
शिक्षा की राजधानी बनते इंदौर के स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थान छात्रों को भविष्य के लिए तैयार कर रहे हैं। मध्यभारत का यह प्रमुख शहर अब केवल व्यापार नहीं, बल्कि शिक्षा का भी बड़ा केंद्र बन गया है।
विस्तार
मध्यभारत में इंदौर शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभरा है। यहां स्कूल और कॉलेज छात्रों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा, आधुनिक सुविधाएं, और समग्र विकास के अवसर प्रदान करते हैं। चाहे आप अपने बच्चे के लिए एक उत्कृष्ट स्कूल की तलाश में हों या उच्च शिक्षा के लिए एक प्रतिष्ठित कॉलेज की, इंदौर में आपके लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं। 31 मई को इंदौर अपना गौरव दिवस मनाएगा। इसी दिन मां अहिल्या का जन्मदिवस भी है। यह दिन इसलिए भी खास है क्योंकि यह मां अहिल्या की 300वीं जन्म जयंती है।
अंग्रेजों ने इसे मुख्य केंद्र के रूप में तैयार किया
इंदौर को शिक्षा के क्षेत्र में सबसे प्रमुख स्थान दिलाने के लिए होलकरों के समय ही योजना शुरू हो गई थी। होलकरों ने इंदौर में शैक्षणिक संस्थानों की नींव रखी जो धीरे धीरे आगे बढ़ती गई। भारत के औपनिवेशिक ब्रिटिश राज के दौरान ब्रिटिश भारतीय सेना के सर हेनरी डेली द्वारा डेली कॉलेज स्थापित किया गया। स्कूल की शुरुआत 1870 में रेजीडेंसी स्कूल के रूप में हुई थी। 1876 में इसका नाम बदलकर पूर्वी राजकुमार कॉलेज कर दिया गया और 1882 में इसे डेली कॉलेज के नाम से जाना जाने लगा। इसकी स्थापना तत्कालीन प्रेसीडेंसी के रेजिडेंट गवर्नर द्वारा ‘मराठों’, ‘राजपूतों’, ‘मुसलमान’ और ‘बुंदेलों’ के मध्य भारतीय रियासतों के राजघरानों, कुलीन और अभिजात वर्ग के बच्चों को शिक्षित करने के लिए की गई थी। यह दुनिया के सबसे पुराने सह-शिक्षा बोर्डिंग स्कूलों में से एक है।
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय ने 123 कॉलेज शुरू करवाए
इंदौर में कई कॉलेज हैं, जो ज्यादातर देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से संबद्ध हैं। यह भारत के प्रमुख विश्वविद्यालयों में से एक है जिसे पहले इंदौर विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाता था। इंदौर में स्थित इस विश्वविद्यालय की स्थापना वर्ष 1964 में हुई थी और यह देश के सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में से एक बन गया। विश्वविद्यालय ने लगभग 123 कॉलेजों को संबद्धता प्रदान की है। इंदौर के ये कॉलेज और संस्थान उम्मीदवारों को विषयों के विविध विकल्प प्रदान करते हैं। विश्वविद्यालय 16 विभिन्न संकायों में पीजी, यूजी और डॉक्टरेट अध्ययन प्रदान करता है। विश्वविद्यालय को NAAC से 5 स्टार का दर्जा भी मिला है।
स्कूल भी हैं खास
निजी क्षेत्रों के स्कूलों के साथ यहां पर केंद्रीय स्कूल, सीएम राइस स्कूल और बाल विनय मंदिर जैसे प्रतिष्ठित सरकारी स्कूल भी हैं। इसके अलावा ट्रस्ट और सामाजिक संस्थाओं के द्वारा गुजराती, वैष्णव, खालसा आदि कई बड़े स्कूलों का संचालन किया जाता है। 200 से अधिक स्कूलों में दो लाख से अधिक स्कूली छात्र यहां पर पढ़ाई करते हैं।
कोचिंग का मुख्य केंद्र बना इंदौर
नीट, जेईई, सीएस, सीए, एमपीपीएससी, यूपीएससी की कोचिंग का भी इंदौर गढ़ बनता जा रहा है। देश के अधिकांश बड़े कोचिंग सेंटर भी इंदौर में अपनी शाखाएं शुरू कर चुके हैं।
शहर के प्रमुख निजी विश्वविद्यालय
श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय, सिम्बायोसिस, नरसी मुंजी, सेज विश्वविद्यालय, मेडिकेप्स, रेनेसां, प्रेस्टीज विश्वविद्यालय, श्री अरबिंदो विश्वविद्यालय, मालवांचल, ओरिएंटल, एलएनसीटी, डा. एपीजे अब्दूल कलाम।
भविष्य की उड़ान, तकनीक पर फोकस
शहर में सभी नए कोर्सेस संस्थानों में मौजूद है। इसमें स्पेस साइंस, इलेक्टि्क व्हीकल, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, डेटा साइंस और कई आधुनिक कोर्सेस में आइआइटी और अन्य संस्थान डिग्री करा रहे हैं। साथ ही शहर में स्पेस साइंस, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, डेटा साइंस जैसे आधुनिक कोर्सेस भी पढ़ाए जा रहे हैं। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी का गढ़ तो इंदौर बन ही चुका है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
आईआईटी इंदौर के सूचना अधिकारी कमांडर सुनील कुमार ने बताया कि आइआइटी इंदौर भविष्य की जरूरतों को समझते हुए नए कोर्सेस ला रहा है। इसमें कुछ बीटेक तो कई एमटेक कोर्सेस है। इसका ज्यादा लाभ इंदौर के विद्यार्थियों को मिल रहा है। शिक्षा के बेहतर संस्थान होने से बाहर के राज्यों से शहर में पढ़ने आने वाले विद्यार्थियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।
आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रो. हिमांशु राय ने कहा कि इंदौर वास्तव में पिछले एक दशक में देशभर के विद्यार्थियों के लिए उच्च शिक्षा प्राप्त करने का एक केंद्र के रूप में उभरा है। स्कूलों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। शहर में आईआईटी और आईआईएम जैसे दोनों उच्च संस्थान है। आरआरकेट भी समाज को लाभ पहुंचाने वाले कई ऐसे शोध कार्य कर रहा है जिससे शहर को ऊंचाइयां मिल रही है। यह संस्थान न केवल अपनी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए प्रसिद्ध हैं, बल्कि विद्यार्थियों को विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा और सुविधाएं भी प्रदान करते हैं।