ने इसके लिए:
- सर्वे की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
- प्रभावित किसानों और भूमिधारकों से बातचीत की जा रही है।
- भूमि अधिग्रहण के बदले मुआवजा देने की प्रक्रिया भी नियमानुसार होगी।
कई ग्रामीणों ने इस परियोजना का स्वागत किया है, वहीं कुछ लोगों ने मुआवजा मूल्य और पुनर्वास को लेकर आशंका भी जाहिर की है।
निर्माण कब तक होगा पूरा?
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यह सड़क परियोजना 2028 में होने वाले सिंहस्थ महाकुंभ से पहले हर हाल में पूरी कर ली जाएगी।
अभी की समय-सीमा:
- 2025 के अंत तक भूमि अधिग्रहण पूरा करना।
- 2026 के मध्य तक निर्माण कार्य शुरू करना।
- 2027 के अंत तक रोड को अंतिम रूप देना।
चिंतामण गणेश मंदिर: एक परिचय
- यह मंदिर इंदौर के पूर्वी हिस्से में स्थित है और इसकी मान्यता बहुत प्राचीन है।
- यहां गणेश जी की मूर्ति स्वयंभू मानी जाती है।
- बड़ी संख्या में श्रद्धालु हर बुधवार और रविवार यहां दर्शन हेतु आते हैं।
- सिंहस्थ के दौरान यहां की भीड़ कई गुना बढ़ जाती है।
पितृ पर्वत: एक अद्वितीय आस्था केंद्र
- पितरों को तर्पण देने के लिए प्रसिद्ध यह पर्वत, हर साल पितृपक्ष में हजारों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।
- यहां बने विशाल पिंड और तर्पण कुंड श्रद्धा का केंद्र हैं।
- प्रशासन यहां भी सुविधाएं बढ़ाने की दिशा में प्रयासरत है।
प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की प्रतिक्रिया
इंदौर नगर निगम, लोक निर्माण विभाग और ज़िला प्रशासन ने इस सड़क को “धार्मिक सर्किट विकास योजना” के तहत प्राथमिकता दी है।
स्थानीय विधायक ने कहा:
“यह सड़क केवल एक संपर्क मार्ग नहीं, बल्कि आस्था और विकास का पुल है। इससे ग्रामीणों को भी रोजगार और बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।”
इंदौर के पितृ पर्वत से चिंतामण गणेश को जोड़ने वाली यह चार लेन सड़क न केवल धार्मिक आस्था को सशक्त करेगी, बल्कि इंदौर की विकास गाथा में भी एक नया अध्याय जोड़ेगी। सिंहस्थ जैसे बड़े आयोजन से पहले इस मार्ग का बनना शहर की यातायात व्यवस्था, धार्मिक पर्यटन और स्थानीय लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाएगा।
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