
आज यानी 03 जुलाई 2025, गुरुवार को आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है, जिसे मासिक दुर्गाष्टमी के रूप में श्रद्धापूर्वक मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन मां दुर्गा की विधिपूर्वक पूजा और व्रत करने से साधक को शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इस शुभ तिथि पर गुप्त नवरात्रि के अंतर्गत आने वाली मासिक दुर्गाष्टमी अत्यंत पुण्यकारी मानी जाती है। खास बात यह है कि इस दिन हस्त नक्षत्र और परिघ योग जैसे कई शुभ संयोग बन रहे हैं, जो व्रत और पूजा को और अधिक फलदायक बना देते हैं।
03 जुलाई 2025 का दिन गुरुवार है और आज संवत् 2082 चल रहा है।
- अष्टमी तिथि: दोपहर 02:06 बजे तक
- योग: परिघ – शाम 06:36 बजे तक
- करण: बव – दोपहर 02:06 बजे तक
- अगला करण: बालव – 04 जुलाई को दोपहर 03:17 बजे तक
- सूर्योदय: प्रातः 05:28 बजे
- सूर्यास्त: सायं 07:23 बजे
- चंद्रोदय: दोपहर 12:54 बजे
- चंद्रास्त: रात 12:48 बजे
- सूर्य राशि: मिथुन
- चंद्र राशि: कन्या
- नक्षत्र: हस्त – दोपहर 01:50 बजे तक
इस प्रकार, दिन के अधिकांश समय में हस्त नक्षत्र और परिघ योग की उपस्थिति मां दुर्गा की पूजा के लिए अत्यंत शुभ मानी गई है।
आज के शुभ-अशुभ मुहूर्त: पूजा के लिए कब है उत्तम समय?
शास्त्रों के अनुसार, पूजा या व्रत में शुभ मुहूर्त का अत्यंत महत्व होता है। आज के दिन:
- अभिजीत मुहूर्त: 11:58 AM – 12:53 PM
- अमृत काल: 07:09 AM – 08:56 AM
इन समयों में मां दुर्गा की विशेष उपासना करना अत्यधिक शुभ फलदायक माना गया है। इसके विपरीत, दिन में कुछ अशुभ समय भी होते हैं:
- राहुकाल: 02:10 PM – 03:54 PM
- गुलिक काल: 08:57 AM – 10:41 AM
- यमगंड: 05:28 AM – 07:12 AM
इसलिए संभव हो तो इन समयों में पूजा या शुभ कार्यों से बचें।
हस्त नक्षत्र का प्रभाव: चंद्रमा और बुध का मिलन
आज चंद्रदेव हस्त नक्षत्र में प्रवेश कर चुके हैं, जिसका स्वामी चंद्रमा है जबकि राशि स्वामी बुध हैं। हस्त नक्षत्र से जुड़ी विशेषताएं इस प्रकार हैं:
- साहसी और परिश्रमी
- स्पष्ट दृष्टि और दीर्घकालिक सफलता
- ऊर्जा से भरपूर और झगड़ालू स्वभाव
- दानशील और प्रेरित करने वाले
- देवता: सविता (सूर्य के देवता)
- प्रतीक: हाथ या बंद मुट्ठी
हस्त नक्षत्र में मां दुर्गा की आराधना करने से व्यक्ति को रोग, शोक और शत्रुओं से मुक्ति मिलती है, साथ ही आध्यात्मिक ऊर्जा का जागरण होता है।
मां दुर्गा की पूजा विधि – कैसे करें मासिक दुर्गाष्टमी पर व्रत और उपासना?
मासिक दुर्गाष्टमी के दिन सुबह स्नान कर लाल वस्त्र पहनें।
- घर के मंदिर में मां दुर्गा के समक्ष दीपक जलाएं और उन्हें लाल पुष्प अर्पित करें।
- “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे” मंत्र का 108 बार जप करें।
- दिनभर उपवास रखें और शाम को कथा तथा आरती करें।
- कन्याओं को भोजन कराना और दान देना विशेष फल देता है।
यदि उपासक उपरोक्त विधि से मां दुर्गा का पूजन करता है, तो उसे मनोवांछित फल की प्राप्ति अवश्य होती है।
मां दुर्गा की आराधना से दूर होंगी जीवन की बाधाएं
आज का दिन आध्यात्मिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण है। शक्ति की उपासना, हस्त नक्षत्र और परिघ योग का मिलन एक दुर्लभ संयोग बनाता है। यदि श्रद्धा और विधिपूर्वक मां दुर्गा की उपासना की जाए, तो जीवन में आने वाले समस्त कष्ट, रोग और मानसिक तनाव समाप्त हो सकते हैं।
इसलिए आज का दिन न केवल उपवास और पूजा का है, बल्कि आत्मशुद्धि, मनोकामना पूर्ति और आध्यात्मिक जागरण का भी अवसर है।
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