
आज का पंचांग – 18 जून 2025 :
आज का दिन धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत विशेष माना जा रहा है। एक ओर यह दिन अनेक शुभ योगों से युक्त है, वहीं दूसरी ओर कुछ अशुभ समयों का भी ध्यान रखना आवश्यक होगा। आइए, चरणबद्ध रूप से जानते हैं आज का पूरा विवरण:
पंचांग विवरण
दिनांक: 18 जून 2025, बुधवार
तिथि: आषाढ़ कृष्ण पक्ष सप्तमी
तिथि समाप्ति: दोपहर 01:35 बजे तक
अगली तिथि: इसके बाद अष्टमी तिथि प्रारंभ
विक्रम संवत्, शक और हिजरी पंचांग अनुसार:
- विक्रम संवत्: 2082
- शक संवत्: 1947
- राष्ट्रीय मिति: ज्येष्ठ 28
- हिजरी: जिल्हिज्जा 21, 1446
सूर्य और चंद्र स्थिति:
- सूर्योदय: सुबह 5:23 बजे
- सूर्यास्त: शाम 7:21 बजे
- चंद्रमा का संचार: शाम 6:35 बजे तक कुंभ राशि में रहेगा, इसके बाद मीन राशि में प्रवेश करेगा।
नक्षत्र, योग और करण:
- नक्षत्र:
- पूर्वाभाद्रपद – रात्रि 12:23 बजे तक
- इसके बाद उत्तराभाद्रपद प्रारंभ
- पूर्वाभाद्रपद – रात्रि 12:23 बजे तक
- योग:
- प्रीति योग – प्रातः 7:40 बजे तक
- उसके पश्चात आयुष्मान योग
- प्रीति योग – प्रातः 7:40 बजे तक
- करण:
- बव करण – दोपहर 1:35 बजे तक
- इसके बाद कौलव करण प्रारंभ
- बव करण – दोपहर 1:35 बजे तक
शुभ मुहूर्त :
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:03 से 4:43 बजे तक
- विजय मुहूर्त: दोपहर 2:42 से 3:38 बजे तक
- गोधूलि बेला: शाम 7:20 से 7:40 बजे तक
- निशीथ काल: रात्रि 12:02 से 12:42 बजे तक
- अमृत काल: सुबह 7:08 से 8:53 बजे तक
इन मुहूर्तों में कोई भी पूजा-पाठ, यज्ञ, मंत्र सिद्धि या शुभ काम आरंभ करना अत्यंत लाभकारी रहेगा।
अशुभ मुहूर्त:
- राहुकाल: दोपहर 12:00 से 1:30 बजे तक
- गुलिक काल: सुबह 10:30 से 12:00 बजे तक
- यमगंड काल: सुबह 7:30 से 9:00 बजे तक
- दुर्मुहूर्त काल: सुबह 11:54 से 12:50 बजे तक
इन अशुभ कालों में किसी नए कार्य की शुरुआत से बचना चाहिए। विशेषतः राहुकाल में कोई भी यात्रा या महत्वपूर्ण निर्णय लेना टालना उचित होता है।
विशेष जानकारी:
- आज पंचक काल भी बना हुआ है, जो पूरे दिन रहेगा। पंचक में विशेष सतर्कता रखनी चाहिए, जैसे लकड़ी से जुड़े कार्य, यात्रा की योजना, या मकान निर्माण आदि से बचना श्रेयस्कर माना गया है।
18 जून 2025 का दिन धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। इस दिन यदि आप किसी शुभ कार्य की योजना बना रहे हैं, तो ऊपर दिए गए शुभ मुहूर्तों का ध्यान अवश्य रखें। वहीं, राहुकाल, गुलिक काल व यमगंड जैसे समयों में कोई नया कार्य न करें। चंद्रमा का संचार और योग भी संकेत देते हैं कि यह दिन साधना, दान-पुण्य, और आत्मचिंतन के लिए अनुकूल है।













