
आज सोमवार, 07 जुलाई 2025 को आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है। इस पवित्र दिन को देवशयनी एकादशी व्रत का पारण किया जाता है, जिसे बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्रत करने से न केवल व्यक्ति को सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है, बल्कि उसे भगवान विष्णु की विशेष कृपा भी प्राप्त होती है।
व्रत का पारण करने के पश्चात श्रद्धालु को अन्न, वस्त्र, धन, और अन्य उपयोगी वस्तुओं का दान अवश्य करना चाहिए, जिससे पुण्य और भी बढ़ता है। इसके अतिरिक्त, आज के दिन कई शुभ योग बन रहे हैं, जो इसे और भी खास बना देते हैं।
आज की तिथि व विवरण
- तिथि: शुक्ल द्वादशी
- मास (पूर्णिमांत): आषाढ़
- दिन: सोमवार
- संवत्: विक्रम संवत 2082
- तिथि समाप्ति: रात्रि 11:10 बजे तक
- करण: बव प्रातः 10:15 तक, फिर बलव रात्रि 11:10 तक
- योग: शुभ रात्रि 10:03 बजे तक
सूर्योदय, सूर्यास्त और चंद्रमा का समय
- सूर्योदय: सुबह 05:29 बजे
- सूर्यास्त: शाम 07:23 बजे
- चंद्रोदय: दोपहर 04:36 बजे
- चंद्रास्त: 08 जुलाई को रात्रि 02:50 बजे
देवशयनी एकादशी व्रत पारण मुहूर्त
यदि आपने देवशयनी एकादशी का व्रत रखा है, तो व्रत पारण का शुभ समय प्रातः 05:29 से लेकर 08:16 तक रहेगा। इस दौरान भगवान विष्णु का पूजन करके फलाहार या अन्न ग्रहण करना चाहिए।
आज की ग्रह स्थिति
- सूर्य राशि: मिथुन
- चंद्र राशि: वृश्चिक
- नक्षत्र: अनुराधा (08 जुलाई को प्रातः 01:11 बजे तक)
- नक्षत्र स्वामी: शनि
- राशि स्वामी: मंगल
- नक्षत्र विशेषताएं: अनुराधा नक्षत्र से जातक समाज में सम्मानित होते हैं। वे आत्मकेंद्रित, साहसी, सुंदर व्यक्तित्व वाले, और विपरीत लिंग की ओर आकर्षित होते हैं।
शुभ समय (Shubh Muhurat)
- अभिजीत मुहूर्त: 11:58 AM – 12:54 PM
- अमृत काल: 01:43 PM – 03:29 PM
इन समयों के दौरान कोई भी धार्मिक कार्य, व्रत पारण, पूजा या नये कार्यों की शुरुआत करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
अशुभ समय (Ashubh Muhurat)
- राहु काल: 07:14 AM – 08:58 AM
- यमगंड काल: 10:42 AM – 12:26 PM
- गुलिक काल: 02:10 PM – 03:54 PM
इन अशुभ समयों में महत्वपूर्ण निर्णय, धन लेन-देन या यात्रा से परहेज़ करना चाहिए।
विशेष योग और उपाय
चूंकि आज शुभ योग बन रहे हैं, इसलिए गृहशांति, व्यापार वृद्धि और विवाह संबंधी वार्ताओं के लिए यह दिन विशेष फलदायी है। साथ ही, अनुराधा नक्षत्र का स्वामी शनि है और इसका प्रतीक एक फूल है, जो जीवन में कोमलता और सहिष्णुता लाता है।
यदि कोई व्यक्ति अपने जीवन में आत्मिक विकास, मित्रता और सौंदर्य को बढ़ाना चाहता है, तो उसे आज के दिन श्रीविष्णु सहस्रनाम का पाठ अवश्य करना चाहिए।
आज का दिन न केवल व्रत पारण हेतु पवित्र है, बल्कि इसमें निहित शुभ योग इसे और भी विशेष बना रहे हैं। अगर आप किसी नए कार्य की शुरुआत करना चाहते हैं या आध्यात्मिक मार्ग पर बढ़ना चाहते हैं, तो आज का दिन उसके लिए उपयुक्त है। देवशयनी एकादशी के अवसर पर भगवान विष्णु की आराधना करके जीवन के संकटों से मुक्ति पाई जा सकती है।
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