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इंदौर में शिवराज और कैलाश विजयवर्गीय की बंद कमरे में 18 मिनट की अहम बैठक

Best Indore News: Shivraj and Kailash Vijayvargiya

Best Indore News: इंदौर की राजनीतिक फिजा रविवार को उस समय अचानक गर्मा गई, जब मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्य सरकार में वरिष्ठ मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की एक बंद कमरे में हुई मुलाकात चर्चा का विषय बन गई। यह मुलाकात लगभग 18 मिनट तक चली और खास बात यह रही कि इस दौरान केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ठाकुर को बाहर इंतजार करना पड़ा। घटना इंदौर के एक विशिष्ट कार्यक्रम की है, जिसमें कई भाजपा के वरिष्ठ नेता, राज्य सरकार के मंत्रीगण और केंद्र सरकार के प्रतिनिधि उपस्थित थे। कार्यक्रम से पहले ही यह साफ हो गया था कि शिवराज सिंह चौहान और कैलाश विजयवर्गीय किसी अहम विषय पर चर्चा करना चाहते हैं। इसी के चलते दोनों नेताओं ने खुद को एक कमरे में अलग किया, जहाँ करीब 18 मिनट तक बातचीत होती रही। क्या थी बंद कमरे की चर्चा? हालांकि बातचीत का आधिकारिक एजेंडा सार्वजनिक नहीं हुआ है, लेकिन राजनीतिक हलकों में अटकलें तेज हैं कि यह चर्चा आने वाले मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल विस्तार, लोकसभा उपचुनाव की रणनीति, या पार्टी के आंतरिक समन्वय से जुड़ी थी। सूत्रों के अनुसार, चर्चा का विषय भाजपा संगठन और सरकार के बीच बेहतर समन्वय, कार्यकर्ताओं की उपेक्षा, और हाल ही में सामने आई नीति मतभेदों को लेकर था। यह भी कहा जा रहा है कि आने वाले समय में भाजपा के भीतर बड़ी जिम्मेदारियों के फेरबदल हो सकते हैं। 18 मिनट का इंतजार और अनुप्रिया ठाकुर का संयम जैसे ही शिवराज और कैलाश बंद कमरे में गए, कार्यक्रम में मौजूद अन्य नेताओं और अतिथियों के बीच हड़बड़ाहट और कुर्सियों पर कानाफूसी शुरू हो गई। सभी की निगाहें उस कमरे के दरवाज़े पर टिकी रहीं, जहाँ ये दोनों नेता भीतर विचार-विमर्श कर रहे थे। इस बीच, केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ठाकुर जो पहले से बैठक के लिए आमंत्रित थीं, उन्हें बाहर इंतजार करना पड़ा। उन्होंने संयमित व्यवहार दिखाते हुए किसी भी असहजता को सार्वजनिक नहीं किया, लेकिन यह स्पष्ट था कि वह इस “अप्रत्याशित बैठक” से अनभिज्ञ थीं। राजनीतिक संदेश और संकेत इस मुलाकात ने राजनीतिक विश्लेषकों को एक बार फिर सक्रिय कर दिया है। जहाँ एक ओर शिवराज सिंह चौहान हाल ही में भाजपा संसदीय बोर्ड में नई भूमिका के लिए चर्चा में हैं, वहीं कैलाश विजयवर्गीय इंदौर और मध्य प्रदेश की राजनीति में एक पावर सेंटर माने जाते हैं। कई राजनीतिक जानकारों का मानना है कि दोनों नेताओं की यह मुलाकात एक “सहमति-संकेत” रणनीति का हिस्सा हो सकती है। इसमें वे यह तय कर रहे हैं कि राज्य में संगठन और प्रशासन के स्तर पर किस दिशा में आगे बढ़ना है। भाजपा कार्यकर्ताओं और विपक्ष की प्रतिक्रियाएं भाजपा के कार्यकर्ताओं में इस चर्चा को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। कुछ इसे नेतृत्व के बीच अच्छा समन्वय मान रहे हैं, तो कुछ का कहना है कि इससे संदेश गलत जा सकता है, विशेषकर जब केंद्रीय मंत्री को इंतजार करना पड़े। विपक्ष ने भी इस पर चुटकी ली। कांग्रेस प्रवक्ताओं ने कहा कि यह भाजपा की आंतरिक अस्थिरता और वर्चस्व की लड़ाई को उजागर करता है। “जब एक केंद्रीय मंत्री को इंतजार करना पड़े और प्रदेश नेता बंद कमरे में बैठक करें, तो इससे कार्यसंस्कृति पर सवाल खड़े होते हैं,” – कांग्रेस नेता का बयान। आने वाले फैसलों पर असर? राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह 18 मिनट की बातचीत आने वाले नौकरशाही फेरबदल, नीति निर्माण, और राजनीतिक नियुक्तियों को प्रभावित कर सकती है। खासकर इंदौर, भोपाल, उज्जैन जैसे प्रमुख जिलों में प्रशासनिक निर्णयों और पार्टी संगठन में बदलाव की संभावना जताई जा रही है। इंदौर में शिवराज सिंह चौहान और कैलाश विजयवर्गीय की बंद कमरे की बैठक केवल एक साधारण बातचीत नहीं थी। इसके पीछे कई गहरे राजनीतिक संदेश छुपे हो सकते हैं। आने वाले दिनों में भाजपा और मध्यप्रदेश सरकार के भीतर होने वाले बदलाव इस बैठक के प्रभाव को स्पष्ट कर देंगे। राजनीति में हर संकेत का एक संदेश होता है – और इस बार यह संदेश दिल्ली से भोपाल तक पहुंच चुका है। इंदौर की अधिक जानकारी, हर क्षेत्र के सर्वश्रेष्ठ विकल्प और स्थानीय अपडेट्स के लिए हमारी वेबसाइट Best Indore पर जरूर विजिट करें।

