
कोरोना फिर दे रहा दस्तक, इंदौर में बढ़ी चिंता
Best Indore News इंदौर, जो कभी देश में कोरोना संक्रमण के दौरान सबसे अधिक प्रभावित शहरों में शामिल रहा था, एक बार फिर से कोविड संक्रमण के मामलों में इज़ाफ़ा देख रहा है। बीते 48 घंटों में दो कोरोना संक्रमित महिलाओं की मौत हो गई है। दोनों ही महिलाएं पहले से गंभीर बीमारियों से पीड़ित थीं और इलाज के दौरान उनकी हालत और बिगड़ गई।
इन दो मौतों के साथ ही वर्ष 2025 में इंदौर में कोरोना से मरने वालों की संख्या तीन तक पहुंच गई है। यह आंकड़ा भले ही छोटा लगे, लेकिन विशेषज्ञ इसे आगामी लहर की एक हल्की चेतावनी मान रहे हैं।
क्या है मामला?
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, दोनों मृतक महिलाएं 60 वर्ष से अधिक आयु की थीं और पहले से ही कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही थीं। अस्पताल में भर्ती होने के बाद उनकी कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।
मृत महिलाओं का विवरण:
- पहली महिला – उम्र 64 वर्ष, मधुमेह और उच्च रक्तचाप की पुरानी मरीज, फेफड़ों में संक्रमण था
- दूसरी महिला – उम्र 70 वर्ष, हृदय रोगी और डायलिसिस पर थीं, सांस लेने में तकलीफ के बाद अस्पताल में भर्ती
दोनों ही मामलों में इलाज के दौरान स्थिति बिगड़ती गई और अंततः उनकी मृत्यु हो गई।
“ये मौतें कोरोना के सीधे प्रभाव से नहीं, बल्कि उसकी वजह से पहले से कमजोर स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव से हुई हैं।” — जिला स्वास्थ्य अधिकारी, इंदौर
2025 में अब तक कोरोना का अपडेट
इंदौर में कोरोना के सक्रिय केस बहुत कम हैं, लेकिन धीरे-धीरे मामले सामने आ रहे हैं।
- कुल दर्ज मामले (जनवरी–जुलाई 2025): 189
- सक्रिय केस अभी: 11
- होम आइसोलेशन में मरीज: सभी
- मौतें: 3
हालांकि अस्पताल में भर्ती होने की दर बेहद कम है, फिर भी वरिष्ठ नागरिकों, गंभीर रोगियों और गर्भवती महिलाओं के लिए खतरा बना हुआ है।
किस वेरिएंट का असर?
स्वास्थ्य विभाग और मेडिकल कॉलेज द्वारा लिए गए सैंपल्स की जीनोम सिक्वेंसिंग में कोई नया खतरनाक वेरिएंट सामने नहीं आया है। फिलहाल जो संक्रमण हो रहे हैं, वे ओमिक्रॉन परिवार के हल्के और तेजी से फैलने वाले उप-संस्करण से जुड़े हुए हैं।
“लक्षण बेहद सामान्य हैं – हल्का बुखार, खांसी, गले में खराश। लेकिन कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों के लिए यह खतरनाक साबित हो सकता है।” — एम.जी.एम मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञ
एहतियात अभी भी ज़रूरी
हालांकि सरकार और प्रशासन की ओर से कोई विशेष पाबंदी लागू नहीं की गई है, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं कि अब भी सावधानी की आदत को छोड़ा नहीं जाना चाहिए।
क्या करें:
- सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना
- बार-बार हाथ धोना और सैनिटाइज़ करना
- भीड़भाड़ से बचना, विशेषकर यदि आप वृद्ध हैं या पहले से बीमार हैं
- लक्षण महसूस होने पर तुरंत टेस्ट कराना और आइसोलेशन में रहना
अस्पतालों की तैयारी
कोविड के संभावित मामलों को देखते हुए इंदौर के सरकारी अस्पतालों को सतर्क कर दिया गया है। एम.वाय. अस्पताल, बॉम्बे हॉस्पिटल और अरबिंदो हॉस्पिटल में कोविड वार्डों को दोबारा तैयार किया जा रहा है।
- ऑक्सीजन बेड्स की गिनती की समीक्षा
- जरूरी दवाइयों की उपलब्धता
- हेल्थ स्टाफ को अलर्ट पर रखा गया
“फिलहाल घबराने की बात नहीं है, लेकिन सतर्कता ज़रूरी है। हम रोज़ स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं।” — मुख्य चिकित्सा अधिकारी, इंदौर
जनता से अपील
स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से अनावश्यक डर नहीं फैलाने की अपील की है, लेकिन यह भी कहा है कि यदि किसी को सर्दी-खांसी, बुखार या सांस लेने में तकलीफ हो रही हो, तो वह खुद को अलग रखकर टेस्ट कराए।
“भले ही कोरोना के केस कम हैं, लेकिन हमें पिछली लहरों से मिले सबक को नहीं भूलना चाहिए। जागरूक रहना ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।”
इंदौर में 48 घंटे के अंदर दो कोरोना संक्रमित महिलाओं की मौत ने यह साफ कर दिया है कि कोविड पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो पहले से बीमार हैं या बुज़ुर्ग हैं, यह संक्रमण अब भी खतरनाक हो सकता है।
इसलिए जरूरी है कि हम सभी अपनी जिम्मेदारी समझें, लक्षण नजर आते ही जांच कराएं और दूसरों की सुरक्षा के लिए भी स्वस्थ आदतें अपनाएं।
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