
MP Politics News: जबलपुर, 26 जून 2025 – मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सीनियर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) अब एक नए विवाद के केंद्र में आ गए हैं। BJP विधायक सुशील तिवारी ‘इंदु’ (Panagar) ने उन पर मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है। आरोप है कि सितंबर 2023 में जबलपुर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिग्विजय ने उनके खिलाफ PDS खाद्यान्न की ब्लैक मार्केटिंग का आरोप लगाया था। अब विशेष न्यायाधीश की अदालत ने Digvijay सिंह को नोटिस जारी कर मुकदमें में पक्ष रखने के निर्देश दिए हैं।
क्या कहा गया, कैसा आरोप लगाया गया?
- मामले की शुरुआत: 15 मई 2023 को जबलपुर में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में दिग्विजय सिंह ने दावा किया था कि सुशील तिवारी के इलाके में PDS रेशों का 50–60% हिस्सा ब्लैक मार्केट में जा रहा है।
- विधायक का आरोप: तिवारी ने माने कि यह उनकी सार्वजनिक छवि को नुकसान पहुंचाने वाला आरोप है। उन्होंने कहा कि Digvijay के इस बयान से उनके मतदाताओं की धारणा प्रभावित हुई और चुनावी परिणाम पर असर पड़ा। साथ ही प्रेस कांफ्रेंस वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित करने का इल्जाम लगाया है।
- अदालत की कार्रवाई: जबलपुर की विशेष अदालत के न्यायाधीश डीपी सुत्रकार ने Digvijay सिंह को 21 जुलाई 2025 को सुनवाई में पेश होने का नोटिस जारी किया है।
एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष मजिस्ट्रेट डीपी सूत्रकार ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को नोटिस जारी किया है। मामला जबलपुर के पनागर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक सुशील तिवारी इंदू की छवि धूमिल करने के आरोप से संबंधित है। मामले की अगली सुनवाई 21 जुलाई को नियत की गई है।
Digvijay सिंह का क्या कहना है?
इस समय Digvijay ने अदालत में कोई जवाब दाखिल नहीं किया है। हालांकि वे अक्सर “राष्ट्रीय भ्रष्टाचार और योजनाओं की शिकायत” के ज़रिए सवाल उठाते रहे हैं। उनका कहना रहा है:
“मैंने तथ्य और सबूतों के आधार पर आरोप लगाए थे, लेकिन अब मुझे अदालत तक बुलाया गया है।”
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि BJP विधायक द्वारा यह मुकदमा Digvijay की जनप्रियता को प्रतिकूल ढंग से प्रभावित करने की एक कोशिश मानी जा सकती है।
मामले का राजनीतिक-मध्यप्रदेश में परिप्रेक्ष्य
यह मामला राज्य की राजनीति में नया मोड़ ला सकता है:
- भाजपा विधायक का आरोप है कि Digvijay की टिप्पणी से कई ग़ैर-भाजपा वोटरों पर असर पड़ा।
- दिग्विजय सिंह प्रवक्ता रहें हैं कि भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की रिपोर्टिंग करना उनका कर्तव्य है।
विश्लेषकों का कहना है कि यह मज़मून MPL चुनावों से पहले कांग्रेस–BJP दोनों के लिए अहम क्लैश बन सकता है।
आगे की कार्यवाही और सुनवाई की योजना
- सुनवाई की पहली तारीख: 21 जुलाई 2025
- Digvijay सुनिश्चित करेंगे कि वे उपस्थित रहें और अपने बयान के लिए तथ्य और दस्तावेज प्रस्तुत करें
- कोर्ट में इस मामले के ट्रायल में शामिल हो सकते हैं:
- प्रेस कांफ्रेंस की रिकॉर्डिंग
- Ration distribution का रेकॉर्ड
- स्थानीय लोगों और निरीक्षकों के बयान
मुकदमा नहीं तो राजनीतिक संदेश
Digvijay सिंह पर दर्ज यह defamation केस, केवल एक कानूनी विवाद नहीं—बल्कि राजनीतिक वार्तालाप और जनसमस्याओं की चिंगारी भी है:
- Digvijay का आरोप PDS ब्लैक मार्केटिंग पर – जनता की आवाज
- विधायक का दावा – व्यक्तिगत प्रतिष्ठा को ठेस
- अदालत न केवल तथ्य—विश्वास की जांच करेगी, बल्कि राजनीतिक संदेश भी समझेगी
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