मध्य प्रदेश: दिग्गज नेता Digvijay सिंह पर BJP विधायक ने लगाया जलालत का मुकदमा

MP Politics News: BJP MLA files case

MP Politics News: जबलपुर, 26 जून 2025 – मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सीनियर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) अब एक नए विवाद के केंद्र में आ गए हैं। BJP विधायक सुशील तिवारी ‘इंदु’ (Panagar) ने उन पर मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है। आरोप है कि सितंबर 2023 में जबलपुर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिग्विजय ने उनके खिलाफ PDS खाद्यान्न की ब्लैक मार्केटिंग का आरोप लगाया था। अब विशेष न्यायाधीश की अदालत ने Digvijay सिंह को नोटिस जारी कर मुकदमें में पक्ष रखने के निर्देश दिए हैं। क्या कहा गया, कैसा आरोप लगाया गया? एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष मजिस्ट्रेट डीपी सूत्रकार ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को नोटिस जारी किया है। मामला जबलपुर के पनागर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक सुशील तिवारी इंदू की छवि धूमिल करने के आरोप से संबंधित है। मामले की अगली सुनवाई 21 जुलाई को नियत की गई है। Digvijay सिंह का क्या कहना है? इस समय Digvijay ने अदालत में कोई जवाब दाखिल नहीं किया है। हालांकि वे अक्सर “राष्ट्रीय भ्रष्टाचार और योजनाओं की शिकायत” के ज़रिए सवाल उठाते रहे हैं। उनका कहना रहा है: “मैंने तथ्य और सबूतों के आधार पर आरोप लगाए थे, लेकिन अब मुझे अदालत तक बुलाया गया है।” राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि BJP विधायक द्वारा यह मुकदमा Digvijay की जनप्रियता को प्रतिकूल ढंग से प्रभावित करने की एक कोशिश मानी जा सकती है। मामले का राजनीतिक-मध्यप्रदेश में परिप्रेक्ष्य यह मामला राज्य की राजनीति में नया मोड़ ला सकता है: विश्लेषकों का कहना है कि यह मज़मून MPL चुनावों से पहले कांग्रेस–BJP दोनों के लिए अहम क्लैश बन सकता है। आगे की कार्यवाही और सुनवाई की योजना मुकदमा नहीं तो राजनीतिक संदेश Digvijay सिंह पर दर्ज यह defamation केस, केवल एक कानूनी विवाद नहीं—बल्कि राजनीतिक वार्तालाप और जनसमस्याओं की चिंगारी भी है: इंदौर की अधिक जानकारी, हर क्षेत्र के सर्वश्रेष्ठ विकल्प और स्थानीय अपडेट्स के लिए हमारी वेबसाइट Best Indore पर जरूर विजिट करें।

