
Best Indore News मध्यप्रदेश में मानसून ने धीरे-धीरे गति पकड़ ली है। जुलाई के तीसरे सप्ताह तक राज्य में औसतन 72% वर्षा हो चुकी है। मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक प्रदेश में 464.5 मिमी (करीब 18.2 इंच) बारिश दर्ज की गई है। हालांकि, राज्य के कुछ हिस्सों में अच्छी बारिश दर्ज की गई है, वहीं इंदौर और उज्जैन जैसे बड़े शहर अभी भी औसत से पीछे चल रहे हैं।
कहां कितनी बारिश हुई अब तक?
मौसम विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार:
संभाग | औसत बारिश (%) | स्थिति |
---|---|---|
निवाड़ी | 100% (कोटा फुल) | सामान्य से अधिक |
टीकमगढ़ | 98% | सामान्य |
शहडोल | 92% | सामान्य |
सीधी | 90% | सामान्य |
इंदौर | 52% | औसत से कम |
उज्जैन | 50% | औसत से कम |
राज्य के पूर्वी हिस्सों में मानसून ज़ोरदार है, लेकिन पश्चिमी और मालवा क्षेत्र अब भी तेज बारिश का इंतजार कर रहा है।
आज 18 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि आज यानी 25 जुलाई को प्रदेश के 18 जिलों में भारी बारिश की संभावना है। इन जिलों में:
- जबलपुर, कटनी, बालाघाट, छिंदवाड़ा, मंडला, डिंडोरी, सीधी, सिंगरौली, अनूपपुर, उमरिया, पन्ना, दमोह, टीकमगढ़, निवाड़ी, सतना, रीवा, शहडोल, और विदिशा शामिल हैं।
इन क्षेत्रों में जलभराव, सड़क जाम और नदियों के जलस्तर में वृद्धि की संभावना को देखते हुए प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है।
इंदौर और उज्जैन में बारिश की कमी क्यों?
हालांकि मानसून प्रदेश में सक्रिय है, परंतु इंदौर और उज्जैन संभागों में मानसूनी सिस्टम अभी तक प्रभावी नहीं रहा। मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि:
- बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से आने वाला मानसूनी सिस्टम पूर्वी मप्र में ज्यादा सक्रिय रहता है
- पश्चिमी मध्यप्रदेश की ओर कम दबाव वाला क्षेत्र (Low Pressure Zone) अब तक मजबूत नहीं हो पाया है
- जब तक स्ट्रॉन्ग सिस्टम नहीं आता, तब तक तेज और लगातार बारिश की उम्मीद नहीं की जा सकती
जलस्तर बढ़ा, पर कुछ जिलों में जल संकट बरकरार
जहां एक ओर निवाड़ी, टीकमगढ़, और शहडोल जैसे जिलों में तालाब, डेम और नदी-नालों का जलस्तर बढ़ गया है, वहीं इंदौर और उज्जैन में अब भी कई जल स्रोत आधा ही भर पाए हैं। इससे आने वाले महीनों में पेयजल संकट की संभावना बनी हुई है।
किसानों की मिली-जुली प्रतिक्रिया
प्रदेश के किसान इस वर्षा की स्थिति को लेकर मिश्रित अनुभव साझा कर रहे हैं:
- जिन क्षेत्रों में भरपूर बारिश हुई, वहां धान, सोयाबीन, और मक्का की फसलें अच्छी स्थिति में हैं
- परंतु जहां बारिश कम हुई है, वहां बोवनी में देरी और फसलें सूखने की स्थिति उत्पन्न हो रही है
- कृषि विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि जल संरक्षण और फसल चक्र परिवर्तन पर ध्यान दें
प्रशासन अलर्ट पर, राहत टीमें तैनात
राज्य सरकार ने भारी बारिश वाले जिलों में:
- NDRF और SDRF की टीमें तैनात कर दी हैं
- सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि जलभराव और संभावित बाढ़ क्षेत्रों में पहले से ही राहत शिविरों की व्यवस्था की जाए
- निचले इलाकों में रहने वालों को चेतावनी जारी की जा रही है
मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार 24×7 कंट्रोल रूम चालू कर दिए गए हैं।
क्या होगा आगे? मौसम विभाग की भविष्यवाणी
आईएमडी के अनुसार:
- अगले 3-4 दिनों में बंगाल की खाड़ी से एक नया सिस्टम बनने की संभावना है
- यदि यह सिस्टम मध्यप्रदेश की ओर बढ़ता है, तो इंदौर, उज्जैन, भोपाल और ग्वालियर संभागों में तेज वर्षा का सिलसिला शुरू हो सकता है
- अगस्त के पहले हफ्ते से मानसून की गति तेज होने की उम्मीद है
हालांकि 2025 का मानसून अब तक सामान्य आंकड़ों के आसपास है, लेकिन इसके असंतुलित वितरण ने कुछ क्षेत्रों में राहत और कुछ में परेशानी खड़ी कर दी है। आगामी दिनों में बनने वाला स्ट्रॉन्ग सिस्टम ही इंदौर, उज्जैन जैसे क्षेत्रों के हालात को सामान्य बना सकेगा।
अब देखना होगा कि अगस्त की बारिश संतुलन बनाए रखती है या नहीं।
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