
आज का दिन धार्मिक, आध्यात्मिक और पारिवारिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। द्वितीया तिथि दोपहर 3:19 बजे तक रहेगी, जिसके बाद तृतीया तिथि आरंभ होगी। इस तिथि परिवर्तन का विशेष ध्यान रखें क्योंकि यह शुभ कार्यों के समय को प्रभावित कर सकता है।
आज का पंचांग – 13 जून 2025, शुक्रवार
🔹 तिथि: आषाढ़ कृष्ण द्वितीया
🔹 वार: शुक्रवार
🔹 विक्रम संवत: 2082 | शक संवत: 1947
🔹 चंद्र राशि: धनु
तिथि विवरण:
द्वितीया तिथि 12 जून दोपहर 2:27 बजे से प्रारंभ होकर 13 जून दोपहर 3:19 बजे तक प्रभावी रहेगी।
तदुपरांत, तृतीया तिथि का आरंभ होगा, जिससे कुछ शुभ कार्यों की योजना स्थगित करनी पड़ सकती है।
इसलिए, तिथि के परिवर्तन को ध्यान में रखकर ही किसी धार्मिक कार्य की शुरुआत करें।
नक्षत्र: पूर्वाषाढ़ा – रात 11:21 बजे तक
योग: शुक्ल – दोपहर 1:48 बजे तक
सूर्योदय: सुबह 5:23 बजे
सूर्यास्त: शाम 7:19 बजे
चंद्रोदय: रात 9:24 बजे
चंद्रोस्त: सुबह 6:23 बजे (14 जून)
आज के शुभ मुहूर्त:
🔸 अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:53 से दोपहर 12:48
🔸 विजय मुहूर्त: दोपहर 2:42 से 3:37
🔸 गोधूलि मुहूर्त: शाम 7:19 से 7:39
🔸 सायाह्न संध्या: शाम 7:20 से रात 8:22
🔸 अमृत काल: सुबह 10:28 से दोपहर 12:14
इसके अलावा, यदि आप कोई नई योजना आरंभ करना चाहते हैं, तो अभिजीत या विजय मुहूर्त का लाभ उठाएं।
विशेष रूप से, अमृत काल भी किसी पूजा या यात्रा आरंभ के लिए अत्यंत शुभ रहेगा।
अतः, आज का दिन धार्मिक कार्यों, निवेश, या नए प्रयासों के लिए उत्तम रह सकता है।
अशुभ मुहूर्त और काल:
🔹 राहुकाल: सुबह 10:37 – दोपहर 12:21
🔹 यमगण्ड काल: दोपहर 3:51 – शाम 5:35
🔹 गुलिक काल: सुबह 8:52 – 10:36
🔹 आडल योग: सुबह 5:23 – रात 11:21
🔹 विडाल योग: रात 11:21 – सुबह 5:23 (14 जून)
🔹 भद्रा काल: सुबह 3:35 – सुबह 5:23 (14 जून)
हालांकि, दिन में कई शुभ मुहूर्त हैं, फिर भी राहुकाल और आडल योग के समय किसी भी नए कार्य से परहेज करना चाहिए।
इसके अलावा, भद्रा काल में कोई शुभ यात्रा या लेन-देन भी वर्जित माना गया है।
अतः, दिन के इन समयों को लेकर सावधानी अत्यंत आवश्यक है।
ग्रह गोचर की विशेष स्थिति:
13 जून को रात्रि 9:12 बजे बृहस्पति आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे।
यह नक्षत्र राहु से संबंधित है, इसलिए गुरु का यह गोचर जीवन में अप्रत्याशित उतार-चढ़ाव ला सकता है।
इस परिवर्तन के प्रभावस्वरूप, धार्मिक, पारिवारिक और वैवाहिक मामलों में नई स्थितियां बन सकती हैं।
क्या करें आज:
- शुभ कार्य अभिजीत या विजय मुहूर्त में करें।
- गुरु के नक्षत्र परिवर्तन पर गुरु बीज मंत्र “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” का जाप करें।
- शुक्रवार को लक्ष्मी पूजन करें और सफेद मिठाई का भोग लगाएं।
क्या न करें आज:
- राहुकाल और आडल योग में महत्वपूर्ण निर्णय या यात्रा से बचें।
- क्रोध, वाद-विवाद और कटु संवाद से स्वयं को दूर रखें।
- अपवित्र स्थानों या विचारों से संपर्क भी आज टालना चाहिए।