“दीपावली पर लाड़ली बहनों को सौगात, हर महीने मिलेंगे ₹1500 – CM मोहन यादव”

Indore News: मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कह रहे है कि लाड़ली बहना योजना की राशि बढ़ाना चाहिए। कांग्रेस ने तो कभी महिला वर्ग की चिंता नहीं की। उनके शासनकाल में तो महिला अपराध ज्यादा बढ़े। बड़वानी में सिकल सेल एनिमिया दिवस पर हुए कार्यक्रम में पहले राष्ट्रपति का आना कैंसल हो गया और खराब मौसम की वजह से मुख्यमंत्री मोहन यादव भी नहीं जा सके, लेकिन वे इंदौर से वर्चुअली आयोजन से जुड़े और लोगों को संबोधित भी किया। इसके बाद उन्होंने पत्रकारों से चर्चा की और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कह रहे है कि लाड़ली बहना योजना की राशि बढ़ाना चाहिए। कांग्रेस ने तो कभी महिला वर्ग की चिंता नहीं की। उनके शासनकाल में तो महिला अपराध ज्यादा बढ़े। कांग्रेस के कई नेतागणों के खिलाफ केस है और वे जमानत पर चल रहे है। हमारी सरकार ने संकल्प पत्र में योजना की राशि बढ़ाने की घोषणा की है। दीपावली पर डेढ़ हजार रुपये की राशि बहनों को दी जाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने किसानों के लिए भी कुछ नहीं कहा कि हमारी सरकार ने किसानों के गेहूं को देश में सबसे ज्यादा एमएसपी राशि 2500 रुपये क्विंटल में खरीदा। कांग्रेस की सरकार में वर्ष 1956 में 94 रुपये गेहूं के दाम क्विटंल थे, जब दिग्विजय सिंह की सरकार थी तो साढ़े पांच सौ रुपये क्विंटल पर सरकारी खरीदी होती थी। 55 वर्षों में सिर्फ पांच सौ रुपये क्विंटल दाम बढ़े। भाजपा की सरकार में 20 वर्षों में दो हजार रुपये क्विंटल भाव बढ़ाए है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार कानून हाथ में लेने वालों से निपटना जानती है। चाहे वह अनवर डकैत हो या डकैत का बाप हो। मैने अफसरों को कहा है कि आप उसे पकड़े। इसके लिए जो भी प्रयास हो करें। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी जन्म शताब्दी वर्ष पर हमारी सरकार कई काम करेगी। आठ घंटे से ज्यादा बिजली किसानों को खेतों में दी जा रही है। हम फूड इंडस्ट्री पर भी ध्यान दे रहे है, ताकि किसानों को भी इसका लाभ मिल सके।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का इंदौर और बड़वानी दौरा रद्द, खराब मौसम बनी वजह

