
योगिनी एकादशी 2025
योगिनी एकादशी व्रत का हिंदू धर्म में विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। यह व्रत न केवल पुण्य प्रदान करता है, बल्कि व्यक्ति के पापों को भी दूर करता है। हर साल आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली यह एकादशी ‘योगिनी एकादशी’ के नाम से जानी जाती है। इस वर्ष, 2025 में योगिनी एकादशी को लेकर लोगों के बीच तिथि को लेकर भ्रम की स्थिति है। इसी को स्पष्ट करने के लिए हम आपको यहां तिथि, पूजन मुहूर्त, भद्रा का समय और पारण से जुड़ी सभी जानकारियां विस्तार से बता रहे हैं।
योगिनी एकादशी 2025 कब है?
पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ 21 जून 2025 को सुबह 7:18 बजे से हो रहा है और यह तिथि 22 जून 2025 को सुबह 4:27 बजे तक रहेगी।
चूंकि एकादशी की उदया तिथि 21 जून को है, अतः योगिनी एकादशी का व्रत 21 जून, शनिवार को रखा जाएगा।
क्या है इस बार भद्रा का साया?
हिंदू पंचांग के अनुसार, योगिनी एकादशी तिथि पर भद्रा का साया भी रहेगा। यह भद्रा काल 21 जून को सुबह 5:24 बजे से लेकर 7:18 बजे तक रहेगा।
इसलिए पूजा और शुभ कार्य भद्रा समाप्त होने के बाद ही करना शुभ माना गया है।

योगिनी एकादशी व्रत कथा
पुराणों में वर्णित कथा के अनुसार, प्राचीन काल में अलकापुरी में कुबेर के राजसभा में हेम नामक माली काम करता था। वह प्रतिदिन मानसरोवर से भगवान शिव के लिए पुष्प लाकर पूजन हेतु अर्पित करता था। एक दिन वह अपनी पत्नी के साथ कामवश रमण करने में इतना व्यस्त हो गया कि पुष्प लाने में विलंब हो गया और देर से कुबेर के दरबार में पहुँचा।
कुबेर ने क्रोधित होकर उसे कोढ़ी होने का श्राप दे दिया और वह मृत्युलोक में आ गिरा। वहाँ से भटकते हुए वह मार्कण्डेय ऋषि के आश्रम पहुँचा, जहाँ ऋषि ने उसे योगिनी एकादशी का व्रत रखने का सुझाव दिया।
हेम माली ने पूरी श्रद्धा से व्रत किया और उसके प्रभाव से उसका कोढ़ समाप्त हो गया। वह दिव्य शरीर से युक्त होकर स्वर्ग लोक को प्राप्त हुआ। यह कथा बताती है कि योगिनी एकादशी व्रत से पापों का नाश और मोक्ष की प्राप्ति संभव है।
योगिनी एकादशी का महत्व
- पापों का नाश होता है
- स्वास्थ्य लाभ व त्वचा रोगों में सुधार
- सुख-समृद्धि व मोक्ष की प्राप्ति
- अशुभ प्रभावों से मुक्ति
- विशेष रूप से चंद्र दोष और पितृ दोष की शांति

योगिनी एकादशी पूजन का शुभ मुहूर्त :
इस दिन पूजा करने का उत्तम समय इस प्रकार रहेगा:
- मुख्य पूजन मुहूर्त: सुबह 4:04 बजे से 4:44 बजे तक
- अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:55 बजे से दोपहर 12:51 बजे तक
- अमृत काल: दोपहर 1:12 बजे से 2:41 बजे तक
इन मुहूर्तों में व्रत, पूजा, व्रत कथा श्रवण और भगवान विष्णु की आराधना करना अत्यंत फलदायी माना गया है।
विशेष उपाय (Upay on Yogini Ekadashi)
.पीले वस्त्र पहनकर भगवान विष्णु को तुलसी पत्र अर्पित करें।
.ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें।
.जरूरतमंदों को भोजन या वस्त्र का दान करें।
.रात्रि में श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें।
योगिनी एकादशी व्रत पारण समय
व्रत का पारण यानी व्रत को समाप्त करने का समय 22 जून 2025 (रविवार) को होगा।
पारण के लिए समय है:
दोपहर 1:47 बजे से शाम 4:35 बजे तक।
पारण विष्णु भगवान को भोग लगाकर करें और फिर अन्न जल ग्रहण करें। व्रतधारी इस समय के भीतर ही पारण करना सुनिश्चित करें।
योगिनी एकादशी 2025 का व्रत 21 जून को रखा जाएगा और पारण 22 जून को दोपहर 1:47 से किया जाएगा। यह दिन आध्यात्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत पवित्र है, और व्रत करने से जन्म-जन्मांतर के दोष समाप्त होते हैं। इस व्रत को श्रद्धा और नियमों के अनुसार करके सुख, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति की जा सकती है।
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