President Draupadi Murmu 2 Day MP Tour Cancel : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 18-19 जून दो दिवसीय दौरे पर इंदौर और बड़वानी जिले में आ रही थीं। लेकिन, अचानक उनका दौरा रद्द कर दिया गया है। प्रशासन की ओर से मंगलवार देर रात इसकी सूचना जारी की गई है। President Draupadi Murmu 2 Day MP Tour Cancel : भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज यानी 18 और 19 जून को मध्य प्रदेश के इंदौर और बड़वानी जिले के दौरे पर आ रही थीं। लेकिन, मंदलवार देर रात अचानक उनका दोनों दिनों की दौरा रद्द हो गया है। हालांकि, दौरा रद्द होने का कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया गया है। लेकिन, संभावना जताई जा रहा है कि, मानसूनी गतिविधियों के चलते बिगड़ रहे मौसम को मद्देनजर रखते हुए उनका दौरा कैंसिल किया गया है। बड़वानी के ग्राम तलेन में 19 जून को होने वाले कार्यक्रम में अब सिर्फ राज्यपाल मंगूभाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ही शामिल होंगे। राष्ट्रपति मुर्मू का दौरान रद्द होने की सूचना इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने मंगलवार देर रात अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर जानकारी पोस्ट करके दी। पोस्ट में कहा गया कि, महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का 18 एवं 19 जून का इंदौर और बड़वानी प्रवास निरस्त हो गया है। प्रशासन पिछले एक सप्ताह से इसकी तैयारियां कर रहा था। रविवार को कलेक्टर आशीष सिंह, नगर निगम कमिश्नर शिवम वर्मा और सभी प्रमुख अधिकारियों ने राष्ट्रपति के पूरे दौरे के आयोजन स्थलों पर पहुंचकर तैयारियों का जायजा लिया था। सोमवार और मंगलवार को ट्रैफिक टीम ने पूरा रिहर्सल किया और आज देर रात खबर आई कि, राष्ट्रपति का दौरा निरस्त हो गया है। नहीं आने का कारण नहीं बताया महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू का 18 एवं 19 जून का इंदौर और बड़वानी प्रवास निरस्त हो गया है।— Collector Indore कलेक्टर आशीष सिंह की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, राष्ट्रपति भवन से भी दौरा निरस्त होने के कारण से जुड़ी कोई जानकारी नहीं दी गई है। गौरतलब है कि राष्ट्रीय सिकल सेल उन्मूलन मिशन-2047 के अंतर्गत विश्व सिकल सेल दिवस 19 जून को बड़वानी में ग्राम पंचायत तलून के खेल स्टेडियम में राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित हो रहा है। कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हो रही थीं। रात को वो इंदौर में रुकतीं। फिर यहीं से 19 जून को बड़वानी के ग्राम तलेन में विश्व सिकल सेल एनीमिया दिवस पर होने वाले राज्य स्तरीय कार्यक्रम में शामिल होतीं। वहां वे ‘सिकल मित्र पहल’ की शुरुआत करने आरही थीं। सभी तैयारियां हो चुकी थीं पूरी इससे पहले राष्ट्रपति के आगमन को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई थी। इसके लिए सुरक्षा, आवास, ट्रांसपोर्ट, बिजली, सफाई, फायर ब्रिगेड और मेडिकल सुविधाओं को लेकर विशेष कसावट की गई थी। बड़वानी जिले के ग्राम तलेन में होने वाले कार्यक्रम स्थल पर भी सभी जरूरी इंतजाम किए गए थे। राष्ट्रपति मुर्मू 18 जून की शाम इंदौर आने वाली थी।

लाडली बहना के हर महीने चोरी हो रहे 1800 रुपए, कोर्ट जाएगी कांग्रेस, भाजपा ने किया पलटवार

Ladli Behna Yojana : लाडली बहना योजना पर एक बार फिर सियायत गरमाने लगी है। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने योजना को लेकर सरकार को घेरा है तो वहीं भाजपा ने भी पलटवार किया है। Ladli Behna Yojana : मध्य प्रदेश में लाडली बहना योजना पर एक बार फिर सियायत गरमाने लगी है। कांग्रेस ने लाडली बहना को अबतक 3 हजार रुपए न मिलने पर कोर्ट जाने की बात कही है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी का कहना है कि, अभी बहनों के 1800 रुपए हर महीने चोरी हो रहे हैं। 20 लाख बहनों के नाम काटे गए हैं। वहीं, दूसरी तरफ भाजपा ने भी पटवारी के बयान पर पलटवार किया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी का कहना है कि, लाडली बहना योजना से 20 लाख बहनों के नाम काट दिए गए। 2023 से योजना में पंजीयन ही नहीं हो रहा। योजना का लाभ लेने के लिए 25 से 30 लाख नई बहने आवेदव कर रही हैं। सामाजिक दायित्वों के निर्वहन के नाम पर 60 से 70 हजार करोड़ सालाना कर्ज लिया जा रहा है। घोषणा करके पूरी न करना राजनीतिक अपराध पीसीसी चीफ के अनुसार, प्रदेश सरकार कर्ज लेकर साल का 16000 करोड़ का वितरण बहनों में किया जा रहा है। लेकिन, 50 हजार करोड़ से ज्यादा का पैसा दूसरे मद में ये अपराध है। कांग्रेस पार्टी बहनों को न्याय दिलाने न्यायालय जाएगी। हम अपना राजनीतिक दायित्व निभाएंगे। घोषणाएं करके पूरी न करना एक राजनीतिक अपराध है। भाजपा का पलटवार पीसीसी चीफ के आरोपों पर भाजपा का भी पलटवार सामने आया है। मोहन सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि, कांग्रेस विवाद पैदा कर योजना बंद करना चाहती है। मध्य प्रदेश की सरकार ने लाडली बहनाओं की राशि बढ़ाई है। 1500 अब उनके खाते में अगले महीने से आएंगे, लेकिन कांग्रेस को कोर्ट जाना है, वो चले जाए ये वही पार्टी है जो योजना बंद करना चाहती है। बैगा सहरिया को हमने पैसा देने की योजना शुरू की थी कांग्रेस ने इस योजना को बंद कर दिया। कांग्रेस की इस चरित्र को सब ने देखा है। सरकार ने लाडली बहन योजना के साथ-साथ लाडली लक्ष्मी योजना को भी चलाया, कांग्रेस भला हमें किस बात का पाठ पढ़ाती है। भाजपा सरकार ने जो कहा वो पूरा किया है, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने बहनों के लिए घोषणा की। लाडली बहनों को राखी पर 250 रुपए अतिरिक्त मिलेंगे। भाई दूज से हर माह लाडली बहनों को 1500 रुपए मिलेंगे। चरणबद्ध रूप से लाडली बहनों की राशि में वृद्धि हो रही है। बीजेपी ने मध्य प्रदेश में विकास और कल्याण के नए आयाम लिखे हैं।

इंदौर नगर निगम के अफसर चेतन पाटिल के घर और ऑफिस पर EOW का धावा, सैलरी से कई गुना अधिक है कमाई

इंदौर: EOW ने मंगलवार सुबह इंदौर नगर निगम के एक अफसर चेतन पाटिल के घर और दफ्तर पर छापा मारा है। यह कार्रवाई आय से अधिक संपत्ति के मामले में की गई। चेतन पाटिल उद्यान विभाग में सहायक अधीक्षक के पद पर हैं। EOW को उनके खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं की शिकायतें मिल रही थीं। जांच में पता चला कि उन्होंने अपनी आय से कई गुना ज्यादा संपत्ति बनाई है। सुबह-सुबह पहुंची EOW की टीम भ्रष्टाचार के खिलाफ EOW की टीम ने सुबह-सुबह चेतन पाटिल के घर पर छापा मारा। उनका घर गुलमोहर कॉलोनी में है। अधिकारियों ने घर में दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक चीजें खंगालनी शुरू कर दी। ऑफिस में भी छापा उसी समय, एक दूसरी टीम नगर निगम की नई बिल्डिंग में पाटिल के दफ्तर पहुंची। वहां बड़े अधिकारियों की मौजूदगी में दफ्तर को सील कर दिया गया और जांच शुरू हुई। सूत्रों के मुताबिक, चेतन पाटिल के खिलाफ लंबे समय से आय से ज्यादा संपत्ति बनाने की शिकायतें आ रही थीं। शुरुआती जांच में पता चला कि उन्होंने अपनी कमाई से बहुत ज्यादा संपत्ति जमा की है। उद्यानिकी विभाग में है काम चेतन पाटिल कई सालों से इंदौर नगर निगम के उद्यानिकी विभाग में काम कर रहे हैं। उन्होंने कई परियोजनाओं की जिम्मेदारी संभाली है। आरोप है कि उन्होंने सरकारी पद का गलत इस्तेमाल करके अपने और अपने परिवार के नाम पर बहुत सी चल और अचल संपत्ति बनाई है। EOW की टीम दस्तावेजों के साथ-साथ बैंक खाते, लॉकर और निवेश की भी जांच कर रही है।